Just In
- 3 hrs ago
वरुण धवन की दुल्हनिया नताशा दलाल ने शादी में लाल जोड़ा नहीं बल्कि ऑफ व्हाइट लहंगा किया कैरी
- 7 hrs ago
25 जनवरी राशिफल: मिथुन राशि वालों को मिलेगा आज भाग्य का पूरा साथ
- 19 hrs ago
फेस्टिव सीजन में गौहर की तरह पहनें वेलवेट सूट और दिखें स्टाइलिश
- 22 hrs ago
अमेजन कस्टमर ने गोबर केक खरीदकर और खाकर किया रिव्यू, स्टोरी हुई वायरल
Don't Miss
- News
4 दोस्तों के साथ मिलकर किया था नाबालिग से रेप, फिर की थी हत्या, 11 साल बाद भोपाल से गिरफ्तार
- Movies
वरुण धवन की दुल्हनिया नताशा दलाल का मेकअप VIDEO वायरल- शादी के लिए यूं किया गया था तैयार
- Automobiles
National Drag Racing: नेशनल ड्रैग रेसिंग में हेमंत मुदप्पा ने मारी बाजी, देखें क्या रहे परिणाम
- Sports
पुजारा को महान क्रिकेटर बनाने के लिए मां रीना का रहा अहम रोल, खुद बनाए थे पैड
- Finance
Budget 2021 : सरकार कर सकती खिलौना सेक्टर के लिए पॉलिसी का एलान
- Education
BPSC AE Main Result 2021 Declared: बीपीएससी असिस्टेंट इंजीयर रिजल्ट 2021 bpsc.bih.nic.in पर जारी, ऐसे करें चेक
- Technology
OnePlus Nord का प्री-ऑर्डर अमेज़न पर 15 जून से होगी शुरू; इसको खरीदने वाले पहले बने
- Travel
ऐतिहासिक और धार्मिक स्थलों का संगम : पठानकोट
देवउत्थान एकादशी: इस दिन भगवान विष्णु जागते हैं निद्रा से और शुरू होते हैं मांगलिक कार्य, जानें तिथि
हिंदू धर्म में एकादशी तिथियों का बहुत महत्व है। इनमें देवउत्थान एकादशी या प्रबोधिनी एकादशी को बेहद खास माना जाता है। कार्तिक महीने के शुक्ल पक्ष की एकादशी के दिन देवउत्थान एकादशी या देवउठनी एकादशी का उत्सव मनाया जाता है। यह दिन चतुर्मास के समापन को दर्शाता है।
दरअसल भगवान विष्णु आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि के दिन चार महीने की निद्रा में चले जाते हैं और इसका समापन कार्तिक शुक्ल एकादशी के दिन होता है। भगवान विष्णु के नींद से जागने का यह दिन देवउत्थान एकादशी के रूप में मनाया जाता है।

देवउठनी एकादशी की तिथि
देवउत्थान एकादशी तिथि: नवंबर 25, 2020 (बुधवार)
एकादशी तिथि प्रारंभ - 25 नवंबर 2020 को 02:42 बजे
एकादशी तिथि समाप्त - नवंबर 26, 2020 को 05:10 बजे

तुलसी विवाह की परंपरा
देवउत्थान एकादशी की संध्या पर तुलसी विवाह करने का एक अनुष्ठान है। तुलसी विवाह भगवान शालिग्राम (भगवान विष्णु के अवतार) और तुलसी (पवित्र पौधे) के बीच होता है। तुलसी को भगवान विष्णु की प्रिया के रूप में पूजा जाता है। हिंदू कथा और ग्रंथों की मानें तो जिन जोड़ों के पास संतान के रूप में बेटी या लड़की नहीं है, उन्हें कन्यादान का लाभ पाने के लिए अपने जीवनकाल में एक बार तुलसी विवाह का अनुष्ठान जरूर करना चाहिए।

इस दिन से शुरू होंगे मांगलिक कार्य
आषाढ़ माह की एकादशी को देवशयनी एकादशी कहा जाता है। इस दिन भगवान श्री हरि अगले चार महीनों के लिए निद्रा अवस्था में चले जाते हैं और इसके साथ ही सभी मांगलिक कार्यों पर रोक लग जाती है। चार महीने तक घर-परिवार में किसी भी तरह के शुभ कार्यों को करने की मनाही होती है। वहीं, देवउठनी एकादशी के दिन से घरों में एक बार फिर मांगलिक कार्यों की शुरुआत हो जाती है।

देवउत्थान एकादशी की कहानी
एक बार देवी लक्ष्मी ने भगवान विष्णु से कहा, ‘हे भगवान! आपकी अनिश्चित नींद और जागृति का समय पूरी दुनिया को परेशान करता है। कभी-कभी आप सालों तक सोते हैं और कभी-कभी आप कई दिन और रात जागते हैं। इस वजह से पृथ्वी पर सब चीजों में बाधा उत्पन्न हो रही है। यह मेरे विश्राम में बाधक है और मुझे आराम करने का कोई समय नहीं मिलता है। इसलिए, मैं आपसे अनुरोध करती हूं कि आपको समय पर सोना चाहिए।'
भगवान विष्णु मुस्कुराए और देवी से कहा कि अब से मैं चार महीने की अवधि के लिए सो जाऊंगा। मान्यताओं के अनुसार, यह कहा जाता है कि जो भक्त भगवान विष्णु की जागृति और नींद के समय उनके प्रति अत्यधिक समर्पण और उत्साह के साथ पूजा करते हैं, उन्हें भगवान विष्णु का विशेष आशीर्वाद प्राप्त होता है।