For Quick Alerts
ALLOW NOTIFICATIONS  
For Daily Alerts

इन ग्रहों की मार से आप भी हो सकते हैं बीमार

|

ज्योतिषशास्त्र के अनुसार ग्रहों की बनती बिगड़ती चाल न सिर्फ सामान्‍य जीवन को प्रभावित करते है बल्कि ये स्‍वास्‍थय को भी प्रभावित करते है। ग्रह हमारे जीवन के हर भाग जैसे शिक्षा, विवाह, कॅरियर और स्‍वास्‍थय को प्रभावित करने पर बहुत असर डालते है। आपको जानकर हैरानी होगी कि छोटी से लेकर बड़ी बीमारी तक में आपके ग्रह भी बहुत बड़े कारक माने जाते है।

कौनसा ग्रह किस समय आपको शारीरिक कष्ट, लंबी और भयंकर बीमारी देकर जाएगा यह भी आपको आपकी कुंडली के ग्रह ही बताते हैं।

Diseases Caused by Various Planets as Per Indian Astorlogy

ग्रहों की कमजोरी के वजह आपका शरीर बीमारियों का घर बना सकता हैं और आपको आजीवन चुस्त-दुरुस्त भी रखते हैं। आइए जानते है कि कौनसे ग्रह की वजह से आपको कौनसी बीमारी घेर सकती है।


ग्रहों की शांति के ल‍िए वैदिक अनुसंधान

आजकल वैदिक अनुसंधान में जप द्वारा ग्रहों के कुप्रभाव से बचाव व ग्रहों की स्थिति अनुकूल करके, व्यक्ति को लाभ पहुंचाने के लिए अनुसंधान कार्य चल रहे हैं। कई वैदिक वैज्ञानिक कर्म में विश्वास रखते हैं लेकिन पर्याप्त कर्म के बाद अपेक्षित फल न मिल पाना, वह ग्रहों का कुप्रभाव मानते हैं। वे घरेलू क्लेश, संपत्ति विवाद, व्यवसाय व नौकरी में अड़चनें ही नहीं, ब्लडप्रेशर, कफ, खांसी और चेहरे की झाइयां जप द्वारा ही दूर करने का दावा करते हैं


सूर्य के कमजोर होने पर

सूर्य को धरती का जीवनदाता तो माना जाता है लेकिन वे क्रूर ग्रहों की श्रेणी में आते हैं। अगर यह कमजोर होता है तो जातक को सिर दर्द, आंखों के बड़े रोग, टाइफाइड आदि जैसे रोग अपनी चपेट में ले लेते हैं।

चंद्रमा

चंद्रमा के कमजोर होने पर खांसी, नजला, जुकाम जैस्र रोग समय-समय पर अपनी चपेट में लेते रहते हैं। इसके अलावा व्यक्ति मानसिक रूप में से भी मजबूत नहीं होता, उसकी निर्णय क्षमता नाम मात्र की होती है।


शुक्र ग्रह

शुक्र ग्रह को काम और रति से जोड़कर देखा जाता है तो इस ग्रह के कमजोर होने से व्यक्ति को यौन संबंधी विकार होते हैं, जैसे शुक्राणुओं की संख्या में कमी, बांझपन आदि।

बुध ग्रह

बुध की अशुभता हृदय संबंधी रोग देती है और बृहस्पति की कमजोरी के कारण बुद्धि क्षीण हो जाती है। मुंह, गले व नाक से उत्पन्न रोग, चर्मरोग, मस्तिष्क व तंत्रिकाओं संबंधी विकार, दमा, श्वास- नली में अवरोध, नर्वस ब्रेकडाउन, बिमारीयां पीड़ित बुध के कारण होने की कारण होती है।

गुरु ग्रह

इस ग्रह के प्रभाव से दंतरोग, स्मृतिहीनता, अंतड़ियों का ज्वर, कर्णपीड़ा, पीलिया, लीवर की बीमारी, सिर का चक्कर, पित्ताशय के रोग, रक्ताल्पता, नींद न आने की बीमारी, शोक, विद्वान गुरु आदि शारीरिक कष्ट-कठिनाइयों से गुजरना पड़ता है।

शनि ग्रह

जिस पर शनि का प्रभाव पड़ जाए उसे पैर की पीड़ा, कुक्षिरोग, लकवा, गठिया, अस्थमा, यक्ष्मा, आतंरिक उष्णता, गिल्टी सम्बन्धी रोग, पागलपन, शठता शरीर के किसी अंग में दर्द, हृदय में परिताप-जलन, दीर्घ काल के रोग आदि से पीडि़त होना पड़ता है।

मंगल ग्रह

बड़ी-बड़ी दुर्घटनाएं, भूकंप, सूखा भी मंगल के कुप्रभावों के प्रतीक माने जाते हैं, लेकिन अगर मंगल उच्च का है तो वह व्यक्ति कामक्रीड़ा में चंचल, तमोगुणी तथा व्यक्तित्व का धनी होता है। यह महापराक्रमी ग्रह है। कर्क, वृश्चिक, मीन तीनों राशियों पर उसका अधिकार है। यह लड़ाई-झगड़ा, दंगाफसाद का प्रेरक है। इससे पित्त, वायु, रक्तचाप, कर्णरोग, खुजली, उदर, रज, बवासीर आदि रोग होते हैं। अगर कुंडली में मंगल नीच का है तो तबाही कर देता है।

राहू ग्र‍ह

हृदय में ताप, अशांति, कृत्रिम जहर का भय, पैर की पीड़ा, अशुभ बुद्धि, कुष्ट रोग, पिशाच और सर्प दंश का भय, इत्यादि रोगों से जूझना पड़ता है।

English summary

Diseases Caused by Various Planets as Per Indian Astorlogy

Each planet denotes disease. Likewise, the nine planets and the disease can be classified under as follows- Sun indicates eye problems, heart problems, fevers, deprived digestion and mental tensions.
Desktop Bottom Promotion