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Goga Navami 2021 : गोगा नवमी जाहरवीर गोगा जी के आशीर्वाद से होती है पुत्र की प्राप्ति, जानें इनकी महिमा यहां

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प्रत्येक वर्ष भाद्रपद कृष्णा नवमी के दिन गोगा नवमी मनाई जाती है। राजस्थान में इस लोक पर्व का बहुत महत्व होता है। इसके अलावा गोगा नवमी को और भी कई राज्यों में पूरे उत्साह के साथ मनाया जाता है। इस पर्व को गुग्गा नवमी भी कहा जाता है। हर साल जन्माष्टमी के ठीक अगले दिन लोग इस त्योहार को मनाते हैं। आइए आपको इस पर्व से जुड़ी सारी जानकारी देते हैं।

राजस्थान के लोक देवता गोगा जी का जन्म

राजस्थान के लोक देवता गोगा जी का जन्म

जाहरवीर गोगा जी राजस्थान के लोक देवता हैं जिन्हें सिर्फ हिंदू ही नहीं बल्कि मुस्लिम समुदाय के लोग भी पूजते हैं। गोगा नवमी इनके जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है।

कहा जाता है कि जाहरवीर गोगा जी का जन्म योगी गोरखनाथ के आशीर्वाद से हुआ था। गोगा जी की माता का नाम बाछल था, वहीं इनके पिता का नाम जेवर सिंह था जो चौहान वंश के राजपूत शासक थे। योगी गोरखनाथ ने गोगा जी की माता को वरदान दिया था कि पुत्र की प्राप्ति होगी। उन्होंने गोगा जी की माता को गुगल नामक अभिमंत्रित किया हुआ फल भी प्रसाद के रूप में दिया। बाछल जी के गर्भ से पुत्र का जन्म हुआ जिसका नाम गुग्गा रखा गया जिन्हें हम गोगा के नाम से भी जानते हैं। आगे चल कर गोगा जी योगी गोरखनाथ के परम शिष्य भी बनें।

दूर दूर से आते हैं लोग माथा टेकने

दूर दूर से आते हैं लोग माथा टेकने

जाहरवीर गोगा जी को लोग बहुत मानते हैं इनके आशीर्वाद से कई लोगों की मनोकामनाएं पूरी हुई हैं इसलिए भारत के अलग अलग जगहों से लोग राजस्थान के चुरू जिले के दत्तखेड़ा ददरेवा में इनके दर्शन के लिए आते हैं। चुरू जिले के ददरेवा गांव गोगा जी का जन्म स्थान है।

सापों के देवता गोगा जी

सापों के देवता गोगा जी

गोगा जी को सापों का देवता भी माना जाता है। ऐसी मान्यता है कि पूजा स्थल की मिट्टी घर पर लाकर रखने से घर में सांप नहीं आते हैं। गोगा नवमी के दिन नाग देवता की भी पूजा की जाती है।

पुत्र प्राप्ति के लिए करते हैं इस व्रत को

पुत्र प्राप्ति के लिए करते हैं इस व्रत को

गोगा नवमी के दिन व्रत और पूजा का विधान है। कहते हैं इस दिन जो सच्चे मन से पूजा अर्चना करता हैं फलस्वरूप उसे पुत्र की प्राप्ति होती है।

कैसे होती हैं गोगा नवमी के दिन पूजा?

कैसे होती हैं गोगा नवमी के दिन पूजा?

इस दिन सुबह जल्दी उठकर लोग दीवार पर गेरू से पुताई करके कच्चे दूध में कोयला मिलाकर चौकोर आकृति बनाते हैं। फिर 5 सांप बनाए जाते हैं।

गोगा जी की मूर्ति पर दूध चढ़ाया जाता है, इसके अलावा नाग देवता को भी दूध चढ़ाने की विधि की जाती है। इसके अलावा रोली और चावल भी चढ़ाते हैं। फिर बाजरा, आटा, घी और चीनी मिलाकर प्रसाद के रूप में चढ़ाते हैं। गोगा जी को खीर का भी भोग लगाते हैं।

इस दिन कुछ लोग मिट्टी से गोगा जी की मूर्ति बनाते है तो वहीं कुछ घोड़े पर सवार गोगा जी की चित्र की पूजा करते हैं। घोड़े को लोग चने के दाल का प्रसाद चढ़ाते हैं।

इसके बाद गोगा जी की कथा सुनी जाती है। राजस्थान के हनुमानगढ़ जिले के गोगामेड़ी शहर में गोगा नवमी के दिन बहुत ही विशाल मेला लगता है।

English summary

Goga Navami 2021: Date, Shubh Muhurat, Puja Vidhi, Significance and Importance

Goga Navami 2021: Date, shubh muhurat, puja vidhi, significance and importance.
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