For Quick Alerts
ALLOW NOTIFICATIONS  
For Daily Alerts

करवा चौथ 2018: जानिए इस साल पूजा का शुभ मुहूर्त और व्रत की सही विधि

|

Karwa Chauth: Shubh Muhurat & Timings | इस साल ये है करवा चौथ का शुभ मुहूर्त | Boldsky

कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को करवा चौथ मनाया जाता है। इस दिन सुहागिन औरतें अपने पति के अच्छे स्वास्थ्य और लंबी आयु के लिए निर्जला व्रत रखती हैं और पूजा करती है।

प्रेम का प्रतीक माना जाने वाला यह त्योहार पति पत्नी के रिश्ते को और भी मज़बूत कर देता है। कुँवारी कन्याएं भी इस दिन व्रत रखकर मनचाहा वर प्राप्त कर सकती हैं। इस वर्ष यह व्रत 27 अक्टूबर को किया जाएगा। आइए जानते हैं क्या है करवा चौथ की सही पूजन और व्रत विधि साथ ही इससे जुड़ी कुछ अन्य ख़ास बातें।

करवा चौथ पर मिट्टी के बर्तन का महत्व

करवा चौथ पर मिट्टी के बर्तन का महत्व

'करवा चौथ' शब्द दो शब्दों से मिलाकर बना है, 'करवा' यानी 'मिट्टी का बर्तन' और 'चौथ' यानि 'चतुर्थी'। इस पूजा में मिट्टी के बर्तन यानी करवे का विशेष महत्त्व होता है। सुहागिन स्त्रियों के मायके से हर साल करवे के रूप में श्रृंगार का सारा सामान और मिट्टी के बर्तन आते हैं। करवाचौथ पर महिलाएं पूरे सोलह श्रृंगार करके शाम को चंद्रमा की पूजा करने के बाद ही अपना व्रत खोलती हैं लेकिन व्रत का संकल्प लेने से पहले वे भोर में सूर्योदय होने से पहले उठकर सरगी खाती हैं जो उन्हें अपने ससुराल पक्ष से उनकी सास देती हैं। सरगी में काजू, किशमिश, बादाम के अलावा फल और मिठाइयां भी होती हैं। इसके साथ ही सास अपनी बहू को ढेर सारा प्यार और आशीर्वाद भी देती हैं।

Most Read:करवा चौथ, जानिए क्‍या खाएं सरगी में?Most Read:करवा चौथ, जानिए क्‍या खाएं सरगी में?

करवा चौथ व्रत विधि

करवा चौथ व्रत विधि

सबसे पहले सुबह उठकर स्नान आदि कर लें उसके बाद घर में बने पूजा घर में पूजा करें और व्रत का संकल्प लें। यह व्रत निर्जला होता है इसलिए जब तक चाँद न निकले अन्न जल ग्रहण न करें। चंद्रमा के अलावा इस दिन शिव-पार्वती, गणेश जी और माता गौरी की भी पूजा की जाती है।

पूजन विधि

पूजन विधि

सबसे पहले दीवार पर गेरू से फलक बनाकर पिसे चावलों के घोल से करवा का चित्र बनाएं। इसे वर कहते हैं। चित्रित करने की कला को करवा धरना कहा जाता है। इसके बाद मिट्टी से गौरी माता की प्रतिमा बनाएं जिसमें गणेश जी उनकी गोद में बैठे हुए हों। अब लकड़ी की चौकी पर लाल कपड़ा बिछाकर उसपर यह मूर्ति स्थापित करें।

माता को लाल चुनरी ओढ़ाएं। श्रृंगार का सारा सामान जैसे लाल बिंदी, कुमकुम, सिंदूर, चूड़ियां आदि चीजें अर्पित करें। प्रसाद के रूप में फल और मिठाई के साथ आप हलवा और पूरी भी बनाएं। जल से भरा हुआ लोटा रखें। मिट्टी का टोंटीदार करवा लें। करवा में गेहूं और ढक्क्न में चीनी का बूरा भर दें और उस पर कुछ पैसे दक्षिणा के रूप में रखें। अब पति की लंबी आयु की कामना करते हुए पूजा करें। गेहूं या चावल के तेरह दाने हाथ में लेकर कथा पढ़ें या सुनें। कथा समाप्त होने के बाद घर के बड़ों का आशीर्वाद लें। फिर चाँद निकलने के बाद चलनी में से चंद्रमा को देखें और अर्घ दें। फिर पति के पैर छूकर उनका आशीर्वाद लें और उनके हाथ से अन्न जल ग्रहण कर अपना व्रत खोलें।

Most Read:मेहंदी लगाने से पहले इन उपायों पर ध्यान देंMost Read:मेहंदी लगाने से पहले इन उपायों पर ध्यान दें

शुभ मुहूर्त

शुभ मुहूर्त

करवा चौथ पूजा मुहूर्त- शाम 6:37 से रात 8:00 तक

चंद्रोदय शाम 7:55

चतुर्थी तिथि आरंभ- 27 अक्टूबर को 6:37, चतुर्थी तिथि समाप्त- 28 अक्टूबर को 4:54

शुक्र तारा अस्त है

शुक्र तारा अस्त है

चूंकि इस वर्ष शुक्र तारा अस्त है इसलिए नयी नवेली दुल्हनें या फिर वह कन्याएं जिनकी सगाई हो चुकी हो वो इस वर्ष यह व्रत नहीं कर सकती क्योंकि शुक्र तारा के अस्त होने के बाद कोई भी शुभ कार्य वर्जित माना गया है। इसके अलावा करवा चौथ का उद्यापन 12 या 16 वर्ष में हो जाता है, साथ ही बहुत सी स्त्रियां जीवन भर व्रत रखती हैं लेकिन इस वर्ष आप उद्यापन भी नहीं कर सकती हैं।

Most Read:केरेटिन-स्मूदनिंग नहीं, सुलझे शाइनी बालों के लिए है सेलोफेन हेयर ट्रीटमेंटMost Read:केरेटिन-स्मूदनिंग नहीं, सुलझे शाइनी बालों के लिए है सेलोफेन हेयर ट्रीटमेंट

English summary

Karwa Chauth 2018: Date, Time, Significance, Vrat Vidhi

Karva Chauth is a one-day festival celebrated by Hindu women four days after purnima (a full moon) in the month of Kartika. Read on to know more about the date, time, vrat vidhi of karwa chauth.
Desktop Bottom Promotion