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सावन में मंगला गौरी व्रत करने से हर विवाहिता को मिलता है पति का प्रेम और अखंड सौभाग्य का वरदान

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सावन के महीने में जिस तरह सोमवार को बेहद उत्तम माना जाता है और उस दिन भगवान शिव की विशेष पूजा की जाती है ठीक उसी तरह श्रावण मास के मंगलवार भी बेहद खास होते हैं। हम सभी जानते हैं कि माता पार्वती के बिना शिव अधूरे हैं। श्रावण माह के सभी मंगलवार माता पार्वती को समर्पित है और इस दिन मंगला गौरी का व्रत किया जाता है। यह व्रत सुहागिन महिलाएं सुख और सौभाग्य प्राप्ति के लिए करती हैं। माता पार्वती से अखंड सौभाग्य और संतान सुख की कामना करती हैं।

मंगला गौरी व्रत तिथि 2020

मंगला गौरी व्रत तिथि 2020

पहला मंगला गौरी व्रत - 7 जुलाई

दूसरा मंगला गौरी व्रत - 14 जुलाई

तीसरा मंगला गौरी व्रत - 21 जुलाई

चौथा मंगला गौरी व्रत - 28 जुलाई

मंगला गौरी व्रत के लिए रखें इन बातों का ख्याल

मंगला गौरी व्रत के लिए रखें इन बातों का ख्याल

मंगलवार के दिन जो महिलाएं मंगला गौरी व्रत रखना चाहती हैं उन्हें सूर्योदय से पूर्व ही जाग जाना चाहिए। स्नानादि के पश्चात् साफ़ वस्त्र धारण करें। एक स्वच्छ लाल वस्त्र बिछाकर उस पर माता गौरी की तस्वीर या मूर्ति स्थापित करें और व्रत का संकल्प लें। इसके बाद उनके सामने दीप जलाएं। फिर माता पार्वती के षडोपचार के बाद पूजा आरंभ करें।

पूजा के समय माता को सिंदूर के साथ साथ सुहाग की सभी सामग्री अर्पित करें। आप इस बात का ध्यान रखें कि उन्हें चढ़ाई जाने वाली सामग्री की संख्या 16 होनी चाहिए। पूजन के बाद पार्वती माता की आरती जरूर पढ़ें। इस व्रत को करने वाली विवाहित महिलाएं दिन में एक बार सात्विक भोजन कर सकती हैं।

Mangala Gauri Vrat 2020: मंगला गौरी व्रत, कुंवारी लड़कियां पा सकती हैं मनचाहा वर | Boldsky
मंगला गौरी व्रत के लाभ

मंगला गौरी व्रत के लाभ

शादीशुदा महिलाएं अपने दांपत्य जीवन की खुशहाली के लिए यह व्रत करती हैं। वो माता पार्वती से अपने पति की दीर्घायु और अच्छी सेहत के साथ संतान सुख का आशीर्वाद भी मांगती हैं। कई कुंवारी युवतियां भी इस व्रत को करती हैं ताकि उनके विवाह में आ रही किसी भी तरह की बाधा दूर हो सके।

मंगला गौरी व्रत कथा

मंगला गौरी व्रत कथा

प्रचलित मंगला गौरी व्रत कथा के अनुसार एक नगर में एक व्यापारी अपनी पत्नी के साथ सुखी-शांति से जीवन व्यतीत कर रहा था। उस दंपत्ति के पास धन दौलत की कोई कमी नहीं थी लेकिन वे संतान सुख से वंचित थे। इस कारण धन-दौलत, सुख सुविधाएं होने के बावजूद दोनों पति पत्नी खुश नहीं थे। कई व्रत और पूजा के बाद उन्हें पुत्र रत्न की प्राप्ति तो हुई लेकिन ज्योतिषियों ने बताया कि उनकी संतान अल्पायु है। उनके पुत्र की 17 वर्ष की उम्र में मृत्यु हो जाएगी। इस बात से पति-पत्नी बेहद दुखी हुए और उन्होंने इसे ही अपना भाग्य ही मान लिया।

कुछ समय बाद उन्होंने अपने बेटे का विवाह एक सुंदर और संस्करी कन्या से करा दिया। वह कन्या सदैव मंगला गौरी का व्रत करती और मां पार्वती का पूजन करती थी। मंगला गौरी व्रत के प्रभाव के कारण व्यापारी के पुत्र की मृत्यु टल गयी। कन्या को उस व्रत से अखंड सौभाग्यवती होने का आशीर्वाद मिला था।

English summary

Mangala Gauri Vrat 2020: Dates, Puja Vidhi, Importance, Vrat Katha

Mangala Gauri Vrat 2020. Shravan Mangala Gauri Vrat or Mangala Gauri puja is regarded as one of the most rewarding Vrats or fasts.
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