Just In
- 7 min ago नींद में आंखे खोलकर बोलते हैं विक्की कौशल, कितना खतरनाक हो सकता है ये स्लीपिंग डिसऑर्डर!
- 2 hrs ago ये शख्स हैं चलता-फिरता शराबखाना, इस अनोखी बीमारी की वजह से पेट में बनती है शराब
- 3 hrs ago Suhana Khan Beauty Tips : खुल गया सुहाना खान की खूबसूरती का राज, बेदाग त्वचा के लिए रखती हैं ऐसे ख्याल
- 6 hrs ago गर्मी में पेट को शांत रखता है यूपी-बिहार का सन्नाटा रायता, ये हैं फायदे और बनाने का तरीका
Don't Miss
- News Weather Update: दिल्ली-NCR में गरज-चमक के साथ इन इलाके में हुई बारिश, जानें अगले दो दिन कैसा रहेगा मौसम?
- Movies फ्लैट फिगर के कारण बुरी तरह ट्रोल हुई पूर्व मिस वर्ल्ड, लोग बोले- कुछ भी नहीं है आगे तुम्हारे...
- Automobiles KIA की इस कार को ग्लोबल NCAP क्रैश टेस्ट में मिली 5-स्टार रेटिंग्स, भरपूर सुरक्षा सुविधाओं से है लैस
- Education Jharkhand Board 12th Result 2024: जैक बोर्ड इंटर रिजल्ट कब आयेगा? कैसे चेक करें JAC Result
- Technology Realme C65 5G भारत में 10 हजार से कम कीमत में होगा लॉन्च, जानें फीचर्स
- Travel IRCTC का मानसखंड यात्रा टूर पैकेज, देवभूमि उत्तराखंड के ऐतिहासिक मंदिरों में करें दर्शन
- Finance Aadhaar Card: कहीं आपके आधार कार्ड का गलत इस्तेमाल तो नहीं हुआ, ऐसे करें तुरंत चेक
- Sports Japan Open 2023: सेमीफाइनल में पहुंचे लक्ष्य सेन, एचएस प्रणय की विक्टर एक्सेलसन से भिड़ंत आज
क्यों, दुर्गा पूजा के दौरान बंगाली खाते हैं नॉनवेज?
बंगलियों की दुर्गा पूजा पूरे देशभर में बहुत फेमस है। बंगाली समुदाय में धर्म को लेकर इतनी बंदिशे नहीं है कि आप ये ना करो या वो ना करो। इनकी पूजा करने की विधि और प्रसाद दूसरे समुदाय की तुलना में बहुत अलग होता है। लेकिन एक बात हमेशा सबको हैरान करती है वो है कि बंगाली नवरात्रि में भी नॉन वेज खाते हैं, लेकिन दुर्गा पूजा के दौरान घर का पूरा माहौल उत्सवमय होता है तो घर में नॉनवेज खाने की सख्त मनाही होती है।
कोलकाता में बना "बाहुबली" के "माहिष्मति महल" के थीम पर, देश का सबसे महंगा पंडाल
भले ही आप बाहर खा लो। लेकिन महाषष्ठी से लेकर विजयादशमी तक पांच दिन नॉनवेज खाना निषिद्ध रहता है। जिसका आप उल्लंघन नहीं कर सकते। यूं तो प्रत्येक बंगाली परिवार में हरेक दिन ही मिठाइयां खाई जाती हैं, लेकिन दुर्गा पूजा के दौरान तो मिठाइयां खाने और खिलाने का एक दौर सा ही चलता रहता है।
क्यों, तवायफ के घर की मिट्टी के बिना नहीं बनती है दुर्गा की मूर्ति..?
आइए जानते है कि आखिर इतने पवित्र दिन भी जब देवी वास का घर में हो तो क्यों बंगाली इस दिन नॉनवेज से परहेज नहीं करते है।
ये है मान्यता
बंगालियों में मान्यता है कि दुर्गा पूजा के दौरान देवी मां अपने बच्चों के साथ अपने मातृ ग्रह में कुछ दिन गुजारने आती है। बंगाली दुर्गा देवी मां को अपने परिवार का ही हिस्सा मानते हैं। इसलिए वो इस दिन मांस, मछली और मिठाई बनाते है और कई तरह के व्यंजन बनाते है क्योंकि वो इस मौके पर अपने परिवार के सदस्य को उनकी पसंदीदा चीज खिलाना चाहते हैं।
विधवाएं नहीं खा सकती है नॉनवेज
इस मौके विवाहित महिलाएं फिर भी मछली या नॉनवेज खा सकती है उनके कोई मनाही नहीं है, लेकिन इन दिनों बंगाली ब्राह्मन विधवा स्त्री को पारम्पारिक सात्विक भोजन करना होता है।
बंगाली ही नहीं इन राज्यों में भी खाते है नॉनवेज
बंगाली ही नहीं न सिर्फ नवरात्रियों में नॉनवेज खाते है बल्कि देश में कई राज्यों में ब्राह्राण भी इन दिनों नॉनवेज का सेवन करते है। लोक कथाओं की मानें तो वैदिक काल में हिमालयन जनजाति और हिमालय के आसपास रहने वाले समुदाय के लोग देवी की पूजा आराधना करते थे। उन लोगों का मानना था कि दुर्गा और चांडिका शराब और मांस का शाौक था।
उत्तराखंड के ब्राह्मण मां को चढ़ाते है बलि
नवरात्रियों के मौके पर उत्तराखंड में ब्राह्मण देवी के सम्मान में भैंसे की बलि देकर उन्हें प्रसन्न करते है। इसके पीछे किवदंति है कि दुर्गा ने महिषासुर नामक राक्षस का वध किया था महिष का अर्थ भैंस होता है। इसके बाद वो इस मांस को पकाकर अपने ही समुदाय के लोगों में प्रसाद बनाकर बांटते है।
शाक्त सम्प्रदाय में चढ़ाते है मांस
राजस्थान के कई इलाकों में शक्ति की आराधना करने वाले शाक्त सम्प्रदाय के लोग भी इन दिनों बकरें की बलि और शराब चढ़ाने की मान्यता को मानते है।
अब समझ में आ गया होगा कि आपको क्यों कुछ लोग नवरात्रि में भी नॉनवेज खाने से भी परहेज नहीं करते है।