For Quick Alerts
ALLOW NOTIFICATIONS  
For Daily Alerts

जानिए, क्‍यों गणेश चतुर्थी से पहले मनाया जाता है गौरी पर्व?

By Salman khan
|

भारत को त्योहारों का देश कहा जाता हैं यहां हर धर्म के लोग साल भर अलग-अलग त्योहार मनाते हैं। इनमें से गौरी फेस्टिवल भी एक महत्वपूर्ण त्योहार है जो भारत के विभिन्न राज्यों में धूमधाम से मानाया जाता है। ये त्योहार गणेश चतुर्थी के बाद मनाया जाता है। कर्नाटक में इसे गौरी गणेशा या गौरी हब्बा के नाम से जानते हैं। मुख्यत: शादीशुदा औरतों के द्वारा मनाया जाने वाला ये त्योहार हिंदू कैलेंडर के अनुसार भ्राद्रपद शुद्ध तृतीया पर हर साल मनाया जाता है। गणेश चतुर्थी के अगले दिन से ही इसकी तैयारियों शुरु कर दी जाती हैं। इसको गौरी त्योहार भी कहा जाता है।

Ganesh Chathurthi: इस बार 11 दिनों तक रहेंगे गणपति बप्पा | Boldsky

इसको गौरी त्योहार इसलिए कहा जाता क्योंकि ऐसी मान्यता है कि माता गौरी ने औरतों के मान सम्मान को बढावा देने और उनके पति को लंबी आयु और अच्छे पति मिलने का आशीर्वाद दिया था।

गौरी त्योहार और वाराहलक्ष्मी व्रत में ज्यादा अंतर नहीं है बस इसमें माता लक्ष्मी की जगह माता गौरी की पूजा की जाती है।

gauri and ganesh

गौरी और गणेश
गणेश जी के जन्म की कई कहानियां आपने सुनी होंगी पर क्या आप जानते है कि मां पार्वती ने अपने शरीर पर लगे थोड़े से हल्दी के पाउडर से गणेश का निर्माण किया था और उसपर जान डाली थी। भगवान गणेश को सुख, समृद्धि का देवता माना जाता है और आपने इसी देवता को खुश करने के लिए भारत के लोग गणेश चतुर्थी मनाते है ये त्योहार लगातार 10 दिन मनाया जाता है।

इस पर्व में गौरी की दो मूर्तियों को घर लाया जाता है जिसकी पूजा लगातार तीन दिन चलती है। ऐसा माना जाता है कि इसकी पूजा करने से घर में सुख, समृद्धि और धन की कमी नहीं होती है। गणेश की बहनों को लेकर भी कई मान्यताएं है गौरी की मूर्तियों को भगवान गणेश की बहन समझा जाता है जबकि पश्चिम बंगाल में लक्ष्मी और सरस्वती को गणेश की बहने समझा जाता है। कहावते तो ये भी है कि लक्ष्मी और सरस्वती भगवान गणेश की दोनो पत्नियां रिद्धी और सिद्धी है।

gauri and ganesh

गौरी और गणेश की कथा
पुराणों के अनुसार कैलाश को भगवान शिव का निवास कहा गया है मान्यता है कि पार्वती ने जब मिट्टी से गणेश जी को बनाया उस समय भगवान शंकर वहां पर मौजूद नहीं थे। पार्वती स्नान करने कि लिए अंदर गई और गणेश को ये आदेश दिया कि कोई अंदर ना आने पाए, उसी समय अपने पुत्र गणेश से अनजान भगवान शिव वहां आ गए और गणेश के द्वारा रास्ता रोके जानें से क्रोधित भगवान शिव ने उनकी गर्दन काट दी। इस खबर को सुन कर माता पार्वती ने भगवान शिव से उनके पुत्र को वापस करने की मांग की तब शिव ने अपने साथियों को आदेश दिया कि जो पहला जानवर मिले असका सिर लेकर आओ, पहले जानवर के तलाश में निकले साथियों को सफेद हाथी का बच्चा मिला जिसको लेकर वो शिव के पास आए और शिव ने हाथी का सर लगाकर गणेश को पुन: जीवित कर दिया यहीं कारण है कि गणेश जी का सर हाथी का है।

gauri and ganesh

विवाहित महिलाएं ऐसे करती है पूजा
आदिशक्ति का अवतार मानी जाने वाली गौरी माता की पूजा के लिए महिलाएं उनकी मूर्ति बनाती है उसको अनाज की टंकी पर स्थापित करती हैं फिर आम और केले के पत्ते से छत बनाकर असकी पूजा की जाती है ऐसा माना जाता है कि पूजा के बाद गणेश जी वहां जरूर आते हैं।

English summary

Why Gouri Festival Is Celebrated Before Ganesh Chaturthi

Gauri festival is celebrated after Ganesh Chaturthi,Happiness is to meet prosperity,Gauri Ganesh Festival of 10 days runs
Story first published: Tuesday, August 22, 2017, 14:15 [IST]
Desktop Bottom Promotion