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रिश्‍तों का बंधन रक्षाबंधन: जानिये इसके पीछे की कहानी

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भाई बहन का सबसे बड़ा पर्व रक्षाबंधन हर साल को श्रावण मास की पूर्णिमा को पूरे देश में मनाया जाता है। इस साल यह पर्व 10 अगस्‍त को मनाया जाएगा। यूं तो भारत में भाई-बहनों के बीच प्रेम और कर्तव्य की भूमिका किसी एक दिन की मोहताज नहीं है पर रक्षाबंधन के ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व की वजह से ही यह दिन इतना महत्वपूर्ण बना है। बरसों से चला आ रहा यह त्यौहार आज भी बेहद हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है।

रक्षाबंधन में राखी का बड़ा ही महत्‍व होता है। इसे भाई की कलाई पर बांधने के पीछे कई कहानियां हैं। राखी कच्चे सूत जैसे सस्ती वस्तु से लेकर रंगीन कलावे, रेशमी धागे, तथा सोने या चांदी जैसी मंहगी वस्तु तक की हो सकती है। इन सिंपल तरीको से बनाइये भाई के लिये राखी

रक्षाबंधन का पर्व भारतीय समाज में इतनी व्यापकता और गहराई से समाया हुआ है कि इसका सामाजिक महत्व तो है ही, धर्म, पुराण, इतिहास, साहित्य और फिल्में भी इससे अछूते नहीं हैं।

 राखी से जुड़ी कुछ कथाएं

राखी से जुड़ी कुछ कथाएं

पुराण में वर्णन मिलता है कि देव और दानवों में जब युद्ध शुरू हुआ तब दानव हावी होते नजर आने लगे। भगवान इंद्र घबरा कर बृहस्पति के पास गए। वहां बैठी इन्द्र की पत्नी इंद्राणी सब सुन रही थी। उन्होंने रेशम का धागा मंत्रों की शक्ति से पवित्र करके अपने पति के हाथ पर बांध दिया। संयोग से वह श्रावण पूर्णिमा का दिन था।

राखी से जुड़ी कुछ अन्‍य कथाएं

राखी से जुड़ी कुछ अन्‍य कथाएं

यह बात भी सामने आई है कि दौपदी ने भी भगवान कृष्‍ण को साडी फाड़ कर बांधी थी। साथ ही शास्त्रों में कहते हैं कि देवी पार्वती ने भगवान विष्‍णु की कलाई पर राखी बांधी थी और उन्‍हें अपना भाई बनाया था। फिर भगवान विष्‍णु ने इसके बदले उन्‍हें खतरे से बचाने का वचन दिया था।

राखी का ऐतिहासिक उल्लेख

राखी का ऐतिहासिक उल्लेख

एक अन्य प्रसंग में कहा जाता है कि सिकंदर की पत्नी ने अपने पति के हिंदू शत्रु पोरस को राखी बांधकर अपना मुंहबोला भाई बनाया और युद्ध के समय सिकंदर को न मारने का वचन ले लिया। पोरस ने युद्ध के दौरान हाथ में बंधी राखी और अपनी बहन को दिए हुए वचन का सम्मान किया और सिकंदर पर प्राण घातक प्रहार नहीं किया।

राखी का ऐतिहासिक उल्लेख

राखी का ऐतिहासिक उल्लेख

ऐसा भी कहा जाता है कि मेवाड़ की रानी कर्मावती को बहादुरशाह द्वारा मेवाड़ पर आक्रमण करने की सूचना मिली। रानी उस समय लड़ने में असमर्थ थी अत: उन्होंने मुगल बादशाह हुमायूं को राखी भेज कर रक्षा की याचना की। हुमायूं ने मुसलमान होते हुए भी राखी की लाज रखी और मेवाड़ पहुंच कर बहादुरशाह के विरुद्ध मेवाड़ की ओर से लड़ाई लड़ी। हुमायूं ने कर्मावती व उनके राज्य की रक्षा की।

महाभारत में भी रक्षाबंधन

महाभारत में भी रक्षाबंधन

रक्षाबंधन की कथा महाभारत से भी जुड़ती है। जब युधिष्ठिर ने भगवान कृष्ण से पूछा कि मैं सभी संकटों को कैसे पार कर सकता हूं तब भगवान कृष्ण ने उनकी तथा उनकी सेना की रक्षा के लिए राखी का त्योहार मनाने की सलाह दी थी।

जिन लोगों की बहने नहीं हैं

जिन लोगों की बहने नहीं हैं

जिन लोगों की बहने नहीं हैं, उन्‍हें रक्षाबंधन के दिन किसी मुंहबोली बहन से राखी बंधवानी चाहिये। इससे उन्‍हें शुभ फल मिलेगा।

English summary

Why Is Rakshabandhan Celebrated?

Why is Rakshabandhan celebrated with such huge enthusiasm? Rakshabandhan is a very special ocassion for all brothers and sisters.
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