Just In
- 1 hr ago Blackheads Removal Tips: नहीं निकल रहे हैं ठुड्डी पर धंसे हुए ब्लैकहेड्स? 5 मिनट में ये नुस्खें करेंगे काम
- 2 hrs ago आम पन्ना से 10 गुना ज्यादा ठंडक देता है इमली का अमलाना, लू से बचने का है देसी फार्मूला
- 4 hrs ago रूबीना दिलैक ने शेयर किया स्तनपान से जुड़ा दर्दनाक एक्सपीरियंस, नई मांए ने करें ये गलती
- 5 hrs ago Gajalakshmi Yog April 2024: 12 वर्षों के बाद मेष राशि में बनेगा गजलक्ष्मी राजयोग, इन 3 राशियों पर बरसेगा पैसा
Don't Miss
- Movies OOPS: बेटे अरहान से गंदी बातें करने के बाद अब इस हाल में दिखी मलाइका, बार-बार ठीक करती रही लटकती फिसलती ड्रेस
- News MP News: CM मोहन यादव ने कांग्रेस पर हिंदू-मुसलमान के बीच दरार डालने का लगाया आरोप, पाकिस्तान पर भी दिया बयान
- Technology Vivo के इस 5G फोन की कल होने जा रही एंट्री, लॉन्च से पहले कीमत से लेकर फीचर्स तक की डिटेल लीक
- Travel हनुमान जयंती : वो जगहें जहां मिलते हैं हनुमान जी के पैरों के निशान
- Finance Employee Count: देश की टॉप IT कंपनियों में कम हो गए 63,759 कर्मचारी, जानें किस कंपनी में कितने लोग हुए कम
- Automobiles 3 करोड़ की कार में वोट डालने पहुंचे साउथ सिनेमा के दिग्गज स्टार Dhanush, फैंस ने किया स्वागत
- Education ग्राफिक डिजाइन कोर्स
- Sports Japan Open 2023: सेमीफाइनल में पहुंचे लक्ष्य सेन, एचएस प्रणय की विक्टर एक्सेलसन से भिड़ंत आज
पहली बार भक्तों के लिए बंद रहेंगे तिरुपति मंदिर के कपाट
इतिहास में पहली बार, आंध्र प्रदेश के चित्तूर जिले के तिरुपति में तिरुमाला की पहाड़ी शहर में स्थित वेंकटेश्वर मंदिर 6 दिनों के लिये बंद रहेगा। 10 अगस्त को शाम 7 बजे से लेकर 17 अगस्त को शाम 6 बजे तक मंदिर के कपाट भक्तों के लिये बंद रहेंगे। ऐसा एक पवित्र अनुष्ठान के लिए किया जा रहा है, जिसे महासाप्रोशनम के नाम से जाना जाता है।
इस अनुष्ठान को हर 12 साल में एक बार किया जाता है। केवल मंदिर के पुजारी ही ये अनुष्ठान करेंगे। मंदिर के 6 दिन बंद रहने की खबर पहले कभी नहीं इतनी वायरल हुई जितनी की इस बार हुई। इसकी वजह यह है कि अब हर साल मंदिर में एक अनुष्ठान किया जाएगा।
एक विश्वप्रसिद्ध तीर्थस्थल
हिंदुओं के लिए वेंकटेश्वर मंदिर एक विश्व प्रसिद्ध तीर्थस्थल है। इस मंदिर में हर साल लगभग 35 मिलियन लोग दर्शन के लिए आते हैं। बड़े दानों के कारण, यह दुनिया के सबसे अमीर मंदिरों में से एक है। सूत्रों का कहना है कि मंदिर का वार्षिक बजट प्रति वर्ष 2530 करोड़ से अधिक का है।
प्रतिदिन मंदिर में 1 लाख लोग दर्शन के लिए आते हैं। यह मंदिर 8 स्वयंभू केंद्रों में से एक माना जाता है, जहां भगवान विष्णु अपने आप प्रकट हुए हैं। कई सारी पौराणिक कथाएं है जिनमें तिरुमाला में भगवान वेंकटेश के प्रकट होने का वर्णन किया गया है। ऋग्वेद में इस जगह की तीर्थयात्रा से प्राप्त लाभों का उल्लेख किया मिलता है। भक्त भगवान वेंकटेश्वर द्वारा उनकी इच्छाओं को पूरा करते समय अपने बालों का दान करते हैं।
मंदिर पहली बार बंद किया जा रहा है
यद्यपि यह अनुष्ठान हर 12 वर्षों में किया जाता है, लेकिन मंदिर कभी भक्तों के लिए बंद नहीं हुआ, खासतौर पर इतने लंबे समय के लिए तो कभी नहीं। तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम के अधिकारियों ने कहा है कि पिछले वर्षों में जब अनुष्ठान किया गया था, तो भक्तों की संख्या 20,000-30,000 से कभी भी अधिक नहीं थी। हालांकि, अब 1 लाख से अधिक लोग मंदिर आते हैं इसलिए मंदिर बंद करना ज़रूरी समझा गया। इतनी बड़ी संख्या में भक्तों के बीच अनुष्ठान करना काफी मुश्किलभरा होगा।
तिरुपति तिरुमाला देवस्थानम ट्रस्ट
मंदिर में एक ट्रस्ट शुरू किया गया था जिसमें पहले 5 लोग थे, लेकिन अब 18 लोग हो गए हैं। यह समूह मंदिर के प्रबंधन को देखता है। इस ट्रस्ट में आंध्रप्रदेश सरकार द्वारा नियुक्त कार्यकारी अधिकारियों का समूह है, जिसे तिरुपति तिरुमाला देवस्थानम ट्रस्ट के रूप में जाना जाता है।
इसलिए यदि आप महीने की इन तारीख़ों के आस-पास की यात्रा की योजना बना रहे थे, तो आपको यात्रा स्थगित करनी होगी। मंदिर के अधिकारियों ने वैदिक अनुष्ठानों को ध्यान में रखते हुए यह निर्णय लिया है। ताकि भक्तों को मंदिर के दर्शन में कठिनाईयों का सामना न करना पड़े।
सबसे ज़्यादा दार्शनिक तीर्थस्थल
माना जाता है कि मंदिर का निर्माण लगभग 300 ईस्वी के समय में किया गया था। यह मंदिर केवल अमीर ही नहीं बल्कि इसे 6 पहाड़ियों से घिरे मंदिर के रूप में भी जाना जाता है और यह दुनिया का सबसे ज़्यादा देखा जाने वाला तीर्थस्थल है। यहां तीर्थयात्रियों की संख्या प्रतिदिन 50 हज़ार से लेकर 1 लाख तक होती है। इतना ही नहीं, यह विशेष अवसरों और ब्रह्मोत्सव जैसे वार्षिक त्योहारों के दौरान 5 लाख तक पहुंच जाती है।
चंद्रग्रहण के दिन भी मंदिर के पट बंद रहेंगे
इसके अलावा मंदिर चंद्र ग्रहण के दिन भी बंद रहेगा, जो 27 जुलाई को है। ग्रहण 27 जुलाई की रात 11 बजकर 54 मिनट से शुरू हो जाएगा जो 28 जुलाई की सुबह 3 बजकर 5 मिनट पर खत्म होगा। चंद्र ग्रहण पर सूतक का समय दोपहर 2 बजे से शुरू हो जाएगा। मंदिर के कपाट 27 जुलाई को शाम 5 बजे से 28 जुलाई की सुबह 4.14 बजे तक बंद रहेंगे।