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रुक्मिणी जी ने श्रीकृष्ण को लिखा था दुनिया का प्रथम प्रेम पत्र

आज हम आपको दुनिया के पहले लव लैटर यानि प्रेम पत्र के बारे में बताते हैं। विदर्भ के राजा भीसमाका की पुत्री राजकुमारी रुक्मिणी ने प्रथम प्रेम पत्र लिखा था।

By Lekhaka
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हिंदू पौराणिक कथाओं पर नज़र डालें तो बॉलीवुड की रोमांटिक फिल्में भी फीकी लगती हैं। पुराणों की इन कथाओं में ड्रामा के साथ-साथ लव और एक्श्न भी होता है।

आज हम आपको दुनिया के पहले लव लैटर यानि प्रेम पत्र के बारे में बताते हैं। विदर्भ के राजा भीसमाका की पुत्री राजकुमारी रुक्मिणी ने प्रथम प्रेम पत्र लिखा था।

राजकुमारी रुक्मिणी अपनी बुद्धिमती, सौंदर्य और न्यायप्रिय व्यवहार के लिए प्रसिद्ध थी। रुक्मिणी जी का पूरा बचपन श्रीकृष्ण की साहस और वीरता की कहानियां सुनते हुए बीता था।

Written By Rukmini, This Was The First Ever Love Letter Of Mythology.

उनके पिता और संबंधी भी यही सोचते थे कि उनका विवाह श्रीकृष्ण से ही होगा लेकिन रुक्मिणी का भाई रुक्मी श्रीकृष्ण को अपना शत्रु मानता था और उसने रुक्मिणी का विवाह श्रीकृष्ण चचेरे भाई शिशुपाल से तय कर दिया था।

श्रीमद् भागवत गीता के 52वे पाठ में श्रीकृष्ण और रुक्मिणी जी की दिलचस्प प्रेम कहानी का वर्णन मिलता है। शिशुपाल से विवाह तय होने पर रुक्मिणी जी का दिल टूट गया था।

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विवाह से एक रात पूर्व उन्होंने श्रीकृष्ण के लिए एक खत लिखा था जिसमें उन्होंने अपना प्रेम व्यक्त। किया था। रुक्मिणी ने एक ब्राह्मण कन्या सुनन्दा के हाथ श्रीकृष्ण को ये प्रेम पत्र भिजवाया था।

इस पत्र में रुक्मिणी जी ने श्रीकृष्ण‍ से उनके विवाह से पूर्व आकर उन्हें ले जाने का भी आग्रह किया था। वहीं दूसरी ओर श्रीकृष्ण ने भी रुक्मिणी जी के सौंदर्य के बारे में खूब चर्चाएं सुनीं थीं।

श्रीकृष्ण भी रुक्मिणी जी को अपनी पत्नी बनाना चाहते थे लेकिन कंस और जरासंध से रुक्मिणी जी के परिवार के मैत्री संबंध थे जिस कारण वे कभी भी श्रीकृष्ण को नहीं अपनाते। बस इसी बात से कृष्ण जी ने रुक्मिणी जी के घर विवाह का प्रस्ताव नहीं भेजा था।

तब एक बॉलीवुड फिल्म की तरह कृष्ण जी ने रुक्मिणी को उनके घर से भगाया था। इस काम में उनके भाई बलराम ने उनकी सहायता की थी। बलराम ने अपनी सेना के साथ रुक्मी से युद्ध किया था।

विवाह के दौरान जब बारात उनके द्वार पर खड़ी थी तभी श्रीकृष्ण ने रुक्मिणी जी का अपहरण कर लिया था। तब क्रोधित होकर रुक्मी, श्रीकृष्ण का वध करने के लिए उनसे युद्ध करने निकल पड़ा था।

रुक्मिणी जी के अपहरण के बाद रुक्मी और श्रीकृष्ण के मध्य युद्ध हुआ था जिसमें कृष्ण जी को विजय प्राप्त हुई थी। रुक्मिणी जी ने श्रीकृष्ण से आग्रह किया था कि वे उनके परिवार को जीवन दान दें। भगवान कृष्ण ने ये बात स्वीकार करते हुए रुक्मी का वध नहीं किया था लेकिन उन्होंनें उस पर दो बाण जरूर चलाए थे जिससे उसके आधे बाल और आधी मूंछ कट गई थी। रुक्मि को ये अपमान सहन नहीं हुआ था।

युद्ध के पश्चात् श्रीकृष्ण ने रुक्मिणी जी से विवाह कर द्वारका की ओर प्रस्थान किया था। शास्त्रों में श्रीकृष्ण और रुक्मिणी जी के इस विवाह को राक्षस विवाह का स्थान दिया गया है।

English summary

Written By Rukmini, This Was The First Ever Love Letter Of Mythology

Today I will tell you about the first love letter ever known. It was written by princess Rukmini, the only daughter of King Bhismaka of Vidharba.
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