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नहीं रहा दुनिया का एकमात्र सफेद नर गैंडा, सुरक्षा में तैनात रहती थी 24X7 सेना..
दुनिया के दुलर्भ नस्ल का आखिरी सफेद गैंडे 'सुडान' ने लम्बी बीमारी के बाद दम तोड़ दिया। हालांकि इसकी उप प्रजाति को दो मादा गैंडे 27 साल की नाजिन और 17 साल की फाटू अभी जीवित है। 'सुडान' इनके साथ ही रहता था। लेकिन अब देखा जाए तो इस नॉर्दन व्हाइट प्रजाति की नस्ल खत्म हो चुकी हैं।
कुछ समय पहले इस गैंडे की एक फोटो सोशल साइट्स काफी वायरल हुई थी, जिसमें सूडान ( उस समय जीवित एकमात्र नॉर्दन व्हाइट राइनों) की सुरक्षा के लिए चारों तरफ सैनिक तैनात थे। इस नस्ल को बचाने के लिए सरकार ने अपनी तरफ से हर मुमकिन कोशिश की। लेकिन अवैध तरीके से गैंडों के शिकार और दूसरे कारणों के वजह से सूडान के साथ यह नस्ल भी खत्म हो गई।
एकमात्र सफेद नर गेंडा था 'सूडान'
एकमात्र मेल राइनो नर नॉर्दन व्हाइट राइनों को 2009 में दो अन्य मादा व्हाइट राइनों के साथ केन्या में ओल पेजेटा वन्यजीव अभयारण्य में लाया गया था जो कि 90,000 एकड़ में फैला हुआ है। और ये अभयारण्य, 105 ब्लैक राइनो का घर है, इसके अलावा यहां 23 व्हाइट राइनो और पांच में से शेष बचे 3 व्हाइट राइनो भी हैं। इनमें से जिस राइनो की तस्वीर के बारे में हम बात कर रहे हैं वो दुनिया का एकमात्र जीवित नर राइनो था। जो अपनी दुलर्भ नस्ल में शेष बचा नर गेंडा था। इस वजह से इसकी सुरक्षा का विशेष ध्यान रखा जाता था।
टांग के इंफेक्शन से था परेशान
सूडान काफी समय से टांग के संक्रमण से पीडि़त था। उसकी हड्डियां कमजोर हो गई थी। शरीर पर काफी घाव हो गए थे। जिसका इलाज चिकित्सकों द्वारा किया जा रहा था। इलाज और दवाईयों के बाद भी जब सूडान को किसी तरह की राहत नहीं मिली तो उसे मौत की दवाईयों दे दे दी गई।
40 रेंजर्स की ड्यूटी
इसकी सुरक्षा में लगभग 40 हथियार लैस रेंजर्स की ड्यूटी लगाई जाती है जिनके पास हर समय लेटेस्ट हथियार रहते हैं। इस प्रजाति के बचे हुए गेंडों के शिकार होने के चलते यह हर समय हथियार लैस रेंजर्स ड्यूटी पर रहते थे।
स्पर्म से मादा राइनों को गर्भाधारण करवाने की कोशिश
यह तस्वीर दिसम्बर 2013 में ली गई थी। ये दुनिया का एक मात्र जीवित नॉर्दन व्हाइट राइनों के प्रजाति को बचने के लिए वैज्ञानिकों ने इसके स्पर्म से दूसरी मादा राइनों को गर्भाधारण करवाने की कोशिश भी की थी क्योंकि उस समय तक अपने साथी के साथ संभोग करने के लिए इस नर सफेद गेंदे 'सूडान' की उम्र ज्यादा हो चुकी है।
50 मिलियन से भी ज्यादा
इस राइनो की सुरक्षा के लिए सरकार ने खूब खर्च भी किया था। गौरतलब है कि इस राइनो की प्रजाति पिछले 50 मिलियन वर्षों से धरती पर थी लेकिन अब कई कारणों के चलते ये नस्ल अब लुप्त हो चुकी हैं। इनमें इस प्रजाति के 3 राइनों में से भी आखिरी नर गैंडे सूडान की भी मुत्यु हो गई।
अब सिर्फ 2 मादा राइनों ही जीवित
जिस अभयारण्य में सूडान और ये 2 मादा राइनों रहते थे, उसकी सुरक्षा भी मुस्तैदी से की जाती है ताकि कहीं से कोई भी चूक न होने पाएं। आपको जानकर आश्चर्य होगा कि 1960 में 2000 से अधिक नॉर्दन व्हाइट राइनो थे जो इतने कम समय में ही लुप्त होने की कगार पर आ गए हैं। वर्ल्ड वाइल्डलाइफ फंड पर गौर करें तो 1980 तक आते-आते मात्र 15 राइनो ही इस नस्ल के रह गए थे। फिलहाल धरती में दो मादा राइनो जीवित हैं, किसी सफेद नर गेंडे के जीवित न रहने के वजह से यह नस्ल अब समाप्त ही हो चुकी हैं।
टिंडर पर भी था सूडान
सुडान की नस्ल को बचाने के लिए उसकी प्रोफाइल टिंडर प्रोफाइल डेटिंग एप पर भी बनाई गई। ताकि इस प्रोफाइल से इक्ट्ठे हुए पैसो से फर्टिलाइजेशन प्रक्रिया के तहत इस नस्ल को बढ़ाया जा सकें।
अवैध तरीके से इन गैंडों के सींग के लिए शिकार की वजह से आज यह नस्ल भी सूडान के साथ खत्म हो गई