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अल्जाइमर पीडि़त पैरेंट्स की कैसे करें देखभाल?
अल्जाइमर, एक प्रकार की भूलने की बीमारी है। इसे एक गंभीर मस्तिष्क दोष माना जाता है जो आज तक लाइलाज है। अल्जाइमर बीमारी का पहला लक्षण तनाव रहना है। इस बीमारी में दिमाग शांत नहीं रहता है, स्थिरता नहीं रहती है और मरीज, हर बात भूल जाते हैं। बीमारी बढ़ जाने के बाद मरीज को बोलने में भी दिक्कत होती है।
अगर
आपके
परिवार
में
आपके
माता
-
पिता
को
अल्जाइमर
की
शिकायत
है
तो
उनको
केयर
के
साथ
हैंडल
करने
की
आवश्यकता
है।
अल्जाइमर
मरीज,
शारीरिक
और
मानसिक,
दोनों
तरीकों
से
टूट
जाते
है
ऐसे
में
उनका
सहारा
बनना
चाहिए
न
कि
उनकी
कमजोरी
पर
खिझ
उतारनी
चाहिए।
आजकल
कई
अल्जाइमर
सेंटर
भी
खुले
है
जो
इन
मरीजों
की
देखभाल
के
लिए
नर्स
उपलब्ध
करवाते
है
और
ट्रेनिंग
प्रोग्राम
चलाते
है
जिनमें
आप
उनकी
देखरेख
कैसे
की
जाएं,
यह
सीख
सकते
है।
अल्जाइमर
पैरेंटस
की
देखभाल
करने
के
कुछ
ऐसे
ही
टिप्स
यहां
नीचे
बताएं
जा
रहे
हैं
:
-
1) प्यार दें :
जब आप छोटे थे तो दिन में 20 तरह के सवाल पूछते थे और आपके मां- बाप प्यार से समझाते थे। कुछ ऐसा ही अब आपको करना पड़ेगा, अगर आपके मां- बाप कोई बात भूल जाते है तो उन्हे दुबारा उतने ही प्यार से समझाएं। प्यार देने से वह परेशान नहीं होगे और यह बीमारी उन्हे अभिशाप नहीं लगेगी।
2) धैर्य रखें :
अगर आपके माता - पिता में से किसी को अल्जाइमर की शिकायत है तो आपको धैर्य रखने की आवश्यकता है। कई बार अपने पैरेंट्स पर गुस्सा भी आएगा लेकिन उसे जताएं नहीं और उन्हे हर बार उतने ही प्यार से समझाएं। उन्हे कभी अकेला न छोड़े कि परेशान हो जाएं, कई बार वह आपको पहचानने से भी इंकार कर देगें लेकिन उन्हे समझाने का काम आपका है।
3) दिल मजबूत रखिए :
अल्जाइमर मरीज की देखरेख करना कोई आसान काम नहीं है, कई बार आपको कुछ कठिन निर्णय लेने पड़ते है और कठिन परिस्थितियों का सामना करना पड़ता है। पिघले नहीं, रोएं नहीं, मजबूत रहें और प्रैक्टिकल तरीके से सोचें कि आगे क्या और कैसे करना है।
4) हमेशा सम्पर्क में रहें :
अगर आप कहीं बाहर जॉब करते है तो अपने माता - पिता के पास कोई नर्स रखें या उन्हे केयरिंग सेंटर में रखें। उन्हे अकेला और बेसहारा न छोड़ें। उनसे हमेशा सम्पर्क बनाएं रखें, एक ही शहर में होने पर आप उन्ही के साथ रहें। आपका साथ होना, उनकी बची यादों को बनाएं रखता है।
5) खुश रखें :
अपने माता - पिता से हमेशा बातें करें। अगर वो आपका पहचान न पाएं फिर भी उनका साथ दें और उन्हे खुश रखें। उनकी पसंद की चीजें दें और खिलाएं। इससे उन्हे अच्छा लगेगा।