Just In
- 18 min ago
हर व्रत में इन नियमों का पालन है जरूरी, नहीं तो मनोकामना रह जाती है अधूरी
- 1 hr ago
Vastu Tips For Kitchen : किचन के लिए अपनाएं यह वास्तु टिप्स, कभी नहीं होगी धन धान्य की कमी
- 2 hrs ago
अपनी कमर और रीढ़ को मजबूत रखने के लिए सुहाना खान करती है कागासन, जानें इसके फायदे
- 4 hrs ago
Bada Mangal 2022: ज्येष्ठ मास का पहला बड़ा मंगल आज, जरूर कर लें इन मंत्रों का जाप
Don't Miss
- Automobiles
जीप मेरिडियन 19 मई को होगी लाॅन्च, टोयोटा फाॅर्च्यूनर को मिलेगी टक्कर
- News
गेहूं निर्यात पर लगा प्रतिबंध, बंदरगाहों पर अटके मध्य प्रदेश के हजारों ट्रक!
- Education
Bihar School Viral Video बिहार के सरकारी स्कूल में ऐसी हो रही पढ़ाई, देखें वायरल वीडियो
- Finance
Tips : करोड़पति बनेंगे या नहीं, ऐसे करें चेक
- Movies
तारक मेहता के फैंस लिए बुरी खबर,14 साल बाद मेकर्स के कारण शैलश लोढ़ा ने छोड़ा शो, क्या है सच?
- Technology
WhatsApp New leak : होने वाले है Status Section में कुछ बदलाव
- Travel
Mount Abu Summer Festival 2022: कैसे व कब पहुंचें माउंट आबू
- Sports
जोकोविच ने कोरोना को लिया हल्के में, अब सामने आया राफेल नडाल का बयान
National Girl Child Day 2022: जानिए क्यों खास है यह दिन
भारत बहुत तेजी से आगे बढ़ रहा है और विकासशील देश से विकसित देश की कदम पर राह बढ़ा रहा है। लेकिन बदलते भारत की इस तस्वीर में भी ऐसे कई लोग है, जिनकी सोच आज भी रूढ़िवादी है। ऐसे कई ऐसे परिवार हैं जो बेटियों को जन्म नहीं देना चाहते हैं, इसलिए उन्हें गर्भ में ही मार देते हैं या फिर उनके पैदा होने पर शोक मनाते हैं। शायद यही कारण है कि भारत में

एक प्रतिकूल लिंगानुपात देखने को मिलता है।
चूंकि भारत में पुरूष प्रधान समाज की अधिकता है और पितृसत्तात्मक मानसिकता का होने के कारण एक लड़की को गर्भ से ही अपने जीवन के लिए संघर्ष करना पड़ता है। भारत में तो कन्या भ्रूण हत्या को कम करने के लिए लिंग जांच को अवैध घोषित किया गया है। हालांकि, फिर भी ऐसे कई मामले रिपोर्ट होते हैं, जब लोग अपनी पहचान या पैसे के बूते पर लिंग जांच और कन्या भ्रूण हत्या जैसे जघन्य अपराध करते हैं। लेकिन हम यह समझने में असफल रहते हैं कि जब हम
एक लड़की को बचाते हैं, तो हम पीढ़ियों को बचाते हैं।
असमानता अपने आप में एक बालिका की प्रगति के लिए एक बड़ा खतरा है जिसमें शिक्षा, पोषण, नौकरी, कानूनी अधिकार, चिकित्सा देखभाल और बहुत कुछ जैसे क्षेत्र शामिल हैं। इसलिए, 2008 में महिला सरकार और बाल विकास मंत्रालय और भारत सरकार द्वारा बेटियों को मनाने और समाज में लड़कियों के अनुभवों के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए एक पहल शुरू की गई थी और इसी क्रम में 24 जनवरी 2009 के दिन देश में पहली बार राष्ट्रीय बालिका दिवस मनाने की शुरूआत हुई। तो चलिए आज इस लेख में हम आपको राष्ट्रीय बालिका दिवस से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण बातों के बारे में बता रहे हैं-

राष्ट्रीय बालिका दिवस कब मनाया जाता है?
राष्ट्रीय बालिका दिवस हर साल 24 जनवरी के दिन मनाया जाता है। वैसे हम आपको बता दें कि 2009 को पहली बार राष्ट्रीय बालिका दिवस मनाया गया। इस खास दिन पर कई जागरूकता अभियान और कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। ताकि लोगों की सोच में बदलाव लाया जा सके और बालिकाओं के प्रति भेदभाव को समाप्त किया जा सके।

राष्ट्रीय बालिका दिवस 2022: थीम
हर साल राष्ट्रीय बालिका दिवस के साथ एक नई थीम जुड़ी होती है। वर्ष 2020 में बालिका दिवस की थीम 'मेरी आवाज, हमारा साझा भविष्य' थी। बालिका दिवस 2021 की थीम 'डिजिटल जेनरेशन, अवर जेनरेशन' थी। वहीं, साल 2022 के बालिका दिवस की थीम अभी घोषित नहीं की गई है।

राष्ट्रीय बालिका दिवसः इतिहास और महत्व
अब सवाल यह उठता है कि राष्ट्रीय बालिका दिवस को सेलिब्रेट करने के लिए 24 जनवरी का दिन ही क्यों चुना गया। दरअसल, 1996 में 24 जनवरी के दिन ही इंदिरा गांधी भारत की पहली महिला प्रधान मंत्री बनी थीं। वह देश की पहली महिला प्रधानमंत्री थी। यह दिन महिला सशक्तिकरण के लिहाज से भारतीय इतिहास में एक बेहद ही महत्वपूर्ण घटना थी। इसलिए इस विशेष दिन को ही बाद में राष्ट्रीय बालिका दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया गया।
इस दिन को इसलिए भी महत्वपूर्ण माना गया है क्योंकि यह लोगों को समाज में लड़कियों के साथ होने वाले भेदभाव के बारे में जागरूक करता है और साथ ही एक बालिका को अपने अधिकारों के बारे में बताता है।

लिंगानुपात में है असमानता
तमाम जागरूकता कार्यक्रम और पहल जैसे 'सेव गर्ल चाइल्ड, एजुकेट गर्ल चाइल्ड', बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ आदि के बाद भी देश में अभी तक लिंगानुपात में समानता नहीं है। इसके लिए अभी भी कई प्रयासों की आवश्यकता है।
राष्ट्रीय बालिका दिवस की शुभकामनाएं
राष्ट्रीय बालिका दिवस के खास दिन पर लोगों की सोच में परिवर्तन लाने और इसे सेलिब्रेट करने के लिए यह शुभकामनाएं दी जा सकती हैं।
• माँ चाहिए...पत्नी चाहिए...बहन चाहिए...फिर बेटी क्यों नहीं चाहिए ?
• कन्या संतान बचानी है, भ्रूण हत्या मिटानी है!!
• बेटी तो है एक उपहार भ्रूणहत्या पर करो प्रहार
• हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई बेटी बचाने की कसम है खाई
• बेटों से भी बेटी भली, क्यों जन्म से पूर्व उसकी बलि