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इन 15 घरेलू उपायों से डायपर रैशेज को कहें बाय-बाय

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छोटे बच्चों की त्वचा बहुत सैंसटिव होने के कारण उनका आवश्यकता से ध्यान रखना जरूरी होता है। बच्चों में सबसे ज्यादा परेशानी नैपी रैशेज के कारण होती है। बहुत देर तक कॉर्मशियल डायपर नहीं बदलने की वजह से होता है। इसके अलावा, अगर आप घर पर ही बने डायपर का इस्‍तेमाल कर रहें हैं तो अगर उन्हें आप स्ट्रॉन्ग डिटरडेंट में धो रहे हैं और धोने के बाद भी नैपी से डिटरजेंट के कैमिकल्स नहीं निकल पा रहे तो बच्चे को उस डायपर को पहना देने से रैशेज का डर रहता है। बच्‍चों के लिए क्‍यों है जरुरी नारियल तेल की मालिश, जानें 5 कारण

बच्चों को डायपर रेशेज से काफी तकलीफ होती है। इसलिए जरूरी है कि उन्हें इस समस्या से बचाया जाए। आइए जानते है कि घर पर किस तरह से बच्‍चों को डायपर की वजह से होने वाले रेशेज से कैसे राहत दिलाई जा सकती है।

यहां हम कुछ आपको घरेलू उपाय बता रहें है जिनसे आप बच्‍चों को डायपर से होने वाले रैशेज से आराम दिला सकते हैं।

1. दूध

1. दूध

मां का दूध बच्‍चें के लिए अमृत होता है। ये तो आपने सुना ही होगा, मां का दूध बच्‍चें के हर दर्द का इलाज है। बच्‍चें के रेशेज से छुटकारा पाने के लिए माएं अपना ब्रेस्‍ट मिल्‍क लगा सकती है। जहां रेशेज हुए वहां ब्रेस्‍ट मिल्‍क की कुछ बूंदे लगा दें इससे बच्‍चें को कुछ हद तक राहत मिलेगी।छोटे बच्चों को गाय का दूध पिलाने से हो सकती हैं पाचन समस्याएं- स्टडी

2. दही

2. दही

अगर रैशेज के वजह से खमीर है तो अपने बच्‍चे को दही खिलाएं। आप दही का इस्‍तेमाल एक क्रीम के रुप में भी कर सकती है। जहां जहां बच्‍चें के रेशेज के निशान है वहां वहां दही के साथ बेकिंग सोडा का पेस्‍ट बनाकर बच्‍चें के निशान पर लगा दें। वरना बेकिंग सोडा की जगह ओटमील को भी शामिल कर सकती हैं।

3. विनेगर

3. विनेगर

टॉयलेट में पीएच बहुत ज्यादा होता है जिससे बच्चों के शरीर के निचले हिस्से में बहुत ज्यादा जलन होती है। इसीलिए इस बढे़ हुए पीएच के लेवल को बैलेंस करने के लिए आप विनेगर का इस्तेमाल कर सकते हैं। अगर आप कोई कपड़ा या डायपर इस्तेमाल कर रहे हैं तो उसे विनेगर के सलूशन में भीगा लें। (आधे बाल्टी पानी में आधा कप विनेगर का मिश्रण) अगर आप डिस्पोजेबल डायपर का इस्तेमाल कर रहे हैं तो बेबी के डायपर एरिया को विनेगर के हलके सलूशन से साफ़ करना न भूलें । इससे यीस्ट इन्फेक्शन नहीं होता है।

4. नारियल का तेल

4. नारियल का तेल

नारियल के तेल आपके बच्चे के शरीर पर फंगस या माइक्रोबियल इन्फेक्शन होने से रोकता है। ये आपके बच्चे की त्वचा को रहत प्रदान करता है आप डायपर एरिया में नारियल तेल दिनभर में कई बार लगा सकते हैं। इसके अलावा आप तेल की कुछ बूंदें नहाते वक़्त पानी में भी डाल सकते हैं ताकि त्वचा में नमी भी बनी रहेगी और साथ-साथ ये यीस्ट इन्फेक्शन को भी रोकता है।

5. पेट्रोलियम जेली

5. पेट्रोलियम जेली

ज्यादातर डॉक्टर आपके बच्चे के डायपर एरिया को सुखा और साफ़ रखने की सलाह देते हैं और देखा जाए तो पेट्रोलियम जेली बिलकुल यही काम करता है। ये बच्चे को टॉयलेट या पॉटी के दौरान जलन होने से भी बचाता है। एक बार आप बच्चे के डायपर एरिया को गर्म पानी और सूखे कपडे से साफ़ कर दें तो आप उसपर पेट्रोलियम जेली लगा सकते हैं। इस प्रक्रिया को बेबी को नहाने के बाद हर बार दोहरायें।

6. कॉर्नस्टार्च

6. कॉर्नस्टार्च

ये नमी को सोखता है और फ्रिक्शन को कम करता है जिससे डायपर रैश का इलाज़ होता है सिम्पली बच्चे के गिले डायपर को निकालें , बेबी के निचले हिस्से को गर्म पानी से धोएं। इसके बाद सूखने के बाद वहां कॉर्नस्टार्च अप्लाई करें और फिर उसे सूखने के लिए हवा में छोड़ दें। इस प्रक्रिया को हर बार दोहरायें जब भी आप बच्चे का डायपर बदलते हैं।

7. बेकिंग सोडा

7. बेकिंग सोडा

इसमें हीलिंग क्षमता होती है जो डायपर रैश के इलाज के लिए अच्छा होता है। 4 कप पानी में 2 चम्मच बेकिंग सोडा डालें और इस मिश्रण से बच्चे के शरीर के निचले हिस्से को साफ़ करें।

8. एलोवेरा

8. एलोवेरा

ऐलोवेरा की एक पत्‍ती लें। उसे 2 भाग में काटें और चाकू की मदद से उससे जैल बाहर निकालें। डायपर की जगह को साफ और सूखा करें। अब बच्‍चें की त्‍वचा पर एलोवेरा जैल को लगाएं। इससे त्‍वचा पर राहत मिलेगी और दर्द से छुट्टी।

9. गर्म पानी

9. गर्म पानी

गुनगुने पानी में ब्रेंकिग सोडा मिलाकर बच्चों की एलर्जी पर लगाए, इससे बच्चों को रेशेज से शीध्र आराम मिलेगा। इसके अलावा आप चाहें तो सामान्‍य कपड़े को सादे गुनगुने पानी में डुबाए ओर जहां बच्‍चें को रेशेज है वहां लगाएं। बच्चों को डिटाँल को पानी से साफ कर रेशेज क्रीम लगाए।

10. कपड़े के डायपर

10. कपड़े के डायपर

बच्चों की स्किन इतनी कोमल होती है कि डिस्पोजेबल डायपर पहनने से रैशेस होने का खतरा रहता है। वहीं कपड़े के डायपर सूती कपड़े से बने के कारण नरम होता है जिससे गीला होते ही इसे बदला जा सकता है। बच्चों की स्किन सेंसिटिव होने के कारण खुजली या रैशेस का डर रहता है, लेकिन कपड़े के डायपर से किसी भी तरह की एलर्जी का भी कोई डर नहीं है।

11. खुली हवा में छोड़े

11. खुली हवा में छोड़े

बच्‍चें के त्‍वचा में रेशेज होने की पीछे वजह होती है उनके नाजुक अंगों तक सही तरीके से हवा का नहीं पहुंच पाना। इसके अलावा दिनभर डायपर में पसीने और हवा की कमी के वजह से रेशेज हो जाते है। इसलिए बच्‍चों को कुछ देर के लिए खुली हवा में भी छोड़े।

12. शिया बटर

12. शिया बटर

शिया बटर में मौजूद फैटी एसिड त्‍वचा की नमी बरकरार रखने और त्‍वचा को एक्‍सट्रा नमी प्रदान कर उसे बेहद कोमल बनाता है। जहां कहीं भी बच्‍चों को एलर्जी या रेशेज है वहां शिया बटर लगाएं जो बच्‍चों को दर्द और जलन से राहत देगा।

13. मधुमक्‍खी के छत्‍ते का मोम

13. मधुमक्‍खी के छत्‍ते का मोम

मधु मक्‍खी के छत्‍ते के मोम आधा कप शिया बटर और चौथाई कप नारियल का तेल मिलाएं और इसे थोड़ा गर्म कर लें। इसके बाद इसे हल्‍का ठंडा होते ही इसमें थोड़ा वेजिटेबल ग्लिसिरीन मिलाएं। इसके जब ये मिक्‍सर बन जाएं तो इसे ठंडा होने के लिए छोड़ दें। अब इसे बच्‍चें के इफेक्टिव एरिया पर लगाएं।

14. सेंधा नमक

14. सेंधा नमक

अगर आपके बच्‍चें को यीस्‍ट इंफेक्‍शन हो गया है तो सेंधा नमक उसके लिए कारगार साबित हो सकता है। बच्‍चें को नहलाने से पहले गर्म पानी करें और टब में डालें। इसके बाद इसमें बेकिंग सोड़ा मिलाए और सेंधा नमक डालें। अब इसमें अपने बेबी को दस मिनट के लिए बिठाएं। अब आप अपने बच्‍चें को सूखनें दे। यह उपाय आपको दिन में 2-3 बार करना चाहिए।

15. करौंदे का ज्‍यूस

15. करौंदे का ज्‍यूस

बच्‍चें को इंफेक्‍शन और रैशेज से बचाने के लिए बच्‍चों को सीधा करौंदे का रस या क्रेनबैरी का ज्‍यूस भी पिला सकती है। इसके रस में मौजूद घटक बच्चे को मूत्राशय में चिपकने वाले बैक्‍टीरिया से बचाते हैं। ताकि संक्रमण को रोक सकें। इसके अलावा

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English summary

Home Tips for Treating Diaper Rash

Here are the top 15 home remedies for diaper rash.
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