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नवजात शिशु को कौनसे महीनें से पानी पिलाना शुरु करना चाहिए?
कई बार नई मांओं को ये उलझन रहती है कि नवजात शिशु को पानी पिलाएं या नहीं? आइए जानते है इस बारे में कि नवजात शिशु को पानी कब पिलाना शुरू करना चाहिए।
बच्चे की देखभाल के बारे में अपने रिश्तेदारों और पड़ोसियों द्वारा दी जाने वाली राय से आप परेशान और कनफ्यूज होंगी। यह राय सबकी अलग-अलग हो सकती है। पहली बार माँ बनी महिलाएं इससे भ्रमित हो सकती हैं। इन सब में, सबसे बड़ा कन्फ़्यूजन इस बात का होता है कि नवजात पानी पीना कब शुरू कर सकते हैं।
आपको सलाह मिली होगी कि बच्चे को डिहाइड्रेशन से बचाने के लिए पानी देना चाहिए। लेकिन वास्तविकता यह है कि गर्मी के मौसम में भी आपका बच्चा आपके दूध से पानी की कमी दूर कर लेता है। आपके दूध में 88% पानी होता है, जो आपके बच्चे के लिए उपयुक्त है, फिर मौसम चाहे कैसा भी हो।
6 महीने से छोटे बच्चे को पानी देना उसे कई तरह नुकसान पहुंचा सकता है। इसका सबसे बड़ा प्रभाव बच्चे को पानी का नशा होना और पोषण ना मिलना हो सकता है।
जब
उसका
पेट
भरा
होगा,
तो
वो
माँ
का
दूध
नहीं
पिएगा
क्यों
कि
उसे
भूख
तो
लगेगी
नहीं।
ध्यान
रखें
कि
बच्चे
का
पेट
बहुत
छोटा
होता
है
यह
केवल
आपके
दूध
से
भर
जाएगा।
इसलिए
यह
जानना
जरूरी
है
कि
क्या
नवजात
बच्चे
को
दूध
कब
पिलाना
चाहिए।
इस आर्टिकल में हम आपको यही बता रहे हैं कि नवजात कब पानी पीना शुरू कर सकते हैं। आगे पढ़ें।
नवजात
इस समय स्तन का दूध पर्याप्त है। बच्चे के जन्म के कुछ दिनों में माँ के स्तन से कोलोस्ट्रम (गाढ़ा दूध) निकलता है वह उसे हायड्रेटिड रखने के लिए पर्याप्त है।
आप जितना दूध पिलाएंगी उतना ही दूध पैदा होगा, इससे बच्चे को पानी भी ज़्यादा मिलेगा।
1 दिन से 3 महीने
बच्चों को जन्म के 3 माह तक पानी नहीं पिलाना चाहिए। ज़्यादा पानी पिलाने से ओरल वाटर इंटोक्सिकेशन हो सकता है और यह बच्चे के दिमाग और हार्ट को नुकसान पहुंचा सकता है। ज़्यादा पानी से बच्चे का पेट भी भर जाएगा और वह दूध नहीं पिएगा।
4 से 6 महीने
इस समय पानी पिलाना नुकसानकारी नहीं है, लेकिन इस समय भी इसकी सलाह नहीं दी जाती। स्तन के दूध से इसकी पूर्ति हो जाएगी। दूध से पोषण भी मिल जाता है, प्यास और भूख भी मिट जाती है। फिर भी, दूध पीने वाले बच्चे को गर्मी के दिनों में थोड़ा पानी पिलाया जा सकता है।
6 महीने से ज़्यादा बड़े
6 महीने से बड़े बच्चे को दिन में कई बार पानी पिलाना अच्छा है। जब बच्चा थोड़ा सॉलिड फूड लेना शुरू करता है तो दूध और पानी सॉलिड फूड के साथ थोड़ा दिया जा सकता है। लेकिन 6 महीने तक के बच्चे को स्तनपान करवाना सही है।
6 महीने से कम के बच्चे को पानी पिलाने के नुकसान
जब आपको पता चल गया है कि बच्चे को पानी कब पिलाएँ तो इन बातों को ध्यान रखें। बच्चे को ज़्यादा पानी पिलाने से उसे दूध व बेबी फीड का पोषण ठीक तरह नहीं मिलेगा। जब बच्चे का फीड बनाएँ तो उस पर लिखे निर्देश ध्यान से पढ़ें। बताई गई पानी की मात्रा ही डालें।
पानी का नशा
ज़्यादा पानी के आदत से वाटर इन्फेक्शन हो सकता है। शरीर के एलेक्ट्रोलाइट संतुलन के बिगड़ने से ऐसा होता है। ज़्यादा पानी से सोडियम का कंसंट्रेशन कम होगा। इससे ओडेमा या फुलाव होगा। इसलिए उन्हें 6 माह से पहले पानी देना ठीक नहीं है।
मां का दूध ही सबसे बेहतर!
कोशिश करें कि 6 महीने तक बच्चा केवल माँ का दूध ही पिये। बच्चे को स्तनपान कम करवाने से डायरिया, निमोनिया जैसे जानलेवा बीमारियाँ भी बच्चे को हो सकती हैं।