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मायोपिया से बच्चों को हो सकती हैं मोतियाबिंद की समस्या, जानें इसके लक्षण

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Myopia in Childrens

हाल ही में एम्स के एक अध्ययन से पता चला है कि स्कूल जाने वाले 13% से अधिक बच्चों में मायोपिया विकसित हुआ है और इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स के अत्यधिक उपयोग के कारण पिछले दशक में यह संख्या दोगुनी हो गई है। मायोपिया आंखों से जुड़ी एक आम समस्या है, जिसमें दूर की चीज सही से देखने में परेशानी होती है। लेकिन हाल ही में AIIMS के एक अध्ययन में खुलासा हुआ कि, स्कूल जाने वाले 13 प्रतिशत से ज्यादा बच्चों में मायोपिया के लक्षण विकसित हुआ है। ये समस्या इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स के ज्यादा यूज के कारण दोगुना बढ़ी है। मायोपिया वैसे तो आंख से जुड़ी आम समस्या है, लेकिन आगे चलकर ये बच्चों की लाइफ पर गलत प्रभाव डाल सकता है। बच्चों को मोतियाबिंद, रेटिना के अलग होने के साथ ग्लूकोमा होने का खतरा भी बढ़ जाता है। अगर इस समस्या को आम समझ कर इग्नोर कर दिया जाए, तो ये बच्चों के आंखों की रोशनी जाने का कारण भी बन सकता है।

मायोपिया के लक्षण

बच्चों में मायोपिया बहुत कम उम्र में ही दिखाई दे सकता है। मायोपिया की बीमारी आमतौर पर किशोरावस्था में तेजी से बढ़ने लगता है। 20 साल की उम्र के बाद जब आंखें बढ़ना बंद हो जाती हैं तो यह समस्या भी रूक जाती है। लेकिन छोटे बच्चों को अपनी आंखों से जुड़ी ये समस्या समझने में मुश्किल हो जाती है। जिसके कारण कई बार पैरेंट्स उनकी समस्या को समझ नहीं पाते, और समय रहते उनका उपचार नहीं कर पाते हैं। ऐसे में पैरेंट्स को इस समस्या के बारे में पता होना जरूरी है। लेकिन इन लक्षणों से आप बच्चों में मायोपिया की समस्या का पता लगा सकते हैं।

भेंगापन

अगर मायोपिया एक आंख में ज्यादा और दूसरी आंख में कम है तो बच्चे को भेंगापन की समस्या भी हो सकती है। यह लक्षण मायोपिया के विकसित होने का संकेत है।

बार-बार आंखें मलना

आंखों में किसी तरह का खिंचाव या थकान होने पर बच्चे बार-बार आंखों को मलने लगते हैं। जो इस बीमारी का आम लक्षण है। आंख रगड़ना मायोपिया विकसित होने का शुरुआती संकेत है। ऐसे में अगर आपका बच्चा बार-बार आंखों को मलता है तो आप अपने बच्चे को आंखें मलने से जरूर रोके। क्योंकि आंखों के बार बार मलने से ये आंख के नुकसान के खतरे को बढ़ा सकता है।

Myopia in Childrens

आंखों से पानी आना

इस समस्या के कारण बच्चे के आंख में बार-बार पानी आने लगता है। यह एक ऐसा लक्षण है जिसमें एलर्जी के साथ जलन होने की समस्या भी होती है। ऐसे में बच्चे के आंख में पानी आने पर उनका इलाज करवाने के लिए अपने डॉक्टर की सलाह जरूर लें।

पढ़ने में परेशानी होना

अगर आपके बच्चों को दूर की चीजें पढ़ने में आंखें छोटी करनी पड़ रही हैं, तो उनकी आंखों में समस्या हो सकती है। क्योकि जब आपको कुछ पढ़ने में परेशानी आने लगती है, तो आप उसे पढ़ने के लिए अपनी आंखे सिकोड़ने लगते हैं। ऐसे ही बच्चों की आंखे कमजोर होती है, तो दूर की चीजें पढ़ने में उन्हें भी परेशानी होती है, जिस कारण वो आंखे छोटी करके अपनी दूर की चीज पढ़ने की कोशिश करते हैं।

मायोपिया को रोकने का तरीका

अगर बच्चे को जन्म से आंखों की कोई समस्या नहीं है, ये खानदानी परेशानी नहीं है तो भी तो मायोपिया की समस्या को रोकना या धीमा करना मुमकिन है। ऐसे में माता-पिता अपने बच्चे की इस समस्या को दूर करने के लिए कुछ जरूरी कदम उठा सकते हैं। पैरेट्स को ये यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उनके बच्चे की आंखों की जांच समय से हो जाए। माता-पिता को अपने बच्चों को कुछ समय बाहर बिताने के लिए मोटिवेट करना चाहिए। इसी के साथ समय से उन्हें हेल्दी डाइट भी मिलना चाहिए।

English summary

Myopia can cause cataract in children, know its symptoms

Myopia is a common problem related to the eyes, but due to not paying attention to it in time, major diseases related to the eyes can also come to the fore. Let's find out.
Story first published: Monday, November 21, 2022, 12:30 [IST]
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