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मां का पहला गाड़ा दूध क्यों जरुरी होता है शिशु के लिए?
कोलोस्ट्रम मां का वह पहला दूध है, जो गर्भावस्था के दौरान आपके स्तनों में बनता है। जब तक कि यह गर्भावस्था के दौरान थोड़ा रिसता नहीं है, तब तक अधिकांश माताओं को इसके बारे में पता नहीं होता।
ये रोगप्रतिकारकों से भरपूर है। इसमें प्रोटीन की मात्रा भी अधिक होती है जो नवजात शिशु के मांसपेशियोँ को बनाने में मदद करती है और नवजात की रोग प्रतिरक्षण शक्ति विकसित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
कोलोस्ट्रम का निर्णाम मां के स्तनों में गर्भावस्था के लगभग तीसरे से चौथे महीने से शुरू हो जाता है।
कोलोस्ट्रम के फायदे
कोलोस्ट्रम शिशु को बहुत ही कम मात्रा में उपलब्ध होता है। मगर उतना ही काफी है शिशु के लिए। इसमें बहुत ताकत होता है और यही वजह है की कुछ लोग तो इसे बच्चों के लिए ये तरल सोना भी कहते हैं। प्रोटीन की सहायता से ही शरीर मांसपेशियोँ का निर्माण करता है।
कोलोस्ट्रम में ल्यूकोसाइट्स (रक्षा करने वाली सफेद रक्त कोशिकाएं) भी उच्च मात्रा होती है, जो अनेक जीवाणुजनित और विषाणुजनित संक्रमणों से शिशु की रक्षा करने में मदद कर सकती हैं।
रोगप्रतिकारक गुण होते है
कोलोस्ट्रम
में
मौजूद
रोगप्रतिकारक
आपके
शिशु
की
श्वसन
संबंधी
संक्रमणों
जैसे
निमोनिया,
फ्लू,
श्वासशोथ
(ब्रोंकाइटिस)
के
साथ-साथ
पेट
और
कान
के
संक्रमणों
से
भी
रक्षा
करते
हैं।
धीरे-धीरे
आपका
शिशु
स्वयं
अपने
रोगप्रतिकारक
बनाना
शुरू
कर
देता
है।
कार्बोहाइड्रेट्स
कोलोस्ट्रम में कार्बोहाइड्रेट्स और वसा की मात्रा बहुत कम होती है जो शरीर को ऊर्जा प्रदान करने का काम करता है।
तंत्रिका तंत्र का विकास
कोलोस्ट्रम में कॉलेस्ट्राल की उच्च मात्रा होती है, जो इस स्तर पर आपके शिशु के तंत्रिका तंत्र के विकास के लिए अनिवार्य है।
कैसे
दिखता
है
कोलोस्ट्रम
कोलोस्ट्रम कुछ महिलाओं में पारदर्शी द्रव्य की तरह और दूसरी कुछ महिलाओं में गहरा-पीला रंग के द्रव की तरह दीखता है। कोलोस्ट्रम चाहे दिखने में जैसा भी हो, एक नवजात शिशु के लिए यह बेहद पौष्टिक होता है और अमृत तुल्य है।
मां के स्तनों में कोलोस्ट्रम कब तक बनता है
शिशु
के
जन्म
के
बाद
कुछ
दिनों
तक
मां
का
शरीर
कोलोस्ट्रम
बनता
है।
जन्म
से
तीन
दिनों
तक
शिशु
के
शरीर
में
मौजूद
रिजर्व
फैट,
शिशु
के
ऊर्जा
की
आवश्यकता
को
पूरा
करता
है।
इस
दौरान
शिशु
को
तुलनात्मक
रूप
से
कम
ऊर्जा
की
आवश्यकता
पड़ती
है,
जिसके
लिए
कोलोस्ट्रम
एक
दम
उपयुक्त
है।
गर्भवती
महिलायों
पे
हुए
शोध
में
यह
बात
जानने
को
मिला
है
की
जन्म
के
पहले
48
से
72
घंटों
में
गर्भवती
महिला
करीब
50
मि.
ली.
कोलोस्ट्रम
का
उत्पादन
करती
है
जो
बच्चें
के
लिए
काफी
हेल्दी
होता
है।
कोलोस्ट्रम
और
सामान्य
ब्रेस्ट
मिल्क
में
क्या
अंतर
है?
जन्म के बाद शुरुआती कुछ दिनों में आपका शरीर कोलोस्ट्रम बनाता है। जन्म के कुछ दिनों तक शिशु के लिए हल्का दूध होना जरुरी होता है। औसतन, महिलाएं शिशु के जन्म के पहले 48 से 72 घंटों में करीब 50 मि. ली. कोलोस्ट्रम का उत्पादन करती है। यह मात्रा आपके नवजात के लिए उपयुक्त होती है, क्योंकि उसके पेट का आकर मुश्किल से एक बड़े कंचे के जितना होता है। जैसे-जैसे आपके बच्चे की भूख बढ़ती है, कोलोस्ट्रम की जगह परिपक्व स्तन दूध की प्रचुर सप्लाई ले लेती है।