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जानें क्या फर्क है पीरियड ब्लीड और गर्भपात में!
प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाएं गर्भपात को लेकर काफी चिंतित रहती है, आइए जानते है इस आर्टिकल के जरिए पीरियड और मिसकैरिज में क्या अंतर होता है।
आप काफी लम्बे समय से प्रेग्नेंट होने की कोशिश कर रही है। लेकिन छोटी छोटी चीजों से आप परेशान हो जाती है। प्रेग्नेंसी में जो बात सबसे ज्यादा महिलाओं को परेशान करती है वो है गर्भपात।
यह चिंता हर गर्भवती महिला को होती है खासकर अगर ऐसा पहले हो चुका है तो। दरअसल, प्रेगनेंसी के शुरुआती समय (पहले ट्राईमेस्टर) में, स्पॉटिंग या वैजाइनल ब्लीडिंग किसी गम्भीर समस्या जैसे गर्भपात या मिसकैरिज़ (miscarriage) का संकेत हो सकता है। आइए जानते है पीरियड और गर्भपात में क्या अंतर होता है?
गर्भपात और पीरियड ब्लीड में क्या अंतर है?
अगर आपको एक-डेढ़ महीने से पीरियड्स नहीं आए हैं तो आपको सबसे पहले प्रेगनेंसी टेस्ट करना चाहिए। आप घर में प्रेगनेंसी टेस्ट कर सकती हैं या फिर किसी क्लिनिक में ब्लड टेस्ट कराकर पता करें कि आप प्रेग्नेंट हैं या नहीं। कन्फर्म होने के बाद, आपको अगर दो महीने से पीरियड्स नहीं आए लेकिन पहले तीन महीनों में गर्भाशय में संकुचन या खून आने जैसी समस्या महसूस हो तो डॉक्टर से बात करें, क्योंकि यह मिसकैरिज़ या गर्भपात का संकेत हो सकता है। यह ब्लीडिंग लेट पीरियड या गर्भपात है, यह जानने का एकमात्र तरीका है ब्लड टेस्ट, यूरीन टेस्ट या अल्ट्रासाउंड। हालांकि, लेट पीरियड या गर्भपात के कारण होने वाली ब्लीडिंग में अंतर पता करने के कोई विशेष लक्षण नहीं हैं।
जरुरी नहीं कि प्रोटेक्शन काम ही करें
अगर आपके पीरियड्स रुक गए हैं और आप सेक्सुअली एक्टिव हैं तो सबसे पहले प्रेगनेंसी टेस्ट करें। प्रोटेक्टेड सेक्स करने वाले लोगों को भी इस बात का ध्यान रखना चाहिए क्योंकि कॉन्ट्रासेप्टिव गोलियां या कंडोम भी प्रेगनेंसी रोकने में 100% मददगार नहीं होते। इसी तरह अनप्रोटेक्टेड सेक्स करनेवाले लोगों को प्रेगनेंसी टेस्ट करना चाहिए। कुछ मामलों में, पीरियड में देरी होने का अर्थ ओव्युलेशन में देरी का संकेत हो सकता है, गर्भपात का नहीं।
हालांकि, ऐसे भी मामले होते हैं जहां महिलाओं को पीरियड नहीं आए (लगभग डेढ़ महीने तक) और प्रेगनेंसी टेस्ट करने के बाद परिणाम पॉजिटिव दिखे। लेकिन, जब उन्हें 15 दिन बाद पीरियड आए, तो यह केमिकल प्रेगनेंसी या अव्यवहार्य गर्भावस्था या नॉन-वाइबल प्रेगनेंसी का मामला निकला, जिसका अर्थ है कि प्रेगनेंसी विकसित नहीं हो सकती।
डॉक्टर से मिले
अगर आप प्रेगनेंट हैं और पहले 2 महीनों में आपको स्पॉटिंग या ब्लीडिंग दिखायी पड़ती है, तो अपने गाइनकलॉजिस्ट से बात करें। टेस्ट कराएं और पता करें कि आपकी प्रेगनेंसी सुरक्षित है या नहीं।