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प्रेग्नेंसी में कर रही हैं आप ट्रेवल, जाने किन बातों का रखना चाहिए ध्यान
गर्भावस्था का समय शिशु और मां दोनों के लिए बेहद नाजुक दौर होता है, इस दौरान गर्भवती को हर छोटी से लेकर बड़ी चीज का ख्याल रखना होता है। ऐसे में अगर किसी प्रेगनेंट महिला को अगर मजबूरन में ट्रेवल करना पड़ जाएं तो ये स्थिति थोड़ी मुश्किलभरी हो जाती है। हालांकि प्रेगनेंसी के दौरान डॉक्टर्स तो यात्रा न करने की हिदायत देते हैं।
क्योंकि यात्रा के दौरान लगने वाले झटके, पेट पर दबाव या किसी दुर्घटना की स्थिति में शिशु को नुकसान पहुंच सकता है। कई बार गर्भपात की भी स्थिति बन जाती है। आइए इस आर्टिकल के जरिए जानते है कि अगर किसी भी गर्भवती महिला को यात्रा करनी पड़ जाए तो किन बातों का विशेष ख्याल रखना चाहिए।
छठवें महीने तक कर सकती हैं यात्रा
प्रेग्नेंसी के दौरान यात्रा करना उन महिलाओं के लिए हानिकारक हो सकता है, जिन्हें हाई रिस्क प्रेग्नेंसी है या जिन्हें डॉक्टर ने पूरी तरह से आराम करने की सलाह दी है। प्रेग्नेंसी का दूसरे ट्राइमेस्टर यानी 3 से 6 महीने के बीच आप जरूरी होने पर सफर कर सकती हैं। सुरक्षित यात्रा के साथ ही यह भी आवश्यक है कि आप ऐसी जगहों यात्रा पर न जाएं, जहां किसी संक्रमित बीमारी का प्रकोप फैला हो।
लास्ट ट्राइमेस्टर में बचें यात्रा करने से
डॉक्टर प्रेगनेंट महिला को तकरीबन 28 हफ्तों के बाद ट्रेवल करने की अनुमति नहीं देते हैं, वैसे ट्रेवलिंग के लिए 14 से 18 हफ्तों के बीच का समय चुनें। क्योंकि उस समय ना तो गर्भपात की संभावना होती है और ना ही अन्य परेशानियां होती हैं। इन महीनों में मॉर्निंग सिकनेस, अधिक थकान, सुस्ती जैसी शिकायतें आमतौर पर कम होती हैं।
भारी सामान लेकर यात्रा न करें
गर्भावस्था में औरतों को ना ही भारी सामान अपने साथ लेकर जाना चाहिए और ना ही उठना चाहिए, ख़ासतौर पर अगर आप आपको अकेले यात्रा करनी पड़ जाएं तो व्हील वाले ट्रोली बैग का इस्तेमाल करें। इस दौउरान अकेले ट्रेवल करने से बचें।
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खानपान का ध्यान रखें
गर्भवती महिलाओं में सफर के दौरान जी मिचलाना और उल्टी आना आम शिकायत है। अगर आप हवाई जहाज से यात्रा कर रही हैं तो यात्रा के दौरान दिए जाने वाले ब्रेकफास्ट, लंच या डिनर जरूर लें। यात्रा के 2 से 3 घंटे पहले कुछ खा लें, इससे भूख कम लगेगी। कोशिश करें कि पैकेज्ड फूड का सेवन अवॉइड करें।
सीट और पोस्चर का रखें ध्यान
ऐसी सीट का चुनाव करें जो आराम दायक तो हो ही साथ ही लेग स्पेस भी काफ़ी हो जिसमे आप आराम से खुलकर अपनी स्ट्रेचिंग एक्सार्साइज़ कर सकें और अपने से यात्रियों को बिना डिस्टर्ब करे वॉशरूम आराम से जा सकें, एक ही पोस्चर मे ना बैठी रहें और हो सके तो पोस्चर्स बदलाव करती रहें इससे आपकी बॉडी मे ब्लड सर्कुलेशन सुचारू रूप से चलता रहेगा। अगर आप ट्रेन से सफर करने का कार्यक्रम बना रही हैं तो कोशिश कीजिए की आप लोअर बर्थ (नीचे वाली) की सीट लें। यात्रा के दौरान फैशन के चक्कर में टाइट कपड़े या फिर हील वाली सैंडल इत्यादि का इस्तेमाल न करें। कार में बहुत ज्यादा सिकुड़ कर न बैठे बल्कि पैर फैलाते हुए ऐसे बैठे जिससे आप आसानी से पैर हिला सकें और ऐंठन या अकड़न होने पर आपको अपना पोस्चर बदलने में दिक्कत न हो।
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हेल्थ इंश्योरेंस भी देख ले
प्रेगनेंसी के दौरान ट्रेवल करने से पहले एक बार अपना हेल्थ इंश्योरेंस जरुर चैक करें और मालूम करें कि वो प्रेगनेंसी से रिलेटेड कॉम्पीलिकेशन कवर करता है या नहीं। अगर नहीं तो अलग से एक हेल्थ इंश्योरेंस जरुर खरीदें।
एयरलाइन पॉलिसीज भी देख लें
अगर आप फ्लाइट से ट्रेवल करने का सोच रही हैं तो एयरलाइन की गाइडलाइन और नियमों को जरुर देख लें। हालांकि, कई ऐसी एयरलाइन है जो गर्भवती महिलाओं को थर्ड ट्रीमेस्टर में यात्रा करने की अनुमति नहीं देते है। फिर भी ट्रेवल में सहूलियत के लिए सारे नियमों को एक बारगी पढ़ लें।
ट्रेन में ट्रेवल करते समय
यदि गर्भवस्था को 6 महीनें का समय बीत चुका हो तब ऐसी 2 टियर या 3 टियर में ही यात्रा करें। साथ ही लोअर बर्थ के ही टिकट लें। इससे एक तरफ जहां गर्भवती महिला को यात्रा के समय थोड़ी खुली जगह मिल जाएगी वहीं मिडिल एवं अप्पर बर्थ में चढ़ने-उतरने का जोखिम भी नहीं लेना पड़ेगा। बीच-बीच में उठकर अपनी बोगी में घूमने-फिरने के लिए जगह मिल जाएंगी।
इन बातों का रखें विशेष ख्याल
प्रेग्नेंसी के दौरान खाई जाने वाली सभी दवाईयां एवं मेडिकल फाइल साथ लेकर यात्रा करें।
- यात्रा के पहले अपनी डॉक्टरी जांच अवश्य करा ले।
- ट्रेन में ट्रेवल कर रही हैं तो सामान ज्यादा इक्ट्ठा न करें, खुलकर बैठें।
- खिड़की के पास बैठे एवं ताजी हवा का आनंद ले।
- खुलकर बैठे, अच्छी किताबे पढ़े और अगर किसी भी प्रकार की परेशानी महसूस हो तो तुरंत अपने परिवारिक सदस्य के साथ सांझा करें।