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नयनतारा और विग्नेश सेरोगेसी विवाद: क्या है नया सेरोगेसी कानून, कौन बन सकती है सेरोगेट मदर
आज
कल
सेरोगेसी
शब्द
काफी
सुनने
में
आ
रहा
है।
जिसका
अर्थ
है
किराये
की
कोख।
जिसकी
वजह
से
साउथ
फिल्मों
की
एक्ट्रेस
नयनतारा
और
फिल्म
डायरेक्टर
विग्रेश
सिवन
भी
सुर्खियों
में
बने
हुए
हैं।
दरअसल
नयनतारा
और
विग्रेश
ने
इसी
साल
9
जून
को
शादी
की
थी।
शादी
के
4
महीने
बाद
ही
इस
कपल
ने
जुड़वा
बच्चों
के
माता
पिता
बनने
का
एलान
किया।
इस
कपल
ने
सेरोगेसी
की
मदद
से
बच्चों
का
जन्म
दिया
है।
फिल्म
डायरेक्टर
विग्रेश
सिवन
ने
ये
खबर
सोशल
मीडिया
पर
अपने
फैंस
के
साथ
शेयर
की।
जिसके
बाद
से
ही
ये
कपल
सेरोगेसी
से
इतनी
जल्दी
बच्चों
के
जन्म
को
लेकर
विवादों
में
घिर
गए।
सोशल
मीडिया
पर
भी
सेरोगेसी
कानून
को
लेकर
बहस
शुरू
हो
गई
है
कि
इस
जोड़े
ने
सेरोगेसी
कानून
का
उल्लंघन
किया
है।
जिसके
बाद
तमिलनाडु
के
स्वास्थ्य
मंत्री
एमए
सुब्रमण्यम
ने
भी
मामले
में
जांच
के
आदेश
दिए
हैं।
लेकिन
इस
मामले
के
बाद
लोगों
के
मन
में
सेरोगेसी
कानून
को
लेकर
कई
तरह
के
सवाल
उठ
रहे
हैं।
ऐसे
में
ये
जानना
बहुत
जरूरी
हो
जाता
है
कि
भारत
में
सरोगेसी
को
लेकर
क्या
नियम
कानून
बनाए
गए
हैं?
कौन
सेरोगेट
मदर
बन
सकती
हैं?
कौन
से
कपल
सरोगेसी
की
मदद
से
माता-पिता
बन
सकते
हैं?
सरोगेसी को लेकर नियम कानून
पहली बार 15 जुलाई 2019 में भारत सरकार ने सेरोगेसी रेगुलेशन बिल लोकसभा में पेश किया था। जिसके बाद दिसंबर 2021 में ये बिल पास हो गया। और जनवरी 2022 में राष्ट्रपति की मंजूरी से सेरोगेसी कानून बनाया गया। इस कानून के जरिए भारत में सेरोगेसी के नियमों के बारे में बताया गया है। लेकिन ये कानून कमर्शियल सेरोगेसी पर पूरी तरह से पबंदी लगाता है। सेरोगेसी करवाने के लिए सेरोगेट मदर को कोई पैसा नहीं दिया जा सकता है। ये काम बिना किसी स्वार्थ के होना चाहिए। बस सेरोगेसी करवाने वाले माता पिता सेरोगेट मदर के सारे मेडिकल बिल का खर्चा उठाएंगे।
सेरोगेट मदर बनने के नियम
भारत में सेरोगेसी कानून के मुताबिक सेरोगेसी से माता-पिता बनने वाले कपल की रिश्तेदार ही सरोगेट मदर बन सकती हैं। खासकर सेरोगेट मदर की उम्र 25 साल से 35 साल के बीच होनी चाहिए। इसके अलावा शादीशुदा महिला ही सेरोगेट मदर बन सकती हैं। और उनका अपना बच्चा होना भी जरूरी है। भारत का कानून महिलाओं का स्वास्थ्य देखते हुए किसी भी महिला को अपने जीवन में सिर्फ एक बार ही सेरोगेट मदर बनने की इजाजत देता है। सेरोगेसी से जन्मे बच्चे में अगर हेल्थ से संबंधित कोई समस्या होती है तो माता पिता उसे स्वीकार करने से इनकार नहीं कर सकते हैं। इतना ही नहीं माता-पिता के प्रॉपर्टी पर उन बच्चों का पूरा अधिकार होता है।
कौन बन सकते हैं सेरोगेसी से माता-पिता
ऐसे कपल जो अपने मेडिकल कारणों से माता-पिता नहीं बन सकते, वो सेरोगेसी की मदद से मां-बाप बन सकते हैं। इसके लिए कपल का शादीशूदा होना बहुत जरूरी है। बिना शादी के एक साथ रह रहे लोगों को सेरोगेसी से माता-पिता बनने की इजाजत नहीं है। भारत में सेरोगेसी से माता-पिता बनने के लिए भी महिला और पुरुषों की उम्र तय की गई है। इसके लिए पुरुष की उम्र 23 से 50 साल और महिलाओं की उम्र 26 से 55 साल के बीच ही होनी चाहिए। इस कानून की मदद से तलाकशुदा और विधवा महिलाएं भी माता-पिता बन सकते है। लेकिन उनकी उम्र भी निर्धारित की गई है।
कानून का उल्लंघन करने पर सजा का प्रावधान
अगर कोई कपल या डॉक्टर सेरोगेसी कानून का उल्लंघन करते हुए पकड़ा जाता है तो कानून में इसके लिए भी सख्त सजा का प्रावधान बनाया गया है। ऐसी स्थिति में डॉक्टर और कपल सभी को 5 साल की जेल या जुर्माना या फिर दोनों ही सजा हो सकती है।
सेरोगेट माता-पिता बनने के लिए जरूरी बातें
2019 में जब संसद में ये बिल पेश किया गया था, तब उसमें बने प्रावधान के मुताबिक वही कपल सेरोगेसी से माता-पिता बन सकते हैं जिनकी शादी को 5 साल पूरे हो चुके हो। लेकिन बाद में इस प्रावधान को हटा दिया गया था। जिसके बाद सेरोगेसी से कोई भी शादीशूदा कपल माता-पिता बन सकते हैं।
क्यों उठे नयनतारा और विग्नेश पर सवाल
नयनतारा और विग्रेश शादी के 4 महीने बाद ही सेरोगेसी की मदद से माता-पिता बन गए। इसका मतलाब जब उन्होने सेरोगेसी की मदद से माता-पिता बनने का फैसला किया तब वो शादीशूदा नहीं थे। इस कारण उन्होने सेरोगसी कानून का उल्लंघन किया।