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स्ट्रेटनिंग करने से बालों को होते हैं ये 7 नुकसान
स्ट्रेटनिंग का असर आपके स्कैल्प यानि सिर की त्वचा पर भी पड़ता है। सिर के आसपास की जगह जैसे माथे और गर्दन पर भी इसका असर पड़ता है। रोज़ या बहुत ज्यादा स्ट्रे्टनिंग करने वाले उपकरणों और केमिकल्स का प
सुंदर और स्टाइलिश दिखने के लिए बालों के अलग-अलग हेयरस्टाइल ट्राई करना अच्छी बात होती है लेकिन इससे बालों की सेहत पर बुरा असर पड़ता है।
जैसे कि स्ट्रेटनिंग करना बालों के लिए नुकसानदायक होता है। स्ट्रेटनिंग करने से कुछ ऐसे केमिकल रिलीज़ होते हैं तो बालों को खराब कर सकते हैं।
बालों को स्ट्रेटनिंग करने के ये 7 साइड इफेक्ट्स के बारे में जानने के बाद आप स्ट्रेटनिंग करने से पहले दो बार सोचेंगीं।
रुखे बालों की समस्या
स्ट्रेटनिंग का सबसे आम नुकसान है कि इससे बालों में रुखापन आ जाता है। स्ट्रेटनिंग की हीट और केमिकल्स से बालों के नैचुरल ऑयल्स खत्म हो जाते हैं और बालों के लचीलेपन में भी कमी आती है। इससे बाल रुखे और अनसुलझे हो जाते हैं।
फिजीनेस
बालों में रुखेपन की वजह से वो घुंघराले या बिखरे हुए रह सकते हैं। ये आपकी लुक को पूरी तरह से बर्बाद कर सकते हैं। ऐसे में इन्हें संभालना भी मुश्किल होता है। मौसम में नमी की कमी के कारण बालों की हालत और भी ज्यादा खराब हो सकती है।
इस मुश्किल से बचने के लिए जल्दी-जल्दी स्ट्रेटनिंग करना बंद करें। बालों के बीच में कंडीश्नर जरूर लगाएं। बालों को पोषण देने के लिए आप कोकोनट ऑयल, दूध और ऑलिव ऑयल को मिलाकर बालों पर हेयरमास्क भी लगा सकती हैं।
बाल टूटने की समस्या
स्ट्रेटनिंग से बाल रुखे हो जाते हैं और रुखे बाल आसानी से टूटने और गिरने लगते हैं। वहीं केमिकल और हीटिंग उपकरणों के इस्तेमाल से बाल झड़ने लगते हैं। इसकी वजह से बालों की जड़ें कमज़ोर हो जाती हैं और बाल आसानी से टूटने लगते हैं।
बालों के टूटने की वजह से दोमुहे बालों की समस्या भी उभरने लगती है। बहुत ज्यादा कंघी करना, ड्रायर का इस्तेमाल और गीले बालों पर कुछ करने से भी दो मुहें बाल निकल आते हैं।
चमक खो जाती है
स्ट्रेटनिंग करने से बालों की असली चमक भी खोने लगती है। रुखे बालों में कोई चमक नहीं रहती है और ना ही से स्वस्थ दिखते हैं। ऐसा सिर की त्वचा से नैचुरल ऑयल्स की कमी की वजह से होता है। मॉइश्चर की कमी की वजह से बाल बेजान दिखने लगते हैं।
बालों की चमक को बढ़ाने के लिए एप्पल सिडर विनेगर लगाएं। इसमें आप आर्गन और एवोकैडो ऑयल भी डालकर लगा सकती हैं।
शरीर पर जलन
स्ट्रेटनिंग करने से फोरमलडिहाइड गैस निकलती है और यही इसका सबसे बड़ा नुकसान है। फूड एंड ड्रग प्रशासन के अनुसार बालों को मुलायम बनाने वाले कुछ उत्पादों से फोरमलडिहाइड गैस निकलती है। ये गैस फ्लैट आयरन और ब्लो ड्रायर्स में होती है।
बार-बार स्ट्रेटनिंग करने से त्वचा, आंखे, नाक और फेफड़ों में जलन हो सकती है। इस केमिकल की वजह से दुर्लभ कैंसर जैसे नेसोफेरिंगियल कैंसर भी हो सकता है। इसलिए स्ट्रेटनर का इस्तेमाल सावधानी से करना बहुत जरूरी है।
बालों का गिरना
स्ट्रेटनिंग केमिकल्स से बालों के रोमछिद्रों पर भी बुरा असर पड़ता है। इस वजह से आपको बाल झड़ने की गंभीर समस्या से गुज़रना पड़ सकता है। बालों के रोमछिद्र बहुत कमज़ोर हैं तो आपके बाल बड़ी आसानी से झड़ना शुरु हो जाएंगें। नियमित स्ट्रेटनिंग ट्रीटमेंट से बालों के रोमछिद्र नष्ट भी हो सकते हैं। उनमें और बाल नहीं आएंगें और इस तरह आप गंजेपन का शिकार भी हो सकती हैं।
सिर में खुजली
स्ट्रेटनिंग का असर आपके स्कैल्प यानि सिर की त्वचा पर भी पड़ता है। स्ट्रेटनिंग की वजह से बालों के रोमछिद्र नष्ट होने लगते हैं और बालों को मॉइश्चराइज़ करने के लिए पर्याप्त ऑयल नहीं मिल पाता है। इस वजह से सिर में खुजली की समस्या होने लगती है। सिर के आसपास की जगह जैसे माथे और गर्दन पर भी इसका असर पड़ता है।
रोज़ या बहुत ज्यादा स्ट्रे्टनिंग करने वाले उपकरणों और केमिकल्स का प्रयोग ना करें। संभव हो तो बालों के सूखने पर ही स्ट्रेटनिंग करें। इससे बालों को कम नुकसान पहुंचता है। हेयर डाई और हेयर स्प्रे से भी दूर रहें।