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नीम के तेल से कर सकते हैं एग्जिमा का ईलाज?
एग्जिमा एक ऐसी बीमारी है जिसमें त्वचा के धब्बे लाल, सूखे, फटे और खुजली करने लगते हैं। ये सबसे सामान्य इंफ्लामेशन त्वचा विकार है। इसमें इतनी ज्यादा खुजली होती है कि खुजाने में त्वचा ही छिल जाती है। खुजलाने से एग्जिमा की बीमारी और ज्यादा खराब रूप ले लेती है लेकिन एग्जिमा का और खुजली का ईलाज कई तरीकों से संभव है।
एग्जिमा का मुख्य कारण हमारें जींस में होता है और ये आनुवांशिक कारणों की वजह से ज्यादा होता है। एग्जिमा से ग्रस्त लोग बहुत संवेदनशील होते हैं और इन्हें धूल, पराग, घर के पायदान, घरेलू रसायन और सौंदर्य प्रसाधनों से बड़ी जल्दी एलर्जी हो जाती है। अगर ठीक तरह से एग्जिमा का ईलाज ना किया जाए तो कुछ लोगों में ये अस्थमा और बुखार का रूप ले लेता है।
एग्जिमा से ग्रस्त लोगों को ऐसी चीजों से बचना चाहिए जो त्वचा पर गलत प्रभाव डालें। जैसे कि मौसम में बदलाव, पशुओं के नज़दीक जाना, तंग कपड़े पहनना, परफ्यूम, डिटर्जेंट,पसीना आदि। लेकिन सबसे ज्यादा आपको सूखेपन से बचना है।
सूखापन सबसे बड़ी दिक्कत है क्योंकि त्वचा जब अपनी नमी खो देती है तो उसमें जलन और सूजन होने लगती है। लेकिन अब आपको चिंता करने की बिलकुल जरूरत नहीं है क्योंकि अब हमारे पास इसका असरकारी ईलाज मौजूद है और वो है नीम का तेल। तो चलिए जानते हैं नीम के तेल के फायदे और ये किस तरह एग्जिमा को ठीक कर सकता है।
क्या है नीम का तेल
नीम के पेड़ के बीजों और सुपारी से नीम का तेल निकाला जाता है। सदियों से लोग दवाओं, सौंदर्य प्रसाधनों आदि में नीम के तेल का प्रयोग करते आ रहे हैं। ना सिर्फ नीम का तेल उपयोगी होता है बल्कि नीम के पेड़ के कई हिस्से जैसे बीज, जड़, फल और छाल का प्रयोग भी दवाओं में किया जाता है।
नीम कई प्रकार के त्वचा रोगों का ईलाज करने में सक्षम है क्योंकि इसमें एंटी इंफ्लामेट्री यौगिक प्रचुर मात्रा में उपलब्ध होते हैं जोकि त्वचा का लालपन और खुजली दूर करने में मदद करते हैं। इसके अलावा नीम में एंटीबैक्टीरियल यौगिक भी होते हैं जो हर तरह के संक्रमण को दूर करते हैं।
क्या नीम के तेल से एग्जिमा का ईलाज संभव है
मार्केट में ऐसी कई क्रीम उपलब्ध हैं जो एग्जिमा का ईलाज करने का दावा करती हैं लेकिन नीम ऐसे कई काम कर सकती है जो ये क्रीम नहीं कर सकती और इसकी सबसे खास बात ये है कि इसका कोई साइड इफेक्ट नहीं होता है। रिसर्च के मुताबिक नीम एग्जिमा के कई लक्षणों का ईलाज करने में सक्षम है।
तो चलिए जानते हैं कि किस तरह नीम के तेल से एग्जिमा का ईलाज किया जा सकता है।
सबसे पहले साबुन का इस्तेमाल करना बंद कर दें और उसकी जगह नीम के साबुन का प्रयोग करें। नीम के साबुन से एग्जिमा को छोड़कर त्वचा के कई विकारों का ईलाज संभव है।
आप अपने नहाने के पानी में भी नीम का तेल डालकर नहा सकते हैं। इससे त्वचा की सफाई होती है। नहाने में गुनगुने पानी का ही प्रयोग करें।
नम त्वचा पर नीम क्रीम या नीम लोशप लगाएं। ये क्रीम को स्किन बैरियर को रीस्टोर करने में मदद करता है।
नीम के तेल को सीधा प्रभावित हिस्से पर ना मलें। चूंकि, त्वचा पहले से ही जली और खराब होती है इसलिए उस पर सीधा नीम का तेल लगाने से परिस्थिति और खराब हो सकती है।
इसलिए एग्जिमा के लिए नीम का तेल खरीदने से पहले कुछ बातों को जान लेना बहुत जरूरी है। आपकी त्वचा को केमिकल फ्री, बढिया और नैचुरल प्रॉडक्ट की जरूरत है। इसलिए आपको ये जान लेना चाहिए कि आपकी स्किन के लिए क्या बेहतर है।
नीम के तेल के अलावा एग्जिमा के कई और घरेलू नुस्खे भी हैं जो इस प्रकार हैं :
एलोवेरा
एग्जिमा के सामान्य लक्षणों जैस खुजली और जलन का ईलाज एलोवेरा से किया जा सकता है। इस रसदार पौधे में एंटी-इंफ्लामेट्री यौगिक होते हैं, इसका मतलब है कि ये त्वचा को ठंडक और आराम पहुंचाता है। एलोवेरा त्वचा को नमी और हाइड्रेशन भी प्रदान करता है।
हल्दी
हल्दी में एंटी-एलर्जिक, एंटी-एलर्जन और एंटी-माइक्रोबियल यौगिक होते हैं जो त्वचा को इंफ्लामेशन से बचाते हैं और दाग-धब्बे घटाकर त्वचा को प्रदूषक और रसायनों से बचाता है। एग्जिमा के ईलाज में हल्दी का प्रयोग बाहरी और आंतरिक दोनों तरह से किया जा सकता है। खाने में रोज़ एक चम्मच हल्दी का प्रयोग करें।
ऑलिव ऑयल
इस तेल में त्वचा की गहराई तक जाकर उसे मुलायम और पोषण देने की क्षमता होती है इसलिए ऑलिव ऑयल एग्जिमा का बेहतरीन ईलाज है। अन्य तेलों के मुकाबले ऑलिव ऑयल ज्यादा बेहतर होता है क्योंकि इसमें सब कुछ नैचुरल होता है और इससे बहुत ही कम लोगों को एलर्जी होती है। हमेशा एक्स्ट्रा वर्जिन ऑलिव ऑयल ही इस्तेमाल करें।
पेट्रोलियम जैली
भारत के हर घर में पेट्रोलियम जैली मिल जाएगी और जिन लोगों की संवेदनशील त्वचा है या एग्जिमा से ग्रस्त हैं उन्हें पेट्रोलियम जैली जरूर रखनी चाहिए। सबसे सुरक्षित और बेहतरीन उपाय है पेट्रोलियम जैली। पेट्रोलियम जैली त्वचा को नमी प्रदान कर उसे सूखने से बचाती है। ये रूखी त्वचा को भी ठीक करने में मदद करती है। ये हाइपोएलर्जिक और नॉन कोमेडोजेनिक होती है, मतलब कि ये रोमछिद्रों को बंद नहीं होने देती और छोटे-मोटे घाव, कट और सूखी रेखाओं से छुटकारा पाने में मदद करती है।