Just In
- 50 min ago Watermelon in Uric Acid : तरबूज खाने से यूरिक एसिड बढ़ता है या घटता, जानें खाएं या न खाएं?
- 2 hrs ago Rash Under Breast: ब्रेस्ट के नीचे रैशेज ने कर दिया हाल बुरा, इन घरेलू इलाज से छुटकारा पाए
- 3 hrs ago Mahavir Jayanti 2024: कब मनाया जाएगा जैन धर्म का सबसे बड़ा पर्व महावीर जयंती, जानें इसका इतिहास
- 5 hrs ago LokSabha Chunav 2024 : सही करो मतदान तो, हो उत्तम सरकार... इन संदेशों से लोगों को वोटिंग के लिए करें प्रेरित
Don't Miss
- News Lok Sabha Election: आखिर अशोक ने साबित किया कितना महत्वपूर्ण है वोट डालना....पढ़िए कैसे
- Movies क्रिमिनल लॉयर बनना चाहती ये बच्ची, किस्मत ने बनाया सबसे बड़ी हीरोइन, पहचाना क्या?
- Technology OnePlus Ace 3 Pro के स्पेसिफिकेशंस लॉन्च से पहले आए सामने, जानिए क्या कुछ होगा खास
- Automobiles अब Royal Enfield की बाइक से करें वर्ल्ड टूर, नई बाइक खरीदने की भी नहीं होगी जरुरत, जानें प्लान
- Finance Tesla In India: भारत में ईलेट्रिक व्हीकल पॉलिसी की बैठक में Tesla का सलाहकार शामिल, क्या भारत में आएगी ये EV
- Travel दिल्ली-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन कौन से स्टेशनों से होकर गुजरेगी? और कौन से रूट्स हैं प्रस्तावित?
- Education JAC 10th Toppers List 2024:झारखंड बोर्ड 10वीं टॉपर लिस्ट जारी, ज्योत्सना ज्योति ने 99.2% से किया टॉप, चेक list
- Sports Japan Open 2023: सेमीफाइनल में पहुंचे लक्ष्य सेन, एचएस प्रणय की विक्टर एक्सेलसन से भिड़ंत आज
एक्सरसाइज के दौरान भी आ सकता है Orgasm
एक्सरसाइज करने से शरीर में हैप्पीनेस हार्मोंस बढ़ता है। खुशी और सेक्स का आपस में एक दूसरे से गहरा नाता है। इसलिए लोग सेक्स को सबसे अच्छी एक्सरसाइज के तौर पर बहुत ज्यादा पसंद करते है। सेक्स और एक्सरसाइज दोनों ही एक दूसरे को प्रभावित करता है। सेक्स के बाद जो खुशी आपको मिलती है आप उसे अपने शब्दों में बयां भी नहीं कर सकते है। क्योंकि सेक्स के दौरान ऑर्गेज्म मिलने से शरीर तनावमुक्त होकर रिलेक्स हो जाता है। लेकिन क्या आपको मालूम है कुछ व्यायाम ऐसे हैं जो आपको ऑर्गेज्म का सुख दे सकते हैं। अगर आपको पता चले कि वर्कआउट का एक फायदा बेहतर ऑर्गेज्म भी है, तो बेशक आप जिम में अधिक पसीना बहाना चाहेंगी।
सेक्सुअल रिलेशनशिप के द्वारा कराए वर्कआउटसेशन के दौरान 530 महिलाओं में कराए गए एक सर्वे के अनुसार, उनमें से 46 प्रतिशत महिलाओं ने एक्सरसाइज ऑर्गेज्म यानी कॉरर्गेज्म (coregasms) को महसूस किया है। आइए जानते है coregasms के बारे में।
क्यों होता है ऐसा?
अब आप सोच रहे होंगे कि आखिर व्यायाम और ऑर्गेज्म का क्या संबंध है। 'क्यूरिस क्लाइमेक्स' तब होता है जब पेट की मांसपेशियों का सही इस्तेमाल होता है। और आमतौर पर ऐसा उन व्यायाम में होता है जिनमें घर्षण की जरूरत होती है। एक अन्य शोध के मुताबिक पेल्विक और पेट की मांसपेशियों का व्यायाम भगशेफ पर गहरा दबाव डालता है। इससे व्यायाम के दौरान यौनिक क्षेत्र में रक्त प्रवाह एकदम बढ़ जाता है। जिस वजह से ऑर्गेज्म महसूस होता है।
कॉरेगज्म
या
एक्सरसाइज
ऑरगेज्म
इसका
ये
मतलब
नहीं
है
कि
एक्सरसाइज
करते
समय
आप
किसी
समय
भी
ऑर्गेज्म
महसूस
कर
सकती
है।
कॉरेगज्म
कुछ
सीमित
कॉर
एक्सरसाइज
के
दौरान
ही
महसूस
की
जा
सकती
है।
जो
आपके
पेल्विक
और
पेट
के
निचले
हिस्से
में
दबाब
बनाता
है।
इसमें
सिट्
अप्स,
एब्स,
साइकिलिंग
और
ऐसी
एक्सरसाइज
से
जुड़ी
हुई
होती
है
जिनमें
आपके
पांव
के
अलावा
आपके
Core
यानी
पेट
की
मांसपेशियां
भी
एक्सरसाइज
के
दौरान
बहुत
दबाब
में
परफॉर्म
कर
रहें
होते
है।
महिलाओं
को
होता
है
ज्यादा
महसूस
क्यों
एक्सरसाइज
करते
वक्त
लोग
ऑर्गेज्म
को
महसूस
करते
हैं।
विशेषज्ञों
के
अनुसार
पेल्विक
में
मौजूद
मांसपेशियों
में
संकुचन
के
कारण
अक्सर
ऐसा
महसूस
होता
है।
हालांकि,
कॉरेगज्म
पुरुषों
से
ज्यादा
महिलाओं
के
लिए
संभोग
पुरुषों
द्वारा
अनुभव
किए
जाने
से
बेहतर
हो
सकता
है।
क्या
पुरुषों
को
भी
होता
है
इरेक्शन?
ये
जरुरी
नहीं
है
कि
पुरुष
भी
कॉरेगज्म
महसूस
करें,
लेकिन
उनके
स्खलन
होने
की
थोड़ी
बहुत
सम्भावना
रहती
है।
हो
सकता
है
एक्सरसाइज
करते
वक्त
पुरुषों
भी
उतेजित
हो
जाएं
लेकिन
ये
उतेजना
उनकी
सेक्सुअल
उतेजना
जैसी
नहीं
होगी।
कॉरगेज्म
वर्कआउट
अगर
आप
कोर-प्रेरित
क्लाइमेक्स
को
हासिल
करना
चाहती
हैं,
तो
आपको
ये
वर्कआउट
करना
चाहिए।
हैंगिंग
साइड
क्रंच
बार
से
लटक
जाएं।
इसे
पकड़ते
समय
आपकी
हथेलियां
बाहर
की
ओर
होनी
चाहिये।
अपने
घुटनों
को
ऊपर
उठा
लें।
आपकी
जांघें
धड़
के
मुकाबले
90
डिग्री
के
कोण
में
होनी
चाहिये।
इसके
बाद
अपने
बायीं
टांग
को
आगे
की
ओर
उठायें।
अपने
मूलाधार
को
खुद
को
स्विंग
करने
के
लिए
इस्तेमाल
करें।
इसी
प्रक्रिया
को
दायीं
टांग
से
दोहरायें।
दोनों
ओर
से
इस
प्रक्रिया
को
20-20
बार
करें।
सिंगल
लैग
प्लैंक
जमीन
पर
लेट
जाएं
और
अपने
घुटनों
को
मोड़कर
रखें।
आपके
पैर
जमीन
पर
ही
लगे
होने
चाहिये।
अपने
हाथों
को
छाती
पर
लगाकर
रखें
और
अपनी
दाहिनी
टांग
के
निचले
हिस्से
को
तब
तक
ऊपर
उठायें
जब
तक
यह
आपकी
बायीं
टांग
की
जांघों
के
समांतर
नहीं
आ
जाती।
अपने
पैर
से
जमीन
पर
जोर
डालिये
और
अपने
धड़
को
ऊपर
जांघों
के
समांतर
उठायें।
इस
पोजीशन
में
रुकें।
एक
मिनट
के
लिए
आराम
करें।
और
फिर
इस
प्रक्रिया
को
दूसरी
टांग
से
दोहरायें।
स्ट्रेट-लैग
क्रंच
चार-पांच
किलो
के
डम्बल
हाथ
में
लेकर
अपनी
कमर
के
बल
पर
लेट
जाएं।
आपके
हाथ
आपके
पीछे
होने
चाहिये।
अपनी
टांगों
को
45
डिग्री
के
कोण
पर
मोड़ें।
अपने
बाजुओं
को
छाती
तक
लाएं
और
अपने
कंधों
को
भी
मैट
से
ऊपर
उठा
लें।
इस
प्रक्रिया
के
साथ-साथ
ही
अपनी
टांगों
को
ऊपर
की
ओर
उठायें।
ऐसा
तक
तक
करें
जब
तक
आपकी
टांगे
जमीन
के
समांतर
नहीं
हो
जातीं।
इस
प्रक्रिया
को
दोहरायें।
अपने
पैर
जमीन
पर
न
लगने
दें।