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वज़न कम करके घुटनों का बचाव कैसे किया जा सकता है
क्या वज़न अधिक होने से घुटनों से संबंधित समस्याएं हो सकती हैं? हाल ही में किये गए अध्ययन से पता चला कि कि मोटे लोग वज़न कम करके घुटने से संबंधित समस्याओं को रोक सकते हैं। अतिरिक्त वज़न के कारण घुटने की कार्टिलेज (उपास्थि) ख़राब हो सकती है।
ऑस्टियोआर्थराइटिस एक बीमारी होती है जो शरीर के जोड़ों को ख़राब कर सकती है तथा मोटापे के कारण स्थिति और भी ख़राब हो सकती है।
इस अध्ययन के अनुसार वज़न कम करने से जोड़ों को होने वाले नुकसान से बचा जा सकता है। क्या आवश्यकता से अधिक वज़न के कारण घुटनों की समस्या आ सकती है? इस अध्ययन में यही बताया गया है कि यदि जोड़ों की समस्या की तरफ ध्यान नहीं दिया गया तो कई लोगों में विकलांगता की समस्या भी आ सकती है। अत: मोटापे को रोककर हम एक खतरे को दूर रख सकते हैं।
क्या वज़न अधिक होने के कारण घुटने की समस्याएं हो सकती है – इस अध्ययन में लगभग 500 मोटे लोगों के वज़न घटाने और उपास्थि के पतन के बीच संबंध का अध्ययन किया गया। इनमें से अधिकाँश लोग ऑस्टियोआर्थराइटिस या घुटने की अन्य समस्याओं से ग्रसित थे।
शोधकर्ताओं
ने
सहभागियों
को
3
समूहों
में
बांटा।
एक
समूह
किसी
भी
प्रकार
के
वज़न
कम
करने
के
प्रयत्न
में
शामिल
नहीं
था
जबकि
दूसरे
समूह
ने
अध्ययन
के
दौरान
कुछ
वज़न
कम
किया
था।
तीसरे
समूह
को
अध्ययन
के
एक
भाग
के
रूप
में
लगभग
10%
वज़न
कम
करने
के
लिए
कहा
गया।
यह अध्ययन 4 वर्ष किया गया। परिणामों से यह तथ्य सामने आया कि वज़न कम करने से घुटनों को होने वाले नुकसान को रोका जा सकता है। वे लोग जिन्होंने लगभग 10% वज़न कम किया था उनकी उपास्थि में कम खराबी आई।
अन्य दो समूह जिन्होनें बहुत कम या बिलकुल भी वज़न कम नहीं किया था उनकी उपास्थि में खराबी होने के स्तर में कोई अंतर नहीं आया। इसका अर्थ यह है कि वज़न कम होने का सीधा असर घुटनों पर पड़ता है। वे लोग जो नियमित तौर पर कसरत करके या उचित आहार लेकर वज़न कम करते हैं उनके लिए ऑस्टियोआर्थराइटिस का खतरा कम हो जाता है।
तो
आप
किस
बात
का
इंतज़ार
कर
रहे
हैं?
यदि
आपका
वज़न
आवश्यकता
से
अधिक
है
तो
अपने
घुटनों
को
सभी
समस्याओं
से
बचाने
के
लिए
वज़न
कम
करें।