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क्या सही पॉश्चर में न बैठने की वजह से होता है कमर में दर्द?

क्लास में सीधे न बैठना, घर पर टीवी देखते हुए सुस्ताना या फिर आॅफिस में काम करते हुए पैर फैला कर बैठना इन तमाम केसस में ही हमारा पॉश्चर बिगड़ता है। ऐसे में यह मान्यता है कि इन सभी कारणों से पीठ के नीचले हिस्से में दर्द होता है। क्योंकि यह सच है कि, हमारा पॉश्चर पूरे स्वास्थ्य पर प्रत्यक्ष रूप से प्रभाव डालता है और लंबे समय तक गलत पॉश्चर में बैठें रहने की आदत हो जाए तो हैल्थ से जुड़ी बहुत सी समस्याएं हो सकती हैं।
देखा जाए तो हम में से बहुत से लोगों को अक्सर बैक पैन की शिकायत रहती है। हालांकि यह दर्द कि समस्या हर इंसान में अलग-अलग स्तर पर और अलग-अलग कराणों से होती है। जैसे कि मान लीजिए कि कभी किसी के काम करते हुए मोच आ जाए, तो इसका दर्द कुछ समय बाद अपने आप छूमंतर हो जाएगा। जबकि यही दर्द अगर गठिया या ऑस्टियोपोरोसिस के कारण होता है, तो दर्द परेशान करता है और यह लम्बें समय तक रहता है।
इसी तरह कुछ लोगों के केस में पीठ दर्द बेजह भी होता है, जबकि न तो उन्हें कोई बीमारी है और ना ही उन्हें कोई चोट लगी है यहां तक कि न उनकी कोई सर्जरी हुई। ऐसे में दर्द से परेशान लोगों को वाकई बैठने पर सही पॉश्चर, सही से खड़े होना और यहां तक कि चलने में भी सही पॉश्चर का बहुत ध्यान रखना पड़ता है? और क्या सही में परफेक्ट पॉश्चर जैसा कोई सिद्धांत है,जिसकी मदद से पीठ दर्द से छुटकारा पाया जा सकता है?
पॉश्चर व पीठ दर्द के बीच तालमेल
अमुमन माना जाता है कि 6-7 घंटे लगातार बैठकर, कम्प्यूटर पर काम करने की वजह से बहुत से हैल्थ प्रॉब्लम होने लगे है। जैसे कि सिर दर्द, कमर दर्द, आंखों में जलन इत्यादि, जबकि, इस मुद्दे पर हुए कई सर्वेक्षणों के मुताबिक, जिन लोगों का पॉश्चर भी सही था, या फिर आरामदायक चेयर पर बैठने वालें लोगों को भी पीठ दर्द की शिकायत रही है! ऐसे में यहां यह बात बिलकुल गलत साबित हो जाती है कि सीधे पॉश्चर में बैठने से किसी तरह की परेशानी नहीं होती।
इतना ही नहीं, चार्टर्ड सोसाइटी फॉर फिजियोथेरेपी में पीठ दर्द से संबंधित व्यावसायिक खतरों और कार्यस्थल के कारणों पर शोध करने वाले एशले जेम्स भी, इस बात से सहमत नहीं हैं कि बैठने का पॉश्चर का कोई भी लिंग पीठ दर्द से है। एश्ले का कहना है कि हर इंसान का अपना अलग पॉश्चर होता है और सही पॉश्चर जैसी कोई चीज होती ही नहीं है, इसलिए यह कहना गलत है होगा कि हर कोई पीठ दर्द से पीड़ित है। इसके साथ ही इस विषय पर हुई बहुत से अध्ययनों में भी साबित हो चुका है कि सही पॉश्चर और पीठ दर्द के बीच कोई सीधा संबंध नहीं है।
ढंग से बैठना व पीठ दर्द
बैकपैन के लिए अगर सही पॉश्चर जिम्मेदार नहीं है तो आखिर फिर क्यूं इन दिनों बैकपैन की समस्या बढ़ने लगी है? तो इसका कारण लम्बें टाइम के लिए एक ही जगह पर बैठें रहना। जी हां जो लोग, कम्प्यूटर के सामने, टीवी के सामने व किताबें पढ़ने जैसे तमाम कामों के लिए बहुत देर तक एक ही जगह एक ही मुद्रा में बिना किसी ब्रेक के बैठें रहते है उन्हें ही पीठ दर्द की शिकायत रहती है। अब यह सवाल उठना भी वाजिब है कि आखिर ऐसा होता क्यो है? इसका जवाब देते हुए एशले जेम्स कहते हैं कि, असल में हमारे शरीर के तंत्र को लगातार काम करने, यहां कहे तो मूव करते रहने के लिए डिजाइन किया गया है।
इसलिए, जब कोई व्यक्ति बहुत लंबे समय तक बैठा रहता है तो, शरीर में नोकिसिप्टर नामक तंत्रिका पर दबाव पड़ने लगता है और इसी वजह से लंबे समय तक पीठ दर्द बना रहता है। इसलिए, यह सही है कि पीठ दर्द की असल वजह सही पॉश्चर नही, बल्कि लम्बें समय तक बिना ब्रेक लिए बैठें रहना है। इसलिए, यदि आप भी बहुत लम्बे टाइम के लिए एक ही जगह पर बैठे रहते हैं तो यह आदत बदले और थोड़ा-थोड़ा ब्रेक लेकर अपने काम को पूरा कर, पीठ दर्द से छुटारा पाए।
हालांकि, जबकि देखा जाए तो, उम्र और सही पॉश्चर में भी तालमेल बैठता है। जैसे कि यूनिवर्सिटी ऑफ लीड्स में मस्कुलोस्केलेटल के प्रोफेसर फिलिप कोनागान कहते हैं कि, जब हम बड़े होकर 60 साल की उम्र तक पहुंचते है, तब खराब पॉश्चर और आसल की वजह से पीठ दर्द की समस्या हो सकती है। क्योंकि इस उम्र में हमारी मांसपेशिया कमजोर होने लगती है।