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दिल्ली के 237 Kg वजन के सबसे वजनी लड़के का डॉक्टरों ने सर्जरी से 7 महीनें में घटाया 60 Kg
एक सामान्य बीएमआई यानी बॉडी मास इंडेक्स (व्यक्ति की लंबाई और वजन का अनुपात) 22.5 किलोग्राम/ एम2 होता है। 40, 50 या 60 बीएमआई वाले इंसान को सुपर ओबेसिटी यानी बहुत अधिक वजनी इंसान की कैटेगरी में रखा जाता है। लेकिन अगर किसी टीनएजर का बीएमआई 90 के आसपास है तो इसे क्या कहेंगे? जी हां ऐसा ही एक मामला सामने आया था कुछ समय पहले जिसमें दिल्ली के मिहिर जैन 14 साल के हैं।
हाइट 5 फुट 4 इंच है। पहले उनका वजन 237 किलो था। डॉक्टर्स ने उन्हें दुनिया का सबसे वजनी टीनएजर बताया था। मिहिर इन दिनों 7 माह में 60 किलो वजन कम करने के वजह से चर्चा में है।
मिहिर का बैरियाट्रिक सर्जरी से पहले 40 किलो और सर्जरी के बाद 20 किलो वजन घटा है।
5
साल
में
70
किलो
जन्म के समय मिहिर का वजन 2.5 किलो था। 5 साल की उम्र में करीब 70 किलो हो गया। धीरे धीरे बढ़ते वजन के वजह मिहिर खड़े भी नहीं रह पाते थे। दिक्कत इतनी बढ़ गई कि चेहरे पर फैट जमा होने के वजह से मिहिर अपनी आंखें तक नहीं खोल पाते थे। धीरे-धीरे चलने-फिरने की दिक्कत आने पर स्कूल जाना बंद हो गया। घर पर ही पढ़ाई शुरू कर दी।
जंक
फूड
की
लत
मिहिर को पास्ता और पिज्जा बेहद पसंद है। स्कूल छूटने के बाद भी लगातार जंक फूड खाने से वजन तेजी से बढ़ रहा था। जब सीधे खड़े होने में भी दिक्कत आनी शुरू हुई तो पेरेंट्स डॉक्टर्स से मिले लेकिन उम्र कम होने के कारण उन्होंने सर्जरी से मना कर दिया। वजन 237 किलो हो जाने पर पेरेंट्स डॉक्टर्स से मिले। ऐसे में गैस्ट्रिक बैरियाट्रिक सर्जरी करने का फैसला लिया।
डाइट
से
कम
किया
गया
40
किलो
वजन
एक सामान्य व्यक्ति रोजाना 2500 से 3000 कैलोरी लेता है। अधिक वजन होने के कारण सर्जरी संभव नहीं थी। इसलिए पहले वजन को थोड़ा कम करना पड़ा था। मिहिर को मात्र 800 कैलोरी की डाइट पर रखा गया। मिहिर को 3 माह तक लो-कैलोरी डाइट की वजह से 34 किलो वजन घटा। डॉक्टर्स ने फ्लेक्सिबल लेरेंजोस्कोप का इस्तेमाल किया। मसल्स के नीचे करीब 10 इंच चर्बी की परत होने से सर्जरी में काफी दिक्कतें आईं। सर्जरी की मदद से पाचन तंत्र में इस तरह का बदलाव किया गया जिससे भूख कम लगे और खाना कम खाने का मन हो।
मोटापा आनुवांशिक समस्या
मिहिर की मां पूजा जैन के अनुसार मोटापा आनुवांशिक होने के कारण परिवार के ज्यादातर सदस्यों का वजन ज्यादा है। वजन बढ़ने के कारण जब मिहिर का स्कूल जाना बंद हुआ तो डॉक्टर्स से सलाह ही गई। इस दौरान वह अक्सर लेटा रहता था और पिज्जा-पास्ता ज्यादा खाता था। इस कारण दिक्कत बढ़ती गई।
क्या है बैरियाट्रिक सर्जरी :
यह सर्जरी वजन कम करने के लिए होती है। यह तीन प्रकार की होती है। पहली लैप बैंड। इसके बाद खाने की क्षमता काफी कम हो जाती है। दूसरी स्लीव गैस्ट्रिकटॉमी। इसमें हर हफ्ते डेढ़ से दो किलो वजन कम होना शुरू हो जाता है। तीसरी है गैस्ट्रिक बैरियाट्रिक सर्जरी। इसमें आंतों को नए सिरे से व्यवस्थित (रीअरेंज्ड) किया जाता है। भूख बढ़ाने वाला हार्मोन ग्रेहलीन बनना काफी कम हो जाता है। इस कारण भूख काफी कम लगती है। खास बात है पोस्ट ट्रीटमेंट। इसे भी स्ट्रिक्टली फॉलो करना जरूरी है ताकि शरीर में पोषक तत्वों की कमी न हो। जब डाइट और एक्सरसाइज के बाद भी वजन नहीं घट पाता तो यह सर्जरी की जाती है। इसके अलावा कुछ फैक्टर और भी शामिल किए जाते हैं।
फॉलोअप ट्रीटमेंट चल रहा है
मिहिर का ये ऑपरेशन सफल होने के बाद एक हफ्ते के अंदर मिहिर को डिस्चार्ज कर दिया गया। अब फॉलोअप ट्रीटमेंट चल रहा है। मिहीर की मां का कहना है कि इस चीज से सबक लेते हुए तय किया कि जंक फूड नहीं लेंगे और शरीर को ऐक्टिव बनाए रखेंगे। अब मिहिर तीन साल के अंदर 100 किलो वजन कम करना चाहते है।