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सर्दियों में सिर ढंकने से पूरा शरीर रहता है महफूज, आयुवेद में बताई है इसकी वजह
सर्दी के मौसम में सर्दी, खांसी और बुखार जैसे संक्रमण से बचने के लिए घर के बड़े-बुजुर्ग सिर को ढंकने की सलाह देते हैं यानी ठंडी हवा से बचने के लिए आपको सिर पर टोपी पहननी चाहिए। आयुर्वेदिक चिकित्सक डॉ. नितिका कोहली ने भी हाल ही में इंस्टाग्राम पर एक पोस्ट शेयर करके कहा हैं कि सर्दियों के दौरान आपको अपने सिर को टोपी या दुपट्टे या मफलर से ढकने की जरूरत होती है, क्योंकि हम अपने शरीर की अधिकांश गर्मी अपने सिर से खोते हैं। ऐसे में विंटर हैट पहनने से आप न सिर्फ आम सर्दी-खांसी से बचेंगे बल्कि सर्दियों में भी आपको कंफर्टेबल फील करेंगे। विशेषज्ञ लोगों को सलाह देते हैं कि सर्दियों में आपको टोपी जरूर पहननी चाहिए, यह आपको कई बीमारियों से भी बचाता है।
इन बीमारियों से बचाता है टोपी पहनना
विशेषज्ञ भी यहीं सलाह देते हैं कि सर्दियों में टोपी या दुपट्टा पहनने से आप गर्म और शुष्क रहते हैं। सर्दी में गर्म कपड़े की ऊन पहनने से हाइपोथर्मिया और फ्रॉस्टबाइट को अंदर आने से रोकती हैं। इसलिए टोपी को आपके शरीर की गर्मी को बनाए रखने के लिए डिज़ाइन किया गया है।
क्या होते है हाइपोथर्मिया और फ्रॉस्टबाइट?
दोनों ही सर्दियों में होने वाली समस्या हैं। जब सर्दियों में शरीर तेजी से गर्मी खोने लगता है, तो शरीर का तापमान सामान्य से नीचे चला जाता है। सर्दियों में इसका जोखिम ज्यादा रहता है। कड़ाके की ठंड के दौरन जो लोग लापरवाही बरतते हैं और अपना ध्यान नहीं रखते उनके शरीर का तापमान 35 डिग्री या 95 डिग्री फेरनहाइट से कम होता है, तब हाइपोथर्मिया का खतरा बढ़ जाता है।
हालांकि कई बार लंबे समय तक इनडोर में 10 डिग्री सेलिस्यस के तापमान में रहने और शरीर में पानी की कमी होने से भी हाइपोथर्मिया हो सकता है। हाइपोथर्मिया के कारण सांस लेने में तकलीफ होती है और हदय गति भी कम हो जाती है। वहीं फ्रॉस्टबाइड एक प्रकार की चोट है। अक्सर यह समस्या तब पैदा होती है जब आपकी त्वचा बहुत ज्यादा देर तक ठंडे वातावरण में रहे। इस कारण त्वचा की अपर लेयर और लोअर लेयर में मौजूद टिश्यू जम जाते हैं।
शरीर के इन हिस्सों को भी गर्म रखती है टोपी
सिर और कानों को टोपी से ढकने से शरीर के बाकी हिस्सों में भी गर्मी बरकरार रहती है। ज्यादातर लोग जो ज्यादातर समय बाहर बिताते हैं, उनके लिए विंटर हैट पहनना जरूरी है। यह शरीर की गर्मी को 98.6 डिग्री तक शिथिल रखने के लिए अच्छा काम करता है। अगर इस तापमान में थोड़ा सा भी उतार-चढ़ाव आता है तो सिर से पाँव तक सर्दी शुरू हो जाती है। सर्दियों में टोपी पहनने से आप ठंडे तत्वों से बच जाते हैं और शरीर के बाकी हिस्सों को भी गर्म रखते हैं।
तो अगर आप भी कड़ाके की सर्दी में टोपी या दुपट्टा पहनना जरूरी नहीं समझते हैं तो आपको इस आदत से बचना चाहिए। टोपी न केवल आपको गर्मी प्रदान करती है, बल्कि आपको मौसमी संक्रमण के साथ-साथ कई बीमारियों के खतरे को बढ़ाने से भी रोकती है।