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ब्लैक, वाइट और येलो फंगस : जानिए क्‍या है इन तीनों में अंतर और इनके लक्षण

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कोरोना की दूसरी लहर के प्रकोप के बीच फंगल इंफेक्शन की एक नई गंभीर समस्या उत्पन्न हो गई है, जो लोगों के बीच नया खतरा बनती जा रही है। जहां देशभर के बीच ब्‍लैक फंगस के संक्रमण या 'म्यूकोर्मिकोसिस' के मामलों को देखा जा रहा है। इसके बाद, वाइट फंगस और येलो फंगस के इंफेक्शन के मामले भी सामने आने लगे हैं। आपको बताएंगे कि आखिर अब ब्लैक फंगस, व्हाइट फंगस क्या है? कोरोना के बीच यह कितना खतरनाक है और इससे बचने के उपाय क्या हैं।

क्‍या है ब्लैक फंगस

क्‍या है ब्लैक फंगस

ये संक्रमण हमारे आस-पास मौजूद ‘म्यूकोर्माइसेट्स' नामक एक प्रकार के मोल्‍ड के कारण होता है। ये रोग उन लोगों को प्रभावित करता है, जिनकी किसी खास स्‍वास्‍थ्‍य स्थिति के कारण कमजोर इम्‍युनिटी है- जैसे मधुमेह। इसके होने का एक अन्य कारण ये भी है कि COVID-19 के रोगियों के इलाज के लिए, स्टेरॉयड (श्वसन पथ में सूजन को कम करने के लिए) का उपयोग किया जाता है।

ऐसे मरीजों में इंफेक्शन होने की संभावना अधिक देखी गई है। इसके अलावा, मधुमेह या कैंसर के मरीजों को संक्रमित होने का खतरा अधिक है।

लक्षण

लक्षण

  • चेहरे के एक तरफ सूजन।
  • गंभीर सिरदर्द, नाक बंद।
  • नाक या मुंह के ऊपरी हिस्से पर काले घाव।
  • सीने में दर्द, सांस फूलना और मुंह को चबाने या खोलने में कठिनाई होना।
  • येलो फंगस

    येलो फंगस

    ब्लैक फंगस के विपरीत, ये संक्रमण किसी भी बाहरी लक्षण से पहले आंतरिक रूप में प्रकट होना शुरू करता है। ये संक्रमण अस्वच्छता, दूषित भोजन और अस्वच्छ मेडिकल उपकरणों के संपर्क में आने के कारण होता है।

    ब्लैक फंगस की तरह ही, स्टेरॉयड के अधिक प्रयोग से येलो फंगस के मामले सामने आ रहे हैं और ये फंगस कोमॉर्बिड वाले रोगियों को नुकसान पहुंचा रहा है।

    लक्षण

    लक्षण

    ये पहले आंतरिक रूप से शुरू होता है जैसे मवाद रिसाव, अंग विफलता और तीव्र परिगलन होना। एक बार संक्रमण शुरू होने के बाद रोगी स्वयं इसका अनुभव कर सकता है।

    • सुस्ती, भूख में कमी,
    • लाल और धंसी हुई आँखें।
    • वाइट फंगस

      वाइट फंगस

      वाइट फंगस या ‘एस्परगिलोसिस' कम प्रतिरक्षा वालों को और मधुमेह जैसे रोगियों को प्रभावित करता है। स्टेरॉयड के ज्यादा इस्तेमाल से भी ये संक्रमण शुरू होता है। येलो और ब्लैक फंगस के विपरीत, ये शरीर के विभिन्न भागों जैसे नाखून, त्वचा, पेट, गुर्दे, मस्तिष्क और प्रजनन अंगों को प्रभावित करता है।

      लक्षण

      लक्षण

      • जीभ का सफेद होना
      • खांसी,
      • बुखार,
      • दस्त,
      • फेफड़ों पर काले धब्बे,
      • ऑक्सीजन के स्तर में कमी।

English summary

Black Fungus vs White Fungus vs Yellow Fungus - Signs, symptoms and differences in Hindi

Black Fungus vs White Fungus vs Yellow Fungus Differences in Hindi Let us understand the 3 fungal infections and their signs, symptoms and treatment.
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