Just In
- 15 min ago OMG! भारत के इस गांव में प्रेगनेंट होने आती हैं विदेशी महिलाएं, आखिर यहां के मर्दों में क्या हैं खास बात
- 2 hrs ago Curd Benefits For Skin: रोजाना चेहरे पर दही मलने से पिग्मेंटेशन और मुंहासे की हो जाएगी छुट्टी, खिल उठेगा चेहरा
- 4 hrs ago IPL 2024: कौन हैं क्रिकेटर केशव महाराज की स्टाइलिश वाइफ लेरिशा, इंडिया से हैं स्पेशल कनेक्शन
- 6 hrs ago 'हीट वेव' से बचाने के लिए चुनाव आयोग ने जारी की एडवाइजरी, सेफ रहने के लिए हाइड्रेड रहें और ये काम न करें
Don't Miss
- News Fact Check: नोटों की गड्डी पर सो रहे बेंजामिन बासुमतारी की फोटो का क्या है सच? जानिए
- Movies घर-परिवार छोड़ एक्टर बनने निकला, खूब मिले धक्के, अब करोड़ों का मालिक बन साउथ की हसीना को कर रहा डेट
- Technology itel ने चोरी छुपे 108MP कैमरा, 5000 mAh बैटरी के साथ नया स्मार्टफोन किया लॉन्च, जानें कीमत व खासियत
- Travel खुल गया है लद्दाख पहुंचने का नया रास्ता, मनाली से लेह को जोड़ने वाला यह है सबसे छोटा रूट
- Finance 4 ETF Mutual Fund ने 3 साल में इन्वेस्टरों को दिया जबरदस्त रिटर्न
- Education एनआईओएस कक्षा 10वीं, 12वीं हॉल टिकट 2024 हुए जारी, जानें कैसे करें डाउनलोड
- Automobiles Tesla को टक्कर देने के लिए Xiaomi ने लॉन्च की पहली इलेक्ट्रिक कार, सिंगल चार्ज में मिलेगी 810KM की रेंज
- Sports Japan Open 2023: सेमीफाइनल में पहुंचे लक्ष्य सेन, एचएस प्रणय की विक्टर एक्सेलसन से भिड़ंत आज
दूधमुंहे बच्चों की दांतों की सफाई भी होती है जरुरी, वरना हो सकती है ये समस्या
कई पैरेंट्स को लगता है कि दूधमुंहे बच्चों के दांतों की सफाई करना जरुरी नहीं होता है। लेकिन दूधमुंहे बच्चों की दांत से जुड़ी ये धारणा पूरी तरह गलत है। दरअसल सच्चाई तो यह है कि जब बच्चें के दांत पहली बार निकलते है तो एक बच्चे के दांत छह महीने के बाद निकलना शुरू हो जाते हैं। इसी वक्त से उनके दांतों की देखभाल की जरूरत पड़ती है। ये दूध के दांत कहलाते हैं, ये दांत तीन साल तक निकलते हैं। हमेशा ध्यान रखना चाहिए कि स्वस्थ दांतों के लिए स्वस्थ मसूड़े जरूरी हैं। इसके लिए जरूरी है कि हम जब बच्चे के एक-दो दांत निकलने लगें तो उनके दांतों की सफाई शुरू कर दें। आइए जानते है कि बच्चों के दांतों की सफाई पर कैसे ध्यान दें।
इस ब्रश से करें दूध के दांत साफ
आजकल मार्केट में सिलिकॉन के बने फिंगर ब्रश आते हैं। जब तक बच्चा कुल्ला करने लायक न हो जाए तब तक मम्मी या पापा बच्चे के दांतों को इसी फिंगर ब्रश से साफ करें। पेस्ट से बच्चे का परिचय तभी कराएं जब बच्चा कुल्ला करने लायक हो जाए। फ्लोराइड जरूरी है, लेकिन ध्यान रखें कि वयस्क और बच्चों के पेस्ट में फ्लोराइड की मात्रा अलग-अलग होती है। बच्चों के लिए उनके लिए बना पेस्ट ही इस्तेमाल करें। बच्चा जब ढाई-तीन साल का होने लगे तो उसे कुल्ला करना सिखाएं और जब वह सीख जाए तो उसे पेस्ट से ब्रश कराएं। बच्चों के दांतों को साफ करने के लिए मुलायम टूथब्रश का इस्तेमाल करें। शुरुआत बिना पेस्ट ब्रश कराने से करें।
Most Read : आप भी अपने बच्चे को मुंह पर चूमती है तो हो जाएं सर्तक, हो सकती है ये दिक्कत
नर्सिंग बॉटल कैविटी की समस्या से बचें
बच्चें अक्सर रात को दूध की बॉटल मुंह में लगाकर ही सो जाते हैं। पैरेंट्स भी इस तरफ ध्यान नहीं देते हैं। यह आदत नर्सिंग बॉटल कैविटी का कारण बनती है जो दांतों को पूरी तरह सड़ा देती है। दूध पिलाने के बाद बच्चों के मसूड़ों को एक साफ कपड़े से अच्छे से पोंछ दीजिए। इससे वह चिपचिपी परत जिसे प्लेक कहते हैं, उसे हटाने में मदद मिलेगी।
डेंटिस्ट को दिखाएं
लोग अक्सर दूधमुंहे बच्चों के दांत की सफाई पर ध्यान दे पाते हैं। जिसकी वजह से कैविटी की समस्या हो सकती है। छह महीने और एक साल के अंदर बच्चे के दांतों की जांच अवश्य करा लें। इसका फायदा यह होगा कि यदि कोई दिक्कत है तो उसका समाधान वक्त रहते पता चल जाएगा। खानपान का असर बच्चों के दांतों पर पड़ता है। बच्चों को जहां तक हो सकें मीठे से दूर रखें। दूध भी बिना चीनी का ही दें। दांतों में फंसने वाले फल खिलाने से बचें।
Most Read :दूधमुंहे बच्चों की दांतों की सफाई भी होती है जरुरी, वरना हो सकती है ये समस्या
इन बातों का रखें खास ख्याल
जब बच्चे के दांत निकलने शुरू होते हैं तो वह कुछ भी उठाकर खा लेता है। फर्श अच्छे से साफ रखें, क्योंकि यही वह उम्र होती है जब बच्चा चलना सिखता है। गंदगी के साथ बैक्टीरिया उसके मुंह में जाने से बचाने के लिए साफ-सफाई का खयाल रखना जरूरी है।