Just In
- 17 min ago LokSabha Chunav 2024 : सही करो मतदान तो, हो उत्तम सरकार... इन संदेशों से लोगों को वोटिंग के लिए करें प्रेरित
- 1 hr ago नारियल पानी Vs नींबू पानी, गर्मियों में हाइड्रेड रहने के लिए क्या पीना है ज्यादा फायदेमंद?
- 3 hrs ago Mukesh Ambani Quotes On Success: हर युवा को प्रेरित करते हैं मुकेश अंबानी के ये विचार
- 3 hrs ago Happy Birthday Mukesh Ambani: बुलंदियों पर पहुंचकर भी जड़ों को न भूलने वाले मुकेश अंबानी को दें जन्मदिन की बधाई
Don't Miss
- News Lok Sabha Election 2024: जज्बे को सलाम, दादी-दादा स्कूटी से करने पहुंचे मतदान, बोले- 'देशहित में वोट जरूरी'
- Automobiles ये हैं देश की टॉप-3 कॉम्पैक्ट SUV! डिजाइन से लेकर फीचर तक में बवाल, Hyundai Creta का है बोलबाला!
- Technology अब यूजर्स Google Drive के वेब वर्जन में कर सकेंगे Dark Mode का यूज, आंखों पर नहीं पड़ेगा जोर
- Finance Lok Sabha Election 2024: लोकसभा चुनाव 2024 के पहले चरण के दिन क्या बंद रहेंगे बैंक, यहां से जाने डीटेल
- Movies दिव्यांका त्रिपाठी का एक्सीडेंट, टूट गईं इस जगह की हड्डियां, पति ने रद्द किए सारे इवेंट्स!
- Education Jharkhand Board 10th Result 2024: कल आयेगा झारखंड बोर्ड 10वीं का परिणाम, कैसे चेक करें JAC Matric Result
- Travel बोरिंग जिंदगी से चाहिए ब्रेक तो घूम आएं ये 6 बटरफ्लाई पार्क, जहां फूलों में रंग भरती हैं तितलियां
- Sports Japan Open 2023: सेमीफाइनल में पहुंचे लक्ष्य सेन, एचएस प्रणय की विक्टर एक्सेलसन से भिड़ंत आज
आसाम में मिला अफ्रीकन स्वाइन फ्लू का पहला मामला, जाने कैसे फैलता है?
देश में अफ्रीकन स्वाइन फ्लू का पहला मामला असम में सामने आया है। राज्य सरकार का दावा है कि वहां के सात जिलों के 306 गांवों में रविवार तक 2,500 सुअरों की मौत हो गई। असम के पशुपालन मंत्री अतुल बोरा का कहना है कि केंद्र सरकार की मंजूरी के बावजूद सुअरों को मारने का कदम तुरंत नहीं उठाएंगे। बल्कि इस संक्रामक बीमारी को फैलने से रोकने के लिए दूसरा तरीका ढूंढेंगे। उनका कहना है कि अफ्रीकन स्वाइन फ्लू का कोरोना से कोई संबंध नहीं है। इंसानों पर इसका असर नहीं होता।
सुअरों में दिखते हैं इसके लक्षण
विशेषज्ञों की मानें तो अफ्रीकन स्वाइन फ्लू का वायरस सुअरों को संक्रमित करता है। इस फ्लू के संपर्क में आने से सुअर अपनी भूख खो देते हैं। उनकी सफेद चमड़ी पर नीले-बैंगनी छोर दिखने लगते हैं। इसके अलावा इन्हें खांसी और सांस लेने में दिक्कत जैसी समस्या होने ल गती है। इस फ्लू के संपर्क में आने के कुछ दिनों के भीतर ही सुअर कामातुर अवस्था में पहुंचने के बाद गर्भधारण और गर्भपात जैसे लक्षण भी दिखते हैं इसके अलावा वजन कम होने के साथ त्वचा में अल्सर दिखे लगता है और पांव के जोड़ों पर सूजन नजर आने लगती है।
सुअर के मांस, लार, खून और टिश्यू से फैलता है संक्रमण
इस फ्लू का संक्रमण सुअर के मांस, लार, खून और टिश्यू से फैलता है। इसलिए, एक से दूसरे जिले में सूअरों का ट्रांसपोर्टेशन नहीं किया जाएगा। राज्य से सूअरों की आवाजाही रोकने के लिए कदम उठाए जाएंगे। पड़ोसी राज्यों से भी अपील की है कि सुअरों का मूवमेंट रोकने के इंतजाम करें।
इंसानों को नुकसान नहीं, उनके जरिए संक्रमण फैल सकता है
विशेषज्ञों की मानें तो यह आसानी से इंसानों तक भी पहुंच सकता है। अफ्रीकन स्वाइन फ्लू पिछले साल अप्रैल में चीन के शिजांग से शुरू हुआ था। शिजांग की सीमा अरुणाचल प्रदेश से लगती है। यह आशंका है कि अफ्रीकन स्वाइन फ्लू का वायरस पहले अरुणाचल प्रदेश पहुंचा और फिर असम में आ गया। ज्यादातर आवारा सुअर संक्रमित पाए गए हैं, लेकिन फार्मों वाले सुअरों में भी इन्फेक्शन मिला है। एक किसान के 230 सुअर मर गए। इससे पहले उसके कर्मचारी का सुअर मर गया था। इसलिए आशंका है कि उस कर्मचारी के जरिए वायरस फार्म तक पहुंचा। ऐसा कुछ दूसरे फार्मों में भी देखा गया। यानी यह वायरस इंसानों के जरिए भी फैल रहा है। हालांकि, इंसानों को इससे कोई नुकसान नहीं होता।