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ब्लड इंफेक्शन ( सेप्सिस ) क्या है ? जानें कारण, लक्षण और बचाव

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ब्लड इंफेक्शन को सेप्सिस या सेप्टीसीमिया के नाम से भी जानते हैं। यह बीमारी संक्रमण से पैदा हो सकती है। ब्लड इंफेक्शन तब होता है जब संक्रमण से निपटने के लिए खून में घुलने वाले रसायन पूरे शरीर में सूजन के साथ जलन पैदा करने लगते हैं। इसके चलते शरीर में कई तरह के परिवर्तन भी देखने को मिलते हैं। इसके चलते शरीर में कई अंग नकारात्मक रूप से प्रभावित होते हैं और उनकी प्रक्रिया में रुकावट आती है। आज हम आपको इस लेख के माध्यम से बताएंगे कि ब्लड इन्फेक्शन के लक्षण क्या हैं? इसके पीछे क्या कारण छिपे हैं? और बचाव और उपचार किस प्रकार हो सकता है? पढ़ते हैं आगे...

सेप्सिस के शुरुआती लक्षण

सेप्सिस के शुरुआती लक्षण

जल्दी जल्दी सांस लेना,

संक्रमण की पुष्टि हो जाना,

शरीर के तापमान में बदलाव,

दिल की धड़कन का एक मिनट में 90 से ज्यादा बार चलना।

गंभीर सेप्सिस के लक्षण

सांस लेने में कठिनाई महसूस करना,

मानसिक स्थिति में परिवर्तन आना,

प्लेटलेट की संख्या का घटते जाना,

मूत्र का कम आना,

पेट में दर्द होना,

हृदय द्वारा असामान्य रूप से पंपिंग करना।

सेप्टिक शॉक

इसके लक्षण भी गंभीर सेप्टिक के लक्षणों के समान ही होते हैं। ऐसे में ब्लड प्रेशर ज्यादा कम हो जाता है। डॉक्टर बीपी को सामान्य करने के लिए तरल पदार्थ का सहारा लेते हैं।

डॉक्टर को कब दिखाया जाए

डॉक्टर को कब दिखाया जाए

ये बीमारी ज्यादातर उन लोगों में पाई जाती है जो अस्पताल में ज्यादा समय तक भर्ती रहते हैं। जो लोग आईसीयू यानी इंटेंसिव केयर यूनिट में होते हैं वह इस बीमारी के जल्दी शिकार हो जाते हैं। अगर आपको भी किसी प्रकार का संक्रमण हो गया है या सर्जरी के बाद ऊपर दिए लक्षण दिखाई दे तो डॉक्टर से सलाह जरूर लें।

 किन लोगों को होता है सेप्सिस का खतरा-

किन लोगों को होता है सेप्सिस का खतरा-

1- छोटे बच्चों को इस का खतरा ज्यादा होता है।

2- वृद्धावस्था में इसका खतरा ज्यादा बढ़ जाता है।

3- जो लोग उन दवाइयों का सेवन करते हैं जिनसे इम्यूनिटी सिस्टम डाउन हो जाती है उन्हें भी यह बीमारी हो सकती है।

4- डायबिटीज के मरीजों को इसका खतरा रहता है।

5- वे लोग जो एचआईवी एड्स या कैंसर के कारण प्रतिरक्षा प्रणाली के कमजोर हो जाने से परेशान रहते हैं वह भी समस्या की चपेट में आ सकते हैं।

6- वे लोग जो अस्पताल में रहकर आए हैं या जिनकी सर्जरी हुई है।

सेप्टिक होने के पीछे क्या कारण हैं-

सेप्टिक होने के पीछे क्या कारण हैं-

अंडररिएक्शन या ओवररिएक्शन के चलते जी बीमारी हो जाती है। अंडर सेक्शन यानी इम्यूनिटी सिस्टम सही तरीके से काम नहीं करता यह बंद हो जाता है और ओवरएक्शन मतलब संक्रमण इम्यूनिटी सिस्टम के लिए ट्रिगर के रूप में काम करता है। इसके अलावा कई बार ऐसी स्थिति बन जाती है जब हमारी हड्डियां संक्रमित हो जाती हैं इस स्थिति को ओस्टियोमाइलाइटिस भी कहते हैं। यह परिस्थिति तब बनती है जब लोग अस्पताल में भर्ती होते हैं और बैक्टीरिया, सर्जिकल चीरे, कैथेटर आदि से शरीर में संक्रमण फैलने लगता है जब भी सेप्सिस का खतरा बढ़ जाता है।

सेप्टिक से बचाव

- जिन लोगों का इम्यून सिस्टम कमजोर होता है उन्हें संक्रमण जल्दी फैलता है ऐसे में विशेष ध्यान की जरूरत होती है।

- स्वच्छता का ध्यान रखें। रोज स्नान करें। अगर शरीर पर किसी प्रकार की जख्म या घाव है तो देखभाल करें और हाथ धोने जैसी आदतों को अपनी दिनचर्या में शामिल करें।

- नियमित रूप से टीकाकरण करवाते रहें निमोनिया, फलू या अन्य संक्रमण के टीकाकरण करवाएं।

- बुजुर्ग शरीर में पानी की कमी ना होने दें।

English summary

Sepsis: Symptoms, Causes, Treatment, Risks

During sepsis, your immune system, which defends you from germs, releases a lot of chemicals into your blood.
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