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क्या होती है लेक्टो-वैजेटेरियन डाइट, क्या है इसके फायदे
आजकल लेक्टो वेजिटेरियन डाइट को बहुत पसंद किया जा रहा है। स्वास्थ्यवर्द्धक फायदों के कारण दुनियाभर के लोग इस डाइट को अपना रहे हैं।
भारत में खासतौर पर हिंदू धर्म के लोग धार्मिक मान्यताओं के कारण इस डाइट को बहुत पसंद करते हैं। तो चलिए जानते हैं कि आखिर क्यों ये डाइट इतनी ज्यादा लोकप्रिय हो रही है और इस डाइट के फायदे क्या हैं?
क्या है लेक्टो-वेजिटेरियन डाइट
जो शाकाहारी व्यक्ति अंडे नहीं खाता लेकिन डेयरी उत्पादों का सेवन करता है, उसे लैक्टो-वेजिटेरियन कहा जाता है। अधिकतर शाकाहारी लोग पशु से प्राप्त उत्पादों जैसे कि दूध, अंडे का सेवन नहीं करते हैं। कुछ लोग धार्मिक मान्यताओं के कारण लैक्टो वेजिटेरियन डाइट अपनाते हैं जिसमें अंडे, मीट, मछली का सेवन न करना शामिल है लेकिन इसमें डेयरी उत्पाद खा सकते हैं। ये लैक्टो-वेजिटेरियन डाइट काफी आसान और पर्यावरण के अनुकूल है। इस शाकाहारी डाइट के कई और भी रूप हैं जैसे कि लेक्टो-ओवो-वेजिटेरियन डाइट, ओवो-वेजिटेरियन डाइट और वेगन डाइट।
लेक्टो-वेजिटेरियन डाइट
ये डाइट अनेक पोषक तत्वों से भरपूर है। इसमें हैल्दी फैट, एंटीऑक्सीडेंट और कई तरह के विटामिन एवं अन्य जरूरी मिनरल्स मौजूद हैं। संतुलित आहार की मदद से इम्युनिटी और मेटाबोलिज्म को बढ़ाया जा सकता है जिससे अपने आप ही सेहत को कई फायदे मिलते हैं।
ह्रदय के लिए लाभदायक
लेक्टो वेजिटेरियन डाइट लेने वाले लोगों में कार्डियोवस्कुलर बीमारियों का खतरा कम रहता है। इस डाइट में हैल्दी फैट और अच्छे पोषक तत्व होते हैं जो कि शरीर में गुड कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाने और बैड कोलेस्ट्रॉल को घटाने का काम करते हैं। ये शरीर में ब्लड शुगर के स्तर को सामान्य रखने में भी मदद करती है। इसलिए कार्डियोवस्कुल रोगों के खतरे में आए लोगों को डॉक्टर लैक्टो वेजिटेरियन डाइट की सलाह देते हैं।
ब्लड ग्लूकोज लेवल रखे कंट्रोल
हरी सब्जियों, मौसमी फल और सब्जियों, विभिन्न अनाज, पौधे से मिलने वाले प्रोटीन और सेहतवर्द्धक दुग्ध उत्पादों से युक्त लेक्टो वेजिटेरियन डाइट ब्लड ग्लूकोज लेवल को भी सामान्य रखने में मददगार साबित होती है। अगर आपको डायबिटीज है या हार्मोनल असंतुलन है तो इस डाइट से आपको फाइबर, एंटीऑक्सीडेंट, फास्फोरस, कैल्शियम, जिंक, आयरन आदि मिल सकता है। ये सभी पोषक तत्व शरीर में ग्लाइसेमिक इंडेक्स लेवल को कम करने में मदद करते हैं जिससे ब्लड शुगर लेवल कंट्रोल रहता है।
वजन कम करे
अगर आप वजन कम करना चाहते हैं तो मांस खासतौर पर रेड मीट से दूर रहें। लेक्टो वेजिटेरियन डाइट में कम कैलोरी और पोषक तत्व ज्यादा होते हैं। मीट खाने पर पर्याप्त फाइबर नहीं मिल पाता है जबकि कुछ सब्जियां, अनाज, फल और डेयरी उत्पाद डायटरी फाइबर से भरपूर होते हैं। इनसे पेट भरा हुआ रहता है जिससे वजन कम करने में मदद मिलती है।
क्या खाएं और क्या न खाएं
मीट, अंडे, सीफूड और मछली न खाएं। आप फल, सब्जियां, अनाज, दूध, दुग्ध उत्पाद, बीज और सूखे मेवे खा सकते हैं। शाकाहार में आने वाली हर चीज़ लेक्टो वेजिटेरियन डाइट में शामिल की जा सकती है।
इस डाइट में अंडे और अन्य मांसाहारी उत्पादों को शामिल नहीं किया गया है जिसकी वजह से उन लोगों को दिक्कत आ सकती है जो बिना सोचे-समझे कुछ भी खा लेते हैं। अंडों में उच्च मात्रा में प्रोटीन होता है इसलिए अंडे के विकल्प के बारे में जरूर सोच लें।
इसी तरह फैटी फिश में ओमेगा-3 फैटी एसिड प्रचुरता में पाया जाता है। इसकी पूर्ति के लिए आप रोज़ाना की जरूरत को पूरा करने के लिए ओमेगा-3 फैटी एसिड के सप्लीमेंट्स ले सकते हैं। आपको ऐसा संतुलित आहार लेना चाहिए जिसमें सभी जरूरी पोषक तत्व मौजूद हों जो आपके शरीर के विकास में मदद कर सकें।