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आपके पेट दर्द की वजह हो सकते है पिनवॉर्म, जानें इसे खत्म करने के घरेलू नुस्खें
पिनवॉर्म एक प्रकार के कीड़े होते हैं, जो संक्रमित व्यक्ति की आंत में रह कर शरीर में संक्रमण फैलाते हैं। इन कीड़ों को मेडिकल भाषा में एंटोबियस वर्मीक्यूलरिस कहा जाता है। पिनवॉर्म लगभग डेढ़ इंच लंबे होते हैं और आसानी से दिख सकते हैं। ये एक प्रकार के परजीवी होते हैं, जो आपके शरीर के पोषण पर जीवित रहते हैं। हालांकि, ये किसी को भी हो सकते हैं, लेकिन ज्यादातर पिनवॉर्म बच्चों में पाए जाते हैं हम आपको बताएंगे कि पिनवॉर्म होने के कारण क्या हैं और इसके लक्षण क्या हैं। साथ ही, इस लेख के जरिए आप पिनवॉर्म से बचने के उपाय के बारे में भी जान पाएंगे।
पिनवॉर्म होने के कारण
जैसा कि हम बता चुके हैं कि यह एक प्रकार का संक्रमण होता है। ऐसे में संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आना पिनवॉर्म होने का कारण बन सकता है। जब संक्रमित व्यक्ति सोता है, तो उस दौरान मादा पिनवॉर्म, आंत से निकल कर मलद्वार के आसपास की त्वचा पर अंडे देती हैं, जिससे उस अंग में खुजली होती है। ऐसे में जब संक्रमित व्यक्ति (खासकर बच्चा) खुजलाता है, तो ये अंडे उसके नाखून और उंगलियों में चिपक जाते हैं और नीचे बताए गए तरीकों से फैल सकते हैं।
जब संक्रमित बच्चा बाथरूम का उपयोग करने के बाद हाथ न धोए और अपने खिलौनों या अन्य चीजों को छुए। पिनवॉर्म संक्रमित व्यक्ति के बिस्तर और कपड़ों से भी फैल सकते हैं। हवा और संक्रमित भोजन में भी इनके अंडे होना पिनवॉर्म होने का कारण हो सकते हैं।
कैसे फैलता है पिनवॉर्म ?
पिनवॉर्म ज़्यादातर दूषित जगहों पर पाए जाते हैं। दूषित पानी या खाने से पिनवॉर्म होने की संभावना अधिक बढ़ जाती है। संक्रमित व्यक्ति के सोने के बाद मादा पिनवॉर्म आंत से बाहर निकल कर मलद्वार के आसपास की त्वचा पर अंडे देती है। जब हम बिना जाने इन अण्डों को अपने शरीर के अंदर ले जाते हैं तो कुछ दिनों में ये अंडे शरीर में जाकर वयस्क पिनवॉर्म में बदल जाते हैं और संक्रमण फैलाते हैं। ये अंडे कपड़ों, बिस्तर और अन्य चीज़ों में आसानी से जीवित रह सकते हैं। जब कोई व्यक्ति इन संक्रमित चीज़ों को अपने हाथों से छूता है तो ये अंडे उसके नाखूनों और उंगलियों में चिपक जाते हैं। खाना खाने या उंगली मुंह में डालने पर यह अंडे मुंह के अंदर चले जाते हैं। ये अंडे भोजन, पानी या हवा के माध्यम से भी शरीर में पहुंच सकते हैं। इस तरह से ये शरीर में फैलते हैं और संक्रमण का कारण बनते हैं।
पिनवॉर्म के लक्षण-
- मलद्वार के आसपास खुजली
- भूख ना लगना
- वजन कम होना
- चिड़चिड़ापन
- सोने में समस्या
- शरीर में सूजन
- घबराहट
- बैचैनी
- भूख में कमी
पिनवॉर्म खत्म करने के घरेलु नुस्खे
सेब का सिरका
सेब के सिरके में एंटी-माइक्रोबियल गुण मौजूद होते हैं जो पिनवॉर्म को खत्म करते हैं और उन्हें दोबारा बढ़ने से भी रोकते हैं। इसके लिए एक गिलास पानी में दो छोटे चम्मच सेब का सिरका डालकर अच्छी तरह मिक्स कर लें। आप चाहें तो इसमें शहद भी मिला सकते हैं। इस घोल का सेवन दिन में दो बार करें, पिनवॉर्म की समस्या जल्दी खत्म हो जाएगी।
अरंडी और नारियल का तेल
अरंडी और नारियल का तेल पिनवॉर्म की समस्या में बहुत कारगर उपाय है। इसमें एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-मिक्रोबियल गुण पाए जाते हैं जो जीवाणुओं को खत्म करते हैं और उन्हें बढ़ने से रोकते है। इसके लिए अरंडी और नारियल का तेल बराबर मात्रा में लेकर हल्का गुनगुना कर लें। रात को सोने से पहले इस तेल को मलद्वार के आसपास की त्वचा पर लगाएं। ऐसा करने से पिनवॉर्म के कारण होने वाली खुजली और जलन कम हो जाती है।
नींबू का रस
नींबू के रस में एंटी बैक्टीरियल गुण होते हैं, जो सात प्रकार के बैक्टीरिया से लड़ने में प्रभावी साबित हुए हैं। लेमन जूस विटामिन-सी से भरपूर होता है, जो शरीर में ऑक्सिडेटिव स्ट्रेस को कम करता है और संक्रमण से राहत दिलाने में मदद करता है। इसलिए, पिनवॉर्म का घरेलू उपचार करने के लिए लेमन जूस का इस्तेमाल किया जा सकता है।
रबिंग एल्कोहल
एल्कोहल में एंटी-माइक्रोबियल गुण होते हैं, जो कई प्रकार के माइक्रो जीवाणु को खत्म करने में मदद करते हैं। इसके स्किन एंटीसेप्टिक की तरह उपयोग किये जाने की वजह से यह कहा जा सकता है कि संक्रमण प्रभावित मलद्वार पर रबिंग एल्कोहोल लगाने से आपको पिनवॉर्म के अंडों से निजात पाने में मदद मिल सकती है।
लहसुन
लहसुन में एंटी माइक्रोबियल गुण होते हैं जो संक्रमण फैलाने वाले जीवाणु को रोकने में मदद करते हैं। रोजाना सुबह खाली पेट लहसुन की एक-दो कलियां चबाने से पिनवॉर्म खत्म करने में मदद मिलेगी।