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देरी से ही क्‍यों मालूम चलता है क‍िडनी फेल‍ियर के बारे में, जाने लक्षण और ट्रीटमेंट

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किडनी हमारे शरीर का सबसे महत्‍वपूर्ण अंग हैं, ये शरीर से अतिरिक्त पानी के साथ बॉडी में मौजूद हानिकारक और विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालकर खून साफ करने का काम करती है। लेकिन आजकल खराब खानपान की शैली की वजह से क‍िडनी संबंधी समस्‍याएं होने लगी हैं। क‍िडनी फेल‍ियर बहुत खतरनाक बीमारी होती है। इसकी सबसे खतरनाक बात यह है कि यह जब शरीर में होने लगता है तो अधिकांश मामलों में मरीज को मालूम नहीं चलता है तब तक बहुत देर हो चुकी होती है।

डायलिसिस और किडनी ट्रांसप्लांट के अलावा कोई विकल्प नहीं रहता है। सवाल यह है कि किसी व्यक्ति को कब अपनी किडनी की चिंता करनी चाहिए? डॉक्टर को कब दिखाना चाहिए? हालांक‍ि क‍िडनी फेल‍ियर के दौरान भी हमारा शरीर हमें कई संकेत देने लगता है। हमको बस इन संकेतों को पहचानने की जरूरत है।

क्यों पता नहीं चलती किडनी की खराबी

क्यों पता नहीं चलती किडनी की खराबी

किडनी की खराबी के कुछ आम लक्षण हैं, लेकिन एक भी किडनी स्वस्थ्य हो तो शरीर की बाकी क्रियाएं चलती रहती हैं। यही कारण है कि जब तक दोनों किडनी पूरी तरह काम करना बंद नहीं कर देती हैं, मरीज को पता नहीं चलता है। यानी एक किडनी खराब हो तो भी काम चलता रहता है, लेकिन जिस पल दूसरी किडनी भी काम करना बंद कर दे तो मुश्किलें बढ़ जाती है।

ये लक्षण होते है क‍िडनी फेल‍ियर के

ये लक्षण होते है क‍िडनी फेल‍ियर के

- पीठ में दर्द

- यूरिन के दौरान कभी-कभी खून आना

- यूरिन की मात्रा कम-ज्यादा होना

- यूरिन के दौरान जलन होना या दर्द होना

- रात के समय ब्लडप्रेशर कम या ज्यादा होना

- किडनी वाली जगह पर दर्द महसूस होना

- पैरों में सूजन आना

- थकान महसूस होना।

इन्‍हें होता है क‍िडनी फेल होने का ज्‍यादा खतरा

इन्‍हें होता है क‍िडनी फेल होने का ज्‍यादा खतरा

किडनी फेल होने का खतरा सबसे ज्‍यादा डायबिटीक को होता है। इसके अलावा हाई ब्लड प्रेशर वालों को भी समय-समय पर किडनी की जांच करवाते रहना चाहिए। जो लोग दर्द निवारक गोलियों का सेवन करते हैं या जिनमें यूरिन इन्फेक्शन की शिकायत ज्‍यादा होती है, उन्‍हें ज्‍यादा सावधान रहने की जरुरत है।

ज्‍यादा मछली खाने से भी होता है क‍िडनी फेल‍ियर

ज्‍यादा मछली खाने से भी होता है क‍िडनी फेल‍ियर

आपको जानकर हैरानी होगी क‍ि भौगोल‍िक क्षेत्र का भी असर क‍िडनी पर पड़ता है। उदाहरण के तौर पर जो लोग समुद्र तट के पास रहते हैं, उनमें मछली के अधिक सेवन के कारण किडनी रोग होते हैं, जबकि पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों दूध और दही का अधिक सेवन के वजह से किडनी की समस्‍या ज्‍यादा देखने को मिलती हैं।

इन बातों का रखें ख्‍याल

इन बातों का रखें ख्‍याल

किडनी इंफेक्‍शन होने पर इसे दवा के जर‍िए ठीक क‍िया जा सकता है। लेकिन यदि किडनी फेल हो गई है तो सिवाय डायलिसिस या किडनी ट्रांसप्लांट के कोई दूसरा तरीका नहीं है। लेक‍िन किडनी की सलामती के ल‍िए इन बातों का रखें ध्‍यान।

-स्वस्थ आहार लें

-शरीर का वजन स्वस्थ सीमा में रखें

-नमक का इस्तेमाल कम करें

- अगर आपको डायरिया, उल्टी, बुखार आदि है तो डिहाइड्रेशन से बचाव के लिए खूब तरल पदार्थ लें।

- नियमित रूप से व्यायाम करें।

-धूम्रपान या अन्य तंबाकू उत्पादों का इस्तेमाल न करें, धूम्रपान से किडनी में रक्तसंचार कम हो जाता है, जिससे पहले से हो चुकी समस्या गंभीर रूप ले सकती है।

-पेन किलर या दर्द निवारक दवाओं का इस्तेमाल कम करें, क्योंकि ये आपकी किडनी को नुकसान पहुंचा सकती हैं।

-अगर आप हाई रिस्क ग्रुप में आते हैं तो किडनी फंक्शन की जांच नियमित रूप से कराएं।

English summary

Why We Don't Understand Kidney Failure in Initial Stage

There are numerous causes of kidney failure, and treatment of the underlying disease may be the first step in correcting the kidney abnormality.
Story first published: Thursday, March 12, 2020, 16:38 [IST]
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