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घर में शंख रखने से होते है ये चमत्कारी लाभ

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Shank Benefits (Conch) | घर में शंख रखने से होगा नकारात्मक शक्तियों का नाश | Boldsky

हिंदू धर्म में शंख को बहुत ही महत्वपूर्ण बताया गया है। कहते हैं इसकी ध्वनि से नकारात्मक शक्तियों का नाश होता है और घर में सुख और शान्ति का वास होता है। विष्णु पुराण में इस बात का उल्लेख मिलता है कि समुद्र मंथन के समय जिन 14 रत्नों की प्राप्ति हुई थी उसमें से एक शंख भी था इसलिए शंख को लक्ष्मी जी का भाई माना जाता है।

कहते हैं जिस भी घर में शंख होता है और विधिपूर्वक उसकी पूजा की जाती है उस घर में कभी दरिद्रता नहीं आती। वहां सदैव सुख, शांति और समृद्धि बनी रहती है।

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आइए जानते हैं शंख से जुड़ी कुछ और रोचक बातें, पर सबसे पहले जानते हैं की शंख कितने प्रकार के होते हैं।

शंख विभिन्न प्रकार के होते है जैसे लक्ष्मी शंख, गोमुखी शंख, कामधेनु शंख, विष्णु शंख, देव शंख, चक्र शंख, पौंड्रा शंख, सुघोष शंख, गरुड़ शंख, मणिपुष्पक शंख, राक्षस शंख, शनि शंख, राहु शंख, केतु शंख, शेषनाग शंख, कछप शंख, आदि। किन्तु दक्षिणावर्ती शंख, मध्यावृत्ति शंख और वामावृत्ति शंख इनमें से प्रमुख माने जाते हैं। हर एक शंख की विशेषता और इसके पूजन का तरीका अलग होता है। शंख की आकृति के आधार पर ही इस बात का पता लगाया जा सकता है कि वह किस प्रकार का है। कहते हैं कैलाश मानसरोवर, लक्षद्वीप, कोरामंडल द्वीप समूह, श्रीलंका और भारत जैसे स्थानों में उच्च श्रेणी के शंख पाए जाते हैं।

तीन प्रकार के शंख

1. दक्षिणावर्ती शंख: जिस शंख को दाहिने हाथ से पकड़ा जाए और जिसका उदर दक्षिण दिशा की ओर हो उसे दक्षिणावर्ती शंख कहते हैं।

2. मध्यावृत्ति शंख: जिस शंख का मुंह बीच में खुला होता है उसे मध्यावृत्ति शंख कहते हैं।

3. वामावृत्ति शंख: जिस शंख को बाएं हाथ से पकड़ा जाए और जिसका उदर बायीं तरफ खुलता हो उसे वामावृत्ति शंख कहते हैं।

इनमें से दक्षिणावर्ती शंख और मध्यावृत्ति शंख सबसे चमत्कारी और मूल्यवान माने जाते हैं इसलिए ये आसानी से उपलब्ध नहीं होते।

शंख से मिलने वाले चमत्कारी लाभ

1. जिस घर में शंख की पूजा सुबह शाम होती है, उस घर में धन धान्य की कभी कोई कमी नहीं रहती है।

2. शंख की ध्वनि से वातावरण भी शुद्ध हो जाता है।

3. शंख से वास्तुदोष भी दूर किया जा सकता है।

4. पुत्र प्राप्ति, पितृ-दोष शांति, विवाह आदि में आने वाली अड़चनें भी दूर होती हैं।

5. भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी दोनों के ही हाथ में शंख पाए जाते हैं इसलिए भी शंख को घर में रखना और इसे बजाना शुभ माना जाता है।

6. शंख में जल रख कर छिड़कने से भी घर में शान्ति आती है।

7. वैज्ञानिक दृष्टिकोण से भी शंख की ध्वनि को बहुत महत्वपूर्ण और लाभदायक बताया गया है। कहते हैं शंख की आवाज़ से वातावरण में मौजूद कई तरह के जीवाणु-कीटाणु नष्ट हो जाते हैं।

8. शंखोदक के भस्म के उपयोग से पेट की बीमारियों से छुटकारा पाया जा सकता है। हालांकि इसका प्रयोग उचित सलाह लेकर ही करना चाहिए।

9. शंख बजाने से सांस से जुड़ी समस्या से निजात पाया जा सकता है। कहते हैं इसे बजाने से फेफड़ें का व्यायाम होता है।

10. शंख में रखे पानी का सेवन करने से हड्डियां और दांत दोनों मज़बूत होते हैं।

11. शंख को लाल कपड़े में लपेटकर अपने घर या दुकान की तिजोरी में रखने से आपकी तिजोरी कभी खाली नहीं होगी।

12. शंख के जल से भगवान का अभिषेक करने से ईश्वर प्रसन्न होते हैं और उनकी कृपा आप पर हमेशा बनी रहती है।

13. शंख की ध्वनि से बीमारियां भी दूर भागती हैं।

14. दक्षिणावर्ती शंख को अन्न भण्डार में रखने से कभी अन्न की कमी नहीं होती।

15. शयन कक्ष में यह दक्षिणावर्ती शंख रखने से शांति का अनुभव होता है।

16. बिना शंखनाद के कोई भी धार्मिक कार्य पूरा नहीं होता इसलिए किसी भी पूजा, हवन या अनुष्ठान में शंखनाद शुभ माना जाता है। कहते हैं इससे देवी देवता प्रसन्न होते हैं और साधक की मनोकामना भी जल्द ही पूरी होती है।

17. शंख की ध्वनि से प्रेत आत्माएं और पिशाच भी घबराते हैं और अगर किसी घर पर इनका बुरा साया होता है तो उस घर में शंख ज़रूर रखना चाहिए।

18. गर्भवती स्त्रियों को गणेश शंख में जल डालकर पीने से बहुत लाभ मिलता है। इससे उनकी होने वाली संतान स्वस्थ और निरोगी पैदा होती है।

19. शंख के अंदर लाल गाय का दूध भरकर घर में छिड़काव करने से वास्तुदोष समाप्त हो जाता है।

20. अन्य देवी देवताओं की तरह शंख को भी घी, दूध और गंगाजल से स्नान कराने से लाभ होता है।

ऐसे करें शंख की पूजा

शंख की पूजा करने का भी एक विशेष विधान है जो इस प्रकार है सबसे पहले स्नान कर साफ़ सुथरे वस्त्र धारण कर लें। उसके पश्चात एक पात्र में शंख रख लें फिर दूध, गंगाजल आदि से स्नान करवाएं। साफ़ कपड़े से पोंछ कर उस पर दूध तथा केसर मिश्रित घोल से शंख पर श्री एकाक्षरी मंत्र लिखे और उसे ताम्बे अथवा चांदी के पात्र में स्थापित कर दें। रोली अक्षत और सफ़ेद पुष्प चढ़ाएं फिर धूप और घी का दीपक जलाएं। फिर मन, कर्म तथा वचन से शंख का ध्यान करें।

English summary

Basic Points About A Sacred Shankh That You Should Never Forget!

A conch shell becomes sacred, once you keep it in a temple. While many people worship conch shell, they must never forget these basic points about a sacred shankh.
Story first published: Monday, May 21, 2018, 17:02 [IST]
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