Just In
- 5 hrs ago Blackheads Removal Tips: नहीं निकल रहे हैं ठुड्डी पर धंसे हुए ब्लैकहेड्स? 5 मिनट में ये नुस्खें करेंगे काम
- 6 hrs ago आम पन्ना से 10 गुना ज्यादा ठंडक देता है इमली का अमलाना, लू से बचने का है देसी फार्मूला
- 8 hrs ago रूबीना दिलैक ने शेयर किया स्तनपान से जुड़ा दर्दनाक एक्सपीरियंस, नई मांए ने करें ये गलती
- 9 hrs ago Gajalakshmi Yog April 2024: 12 वर्षों के बाद मेष राशि में बनेगा गजलक्ष्मी राजयोग, इन 3 राशियों पर बरसेगा पैसा
Don't Miss
- News मध्य प्रदेश के ग्वालियर में लगी भीषण आग, मौके पर दमकल की 17 गाड़ियां
- Education UP Board 12th Result 2024: यूपी बोर्ड 12वीं रिजल्ट 2024 कल 2 बजे आयेगा, यहां देखें UPMSP Result डाउनलोड लिंक
- Movies OOPS: बेटे अरहान से गंदी बातें करने के बाद अब इस हाल में दिखी मलाइका, बार-बार ठीक करती रही लटकती फिसलती ड्रेस
- Technology Vivo के इस 5G फोन की कल होने जा रही एंट्री, लॉन्च से पहले कीमत से लेकर फीचर्स तक की डिटेल लीक
- Travel हनुमान जयंती : वो जगहें जहां मिलते हैं हनुमान जी के पैरों के निशान
- Finance Employee Count: देश की टॉप IT कंपनियों में कम हो गए 63,759 कर्मचारी, जानें किस कंपनी में कितने लोग हुए कम
- Automobiles 3 करोड़ की कार में वोट डालने पहुंचे साउथ सिनेमा के दिग्गज स्टार Dhanush, फैंस ने किया स्वागत
- Sports Japan Open 2023: सेमीफाइनल में पहुंचे लक्ष्य सेन, एचएस प्रणय की विक्टर एक्सेलसन से भिड़ंत आज
बाबा साहेब आंबेडकर की 127वीं जयंती आज
अपने पूरे जीवनकाल में समानता के लिए संघर्ष करने वाले प्रतिभाशाली बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर यानी डॉ बी आर आंबेडकर का आज 127वां जन्म दिवस है। ये वह मसीहा है जिसका समाज से जात पात, ऊंच नीच और छुआ छूत जैसी कुप्रथाओं का अंत करने में सबसे बड़ा योगदान था। इन्होंने अपना समस्त जीवन न सिर्फ दलितों और पिछड़ी जाति के लोगों को उनका हक़ दिलाने में लगा दिया बल्कि समाज के अन्य वर्ग जो अपने अधिकारों से वंचित थे उनके लिए भी हमेशा खड़े रहे।
इतना ही नहीं आंबेडकर हमारे देश के संविधान के निर्माता भी है। उनके जन्मदिवस पर लोग उनके योगदान और त्याग को स्मरण करते हुए इस दिन को मनाते हैं।
आज इस मौके पर आइए जानते है किस प्रकार उन्होंने कड़ा संघर्ष करके सफलता प्राप्त की थी और लोगों के लिए एक अद्भुत मिसाल कायम की थी।
आंबेडकर का जन्म और उनकी शिक्षा
डॉ आंबेडकर का जन्म 14 अप्रैल, 1891 को मध्य प्रदेश के इंदौर के महू छावनी में हुआ था। उनके पिता का नाम रामजी मोलाजी सकपाल था और माता का नाम भीमा बाई था। उनके पिता सेना में सूबेदार थे। जब आंबेडकर मात्र पांच वर्ष के थे तब उनकी माता का देहांत हो गया था। वे महार जाति के थे जिसे अछूत (निम्न वर्ग) का माना जाता था। कहते हैं पिछड़ी जाती का होने के कारण उन्हें हमेशा अपनी कक्षा के बाहर बैठना पड़ता था इतना ही नहीं अपने विद्यालय में उन्हें पानी पीने के लिए नल को हाथ लगाने की भी मनाही थी। जब प्यास लगती तो कोई उच्च जाती का व्यक्ति ऊपर से पानी उनके हाथों पर डालता।
जात पात का भेदभाव देखकर बड़े हुए आंबेडकर ने बचपन में ही इस कुप्रथा का अंत करने का दृढ निश्चय कर लिया था।
बाद में उनका पूरा परिवार महाराष्ट्र के सतारा में आकर बस गया। महज़ पंद्रह वर्ष की आयु में उनका विवाह नौ वर्ष की रमाबाई से हो गया था। दसवीं की परीक्षा पास करने के बाद वे बम्बई विश्वविद्यालय में दाखिला लेने वाले पहले अस्पृश्य बन गये। पढ़ाई में आंबेडकर बहुत ही तेज़ थे और हर परीक्षा में हमेशा अव्वल ही आते थे इसलिए उन्हें बड़ौदा में गायकवाड़ के राजा सहयाजी से 25 रूपए प्रति माह स्कालरशिप के रूप में मिलने लगा।
1912 में उन्होंने राजनीतिकविज्ञान और अर्थशास्त्र में स्नातक की डिग्री हासिल की। बाद में सहयाजी ने उन्हें आगे पढ़ने के लिए कोलंबिया विश्वविद्यालय न्यूयॉर्क अमेरिका भेज दिया।
अपनी पढाई पूरी कर जब आंबेडकर वापस भारत लौटे तो सहयाजी ने उन्हें अपने राज्य का रक्षा मंत्री घोषित कर दिया किन्तु यहाँ भी उनके साथ भेदभाव होने लगा और पिछड़ी जाती का होने के कारण बार बार उन्हें अपमान का घूंट पीना पड़ता। बाद में उन्होंने अपने इस पद से इस्तीफा दे दिया।
1923 में बाबासाहेब वकील बने और मुंबई के हाई कोर्ट से वकालत शुरू कर दी।
आंबेडकर आगे और पढ़ना चाहते थे इसलिए वे इंग्लैंड चले गए। 8 जून 1927 को कोलंबिया यूनिवर्सिटी में उन्हें डॉक्टरेट की बड़ी उपाधि से सम्मानित किया गया।
भारत के संविधान का किया निर्माण
हमारे देश का संविधान 26 नवम्बर 1949 को बनकर तैयार हुआ था। संविधान सभा के निर्मात्री समिति के अध्यक्ष डॉ॰ भीमराव आंबेडकर के 125वें जयंती वर्ष के रूप में 26 नवम्बर 2015 को संविधान दिवस मनाया गया। डॉ॰ भीमराव आंबेडकर जी ने भारत के महान संविधान को 2 वर्ष 11 माह 18 दिन में 26 नवम्बर 1949 को पूरा कर राष्ट्र को समर्पित किया था।
इस दौरान उन्होंने जात पात के भेद भाव को खत्म करने पर ज़ोर दिया। उनका कहना था की कोई छोटा या बड़ा नहीं होता सब एक समान होते हैं और उनको अधिकार भी एक समान मिलने चाहिए।
स्वतंत्र मज़दूर पार्टी का किया गठन
1936 में उन्होंने स्वतंत्र मज़दूर पार्टी का गठन किया और 1937 के चुनाव में 15 सीटों से जीत हासिल की लेकिन 1946 के संविधान सभा चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा। इसी दौरान महात्मा गाँधी ने निम्न जाती वालों को हरिजन नाम दिया जिसका विरोध यह कह कर किया गया कि वह भी समाज का एक हिस्सा हैं।
आंबेडकर अपने महान विचारों के लिए भी जाने जाते थे उनका कहना था कि मनुष्य का जीवन भले ही लम्बा न हो किन्तु महान होना चाहिए। वे ऐसे धर्म को मानते थे जो स्वतंत्रता, समानता और भाईचारा सिखाता है।