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नवरात्रि 2019: जानें कंजक बैठाने का शुभ मुहूर्त और विधि
इस साल चैत्र नवरात्रि की शुरुआत 6 अप्रैल से हुई। नौ दिनों तक मनाए जाने वाला मां का ये पर्व राम नवमी के साथ समाप्त होगा जो 14 अप्रैल को मनाया जाएगा। नवरात्रि में माता के नौ स्वरूपों को पूजा जाता है और अष्टमी अथवा नवमी को लोग कंजक पूजन करते हैं।
कन्या पूजन के लिए बुलाई गयी कन्याओं की मां के समान पूजा की जाती है। उनकी सेवा के बाद उन्हें ख़ुशी ख़ुशी विदा करने से माता मुरादें पूरी करती हैं। इस लेख के माध्यम से जानते हैं कि इस साल कंजक पूजन के लिए शुभ मुहूर्त क्या है और किस विधि से इसे संपन्न करना है।
कन्या या कंजक पूजन के लिए शुभ मुहूर्त
13 अप्रैल को अष्टमी युक्त नवमी है। सुबह 8 बजकर 15 मिनट तक अष्टमी रहेगी। इसमें आप कन्या पूजन कर सकते हैं।
आप इन शुभ मुहूर्त पर भी कंजक बिठा सकते हैं:
सुबह
06:41
से
08:13
सुबह
11:56
से
दोहपर
12:47
तक
दोहपर
02:28
से
शाम
03:19
तक
कैसे करें पूजा
नवरात्रि
का
व्रत
रखने
वालों
के
लिए
कंजक
पूजना
बहुत
महत्वपूर्ण
माना
जाता
है,
इसके
बिना
इनका
व्रत
अधूरा
रह
जाता
है।
ऐसी
मान्यता
है
दुर्गा
मैया
को
खुश
करना
है
तो
कंजक
जरूर
बिठाएं।
इसके
लिए
कम
से
कम
नौ
कन्याएं
होनी
चाहिए।
यदि
नौ
से
अधिक
बालिकाएं
आती
हैं
तब
भी
कोई
समस्या
नहीं
है।
इन
कन्याओं
की
आयु
दो
से
दस
साल
तक
की
होनी
चाहिए।
नौ
कन्या
के
साथ
एक
बालक
(लंगुरिया)
भी
बिठाएं।
एक
एक
करके
सभी
कन्या
के
पैरों
को
थाल
में
रख
कर
जल
से
धोएं
और
साफ़
कपड़े
से
पोंछ
कर
स्थान
पर
बिठाएं।
माना
जाता
है
कि
इससे
पापों
का
दमन
होता
है।
अब
पंक्ति
से
बैठी
कन्याओं
और
बालक
को
तिलक
लगाएं।
उनके
हाथ
में
मौली
बांधे।
अब
उनको
नए
थाली
में
भोजन
परोसें।
उन्हें
भोग
लगाने
के
लिए
इस
दिन
खासतौर
पर
हलवा-पूरी,
चना
तैयार
किया
जाता
है।
इसके
साथ
आप
उन्हें
मिठाई,
प्रसाद
और
वस्त्र
आदि
भी
दे
सकते
हैं।
जब
कन्याएं
भोजन
कर
लें
तब
उन्हें
मां
दुर्गा
का
स्वरूप
मानकर
उनके
चरण
छूकर
आशीर्वाद
लें।
यदि
आपके
जीवन
में
किसी
तरह
की
कठिनाई
है
और
माता
का
आशीर्वाद
चाहते
हैं
तो
कन्या
पूजन
के
जरिए
उनकी
कृपा
पा
सकते
हैं।