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जानिए, क्‍यों नवरात्रियों में अखंड ज्‍योत जलाई जाती है..

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हिंदू धर्म में नवरात्रि के त्योहार का विशेष महत्‍व होता है, भक्त मां दुर्गा के लिए 9 दिन तक व्रत रखकर माता की आराधन करते हैं। कुछ लोग पहला और आखिरी दिन ही व्रत रखते हैं। 26 सितम्‍बर से पूरे देश में नवरात्रि की धूम शुरू हो गई है।

नवरात्री में घट स्‍थापना के ये है शुभ मूहूर्तनवरात्री में घट स्‍थापना के ये है शुभ मूहूर्त

देश के हर कोने में स्थित देवियों के मंदिर को भव्‍य तरीके से सजाया गया है। देश दुनिया से लोग मां के सभी रूपों के दर्शन करने के लिए आते हैं। नवरात्रि के समय में घरों और मंदिरों में अखंड ज्‍योत जलाई जाती है, जो लगातार 9 दिनों तक जलती रहती है। आइए आपको बताते है कि आखिर क्‍यों नवरात्रि में अखंड ज्‍योत जलाई जाती है।

नवरात्रि में इन गलतियों को करने से बचें, वरना हो सकता है कुछ अशुभ...नवरात्रि में इन गलतियों को करने से बचें, वरना हो सकता है कुछ अशुभ...

इसलिए जलाते है अखंड ज्‍योति..

इसलिए जलाते है अखंड ज्‍योति..

  • नवरात्रि के समय अखंड ज्‍योति जलाने से घर में सुख समृद्धि आती है तथा शत्रुओं पर विजय प्राप्‍त होती है।
  • नवरात्रि के समय घर में दीपक‍ जलाने से घर में सुख शांति बनी रहती है साथ ही घर के पितरों को भी शांति मिलती है।
  • जो लोग नवरात्रि के समय घी या सरसों के तेल का अखंड दीप जलाते हैं उन्‍हें तुरंत लाभ मिलता है और उनके सभी कार्य पूरे हो जाते हैं।
  • जो लोग शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं, उनके लिए नवरात्रि का समय शुभ माना जाता है। विद्यार्थियों को नवरात्रि के दिनों में घी का दीपक जलाना चाहिए। इससे उन्‍हें विद्या
  • इन बातों का ध्‍यान रखें

    इन बातों का ध्‍यान रखें

    • पुराणों में कहा गया है जिस वक्त तक अखंड ज्योति का संकल्प लें, उससे पूर्व वह खंडित नहीं होनी चाहिए। इसे अमंगल माना जाता हैं।
    • नौ दिन में 2 से 3 किलो शुद्ध देसी घी अथवा सरसों का तेल लगता है।
    • अखंड ज्योति को चिमनी से ढक कर रखें।
    • जिस स्थान पर अखंड ज्योति प्रज्वलित कर रहे हैं उसके आस-पास शौचालय या स्नानगृह नहीं होना चाहिए।
    • अखंड ज्योति के जलने का संकल्प समय पूरा हो जाए तो उसे जलने दें। स्वयं शांत होने दें, फूंक मारकर अथवा हाथ से न बुझाएं।
    • जो माता के सामने अखंड ज्योति प्रज्वलित करते हैं उन्हें इसे आग्नेय कोण (पूर्व-दक्षिण) में रखना चाहिए। पूजन के समय मुंह पूर्व या उत्तर दिशा में रखें।
    • चंदन की लकड़ी पर घट स्थापना और ज्योति रखना शुभ होता है।
    • पूजा स्थल के पास सफाई होनी चाहिए। वहां कोई गंदा कपड़ा या वस्तु न रखें।
    • जो लोग नवरात्रों में ध्वजा बदलते हैं। वे ध्वजा को छत पर उत्तर पश्चिम दिशा में लगाएं।
    • पूजा स्थल के सामने थोड़ा स्थान खुला होना चाहिए। जहां बैठकर पूजा और ध्यान लगाया जा सके।
    •  वास्‍तु के हिसाब

      वास्‍तु के हिसाब

      ईशान कोण अर्थात उत्तर पूर्व को देवताओं की दिशा माना जाता है। इस दिशा में माता की प्रतिमा और अखंड ज्योति प्रज्वलित करना शुभ होता है।

English summary

navratri 2022 durga puja vidhi akhandjyoti in navaratri

akhanda Deepam for navratri Durga puja (Akhanda Jyoti) is very Significant as it should be there till the conclusion of the Puja.
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