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Pitru Paksha 2022: बेटियां भी कर सकती हैं पिंड दान, सीता जी से जुड़ा है इसका इतिहास

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कहा जाता है कि पितृपक्ष में अपने पूर्वजों का श्राद्ध और पिंडदान पुत्र करते हैं। अगर पुत्र न हो तो पौत्र या प्रपौत्र भी श्राद्ध कर सकते हैं, लेकिन क्या आप यह जानते हैं कि केवल पुरुष ही नहीं बल्कि महिलाएं भी श्राद्धकर्म कर सकती हैं। जी हां अगर बेटा या पुत्र न हो तो उनके स्थान पर बेटी भी श्राद्ध कर सकती है। इस बात का उल्लेख गरुड़ पुराण के अलावा वाल्‍मिकी रामायण में भी है। हिंदू धर्म में पितृपक्ष का बहुत ही महत्व होता है। इस साल पितृपक्ष की शुरुआत 10 सितंबर से हो चुकी है। पूरे 15 दिनों के बाद इसका समापन अमावस्या के दिन 25 सितंबर को होगा। इस दौरान लोग अपने पितरों की आत्मा की शांति के लिए उनकी मृत्यु तिथि पर तर्पण, पिंडदान और श्राद्ध करते हैं।

आइए आपको बताते हैं कि आखिर क्यों बेटियां भी पितृपक्ष में पिंड दान कर सकती हैं।

बेटा न हो तो बेटी भी कर सकती है पिंड दान

बेटा न हो तो बेटी भी कर सकती है पिंड दान

शास्त्रों के अनुसार पितृ पक्ष में पितरों का तर्पण, पिंडदान और श्राद्ध करने से पितृ बेहद प्रसन्न होते हैं और उनकी आत्मा तृप्त हो जाती है। कहते हैं कि पितृ पक्ष के दौरान हमारे पूर्वज पक्षियों के रूप में धरती पर आते हैं और 15 दिनों तक अपने परिजनों के आस पास रहते हैं। इस दौरान घर के पुरुष तर्पण, पिंडदान और श्राद्ध करते हैं। यदि किसी के घर में बेटा न हो तो बेटियों को भी यह सब करने का अधिकार है। हालांकि बेटियों के लिए कुछ विशेष नियम बनाए गए हैं जिनका पालन करना उनके लिए जरूरी होता है।

सीता जी ने किया था दशरथजी का श्राद्ध

सीता जी ने किया था दशरथजी का श्राद्ध

कहते हैं कि जब माता सीता श्री राम और लक्ष्मण जी के साथ अपने ससुर महाराज दशरथ का श्राद्ध करने के लिए गई थी तब कुछ सामग्री लेने श्री राम और लक्ष्मण जी नगर की ओर चले गए थे। उसके बाद आकाशवाणी हुई कि पिंडदान का समय निकला जा रहा है। तब दशरथ जी की आत्मा स्वयं प्रकट हुई और सीताजी से ही पिंडदान करने के लिए कहा। तब सीता जी ने फाल्‍गू नदी, वटवृक्ष, केतकी के फूल और गाय को साक्षी मानकर अपने ससुर का पिंडदान कर दिया था। फाल्‍गू नदी के किनारे ही सीता माता ने बालू का पिंड बनाकर दशरथ जी का पिंडदान किया था।

कौन कौन कर सकता है श्राद्ध

कौन कौन कर सकता है श्राद्ध

गरुड़ पुराण में इस बात का जिक्र किया गया है कि यदि किसी का बेटा न हो तो उनके उसके स्थान पर पत्नी या बेटी श्राद्ध कर सकते हैं। इसके अलावा बहू, भांजी नातिन, पोती को भी श्राद्ध करने का अधिकार है। सगा भाई, भांजा या भतीजा भी अपने पूर्वजों का श्राद्ध कर सकते हैं।

English summary

Pitru Paksha 2022: Can daughters do Pind Daan? in Hindi

During Pitru Paksha not only son but daughters can also do a Pind Daan. In case, when the deceased has no son, his or her daughter can do the Pind Daan.
Story first published: Monday, September 19, 2022, 15:54 [IST]
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