For Quick Alerts
ALLOW NOTIFICATIONS  
For Daily Alerts

Radha Ashtami 2021: राधा रानी के जन्मोत्सव पर व्रत करने से मिलेगा भगवान श्रीकृष्ण का भी आशीर्वाद

|

भगवान श्री कृष्ण को राधा सबसे प्रिय है। हिंदू पंचांग के अनुसार, राधा रानी का जन्म भाद्रपद महीने के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि पर हुआ था। इस दिन को राधा अष्टमी भी कहा जाता है। माना जाता है इस दिन उनका जन्म मथुरा के रावल गांव में हुआ था। इस दिन लोग विधि विधान से राधा रानी का पूजन करते हैं और उनके जन्मोत्सव की खुशियां मनाते हैं। जानते हैं इस साल राधा अष्टमी का व्रत किस दिन रखा जाएगा और इस व्रत को करने से क्या लाभ मिलते हैं।

Jyeshtha Gauri Visarjan Muhurat 2021: गौरी विसर्जन शुभ मुहूर्त । गौरी विसर्जन विधि । Boldsky
राधा अष्टमी की तिथि व मुहूर्त

राधा अष्टमी की तिथि व मुहूर्त

साल 2021 में भादो महीने के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि का प्रारंभ 13 सितंबर सोमवार के दिन दोपहर 3 बजकर 10 मिनट पर होगा और इसका समापन अगले दिन 14 सितंबर मंगलवार को दोपहर 1 बजकर 9 मिनट पर होगा। इस साल राधाष्टमी का पर्व 14 सितंबर को ही मनाया जाएगा।

राधा अष्टमी व्रत की पूजा विधि

राधा अष्टमी व्रत की पूजा विधि

इस दिन जातक प्रात: जल्दी उठकर स्नानादि करके निवृत्त हो जाए। इसके पश्चात आप एक मंडप बनाएं और नीचे मंडल बनाकर उसके बीच हिस्से में मिट्टी अथवा तांबे का कलश स्थापित कर दें। कलश पर तांबे का पात्र रख दीजिये। इस पात्र के ऊपर सुंदर वस्त्र व आभूषण से सजी राधा रानी की मूर्ति स्थापित करें। यदि संभव हो तो सोने की मूर्ति रखें। इसके बाद आप राधाजी का षोडशोपचार से पूजन करना शुरू करें। देवी की पूजा का समय मध्याह्न का ही होना चाहिए। पूजन के बाद जातक उपवास करे या फिर एक समय ही भोजन करें। अगले दिन अपनी श्रद्धा व सामर्थ्य के अनुसार विवाहित महिलाओं और ब्राह्मणों को भोजन कराएं और उन्हें दक्षिणा देकर आशीर्वाद लें।

राधाष्टमी का महत्व और व्रत करने के लाभ

राधाष्टमी का महत्व और व्रत करने के लाभ

इस दिन जो जात व्रत करता है उसे सभी पापों से मुक्ति मिलती है। विवाहित महिलाओं के लिए ये दिन ख़ास है। इस दिन वो राधा रानी से अखंड सौभाग्य का आशीर्वाद मांगती हैं। साथ ही संतान सुख कि भी कामना करती हैं। इससे घर में सुख-समृद्धि का वास होता है। साथ ही लक्ष्मी का निवास होता है। राधा जी भगवान श्रीकृष्ण को इष्टदेव मानती हैं तो वहीं श्रीकृष्ण भगवान के लिए राधा जी प्राणों से प्रिय हैं। जन्माष्टमी के दिन भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव मनाने के लगभग पन्द्रह दिनों के बाद राधाष्टमी का पर्व मनाया जाता है। भगवान श्री कृष और राधा देवी को कभी अलग नहीं किया जा सकता है। राधा का जन्मोत्सव मनाने वाले हर जातक पर श्री कृष्ण की असीम कृपा बरसती है। इस दिन व्रत करने से सभी मनोकामनाओं की पूर्ति होती है।

English summary

Radha Ashtami 2021: Date, Muhurat, Puja Vidhi and Significance in Hindi

Radhashtami is a Hindu holy day commemorating the birth anniversary of the goddess Radha. Check out the details of the Radhashtami 2021.
Desktop Bottom Promotion