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रोंगाली बिहु असम का रंगीन त्योहार
रोंगाली बिहु, असम में मनाया जाने वाला सबसे बड़ा त्योहार है। यह त्योहार असम में साल में तीन बार मनाया जाता है। माघ बिहु (मध्य जनवरी ),रोंगाली बिहु (मध्य अप्रैल ) और काति बिहु (मध्य अक्टूबर )। आज से असम में रोंगाली बिहु प्रारंभ हुआ हैं।
बिहु शब्द बिहु नृत्य और बिहू लोक गीत दोनो की और् संकेत करते है। रोंगाली बिहु या बोहाग बिहु असम का एक महत्वपूर्ण त्योहार है।
यह त्योहार मस्ती के साथ मनाया जाता है बिना उनके जाति, धर्म और विश्वास में भेद किये। बिहु शब्द दिमासा लोगों की भाषा से लिया गया है जो की प्राचीन काल से एक कृषि समुदाय है। उनकी सर्वोच्च देवता ब्राई शिबराई या पिता शिबराई हैं। मौसम की पहली फसल अपनी शांति और समृद्धि की कामना करते हुए ब्राई शिबराई के नाम पर अर्पित किया जाता हैं।
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तो 'बि' मतलब 'पुछ्ना' और 'शु' मतलब पृथ्वी में 'शांति और समृद्धि' हैं। अत: शब्ब्दै बिशु धीरे-धीरे भाषाई तहजीह को समायोजित करने के लिये बिहु बन गया। अन्य सुझाव यह हैं कि 'बि' मतलब 'पुछ्ना' और 'हु' मतलब 'देना' और वही से बिहु नाम उत्पन्न हुआ। यह " कलागुरु " विष्णु प्रसाद राभा द्वारा कहा गया था।
असम में रोंगाली बिहू बहुत सारे परंपराओं से ली जाती हैं जैसे की- बर्मी-चीन, ऑस्ट्रो - एशियाटिक, हिंद-आर्यन- और बड़े ही उत्साह के साथ मनाया जाता हैं। त्योहार अप्रैल के मध्य में शुरू होता हैं और आम तौर पर एक महीने के लिए जारी रहता है। यह पारंपरिक नव वर्ष है।
असमी इस खूबसूरत त्योहार को रंग बिरंगे कपड़े पहन कर मनाते हैं। वे इस अवसर पर अपने पड़ोसियों, शुभचिंतकों और रिश्तेदारों के यहां मिठाइयां और अन्य व्यंजन ले कर जाते हैं और उन्हें बधाई देते हैं।
इस खास अवसर पर वे अपने घरों में विशेष पीठा बनाते हैं, जो कि खास इसी दिन बनाया जाता है। इसके अलावा तिल के लड्डू और नारियल के लड्डू भी बनाए जाते हैं।
बिहु पर लोग गाय-भैंस आदि को भी पूजते हैं और उन्हें घर का भोजन भी खिलाते हैं।
कैसे
मनाते
हैं
रोंगाली
बिहु
?
यह
एक
रंगीन
त्योहार
है
इसलिये
गांव
के
लड़के
और
लड़कियां
पारंपरिक
धोती,
गमोसा
और
अन्य
रंगीन
कपड़े
पहन
कर
टोली
बना
कर
नृत्य
करते
हैं।
बिहु के त्योहार में लोग अपने प्रियजनों को फूल और गमछा भी भेंट करते हैं। नव युवक एक महीने पहले से ही ढोल,पेपा,गगना (बिहू के वाद्ध यन्त्र) आदि कि तैयारी करते हैं और नव युवतियां उनकी ताल और सुर पर थिरकती हुई बिहू नृत्य करती हैं।
यह बिहू इतने उल्लास और उत्साह वर्धक होता हैं कि गाँव हो या शहर बच्चे हो या बूढ़े सभी आनंद का उपभोग करते हैं।