Just In
- 2 min ago इंटरव्यू के लिए बेस्ट हैं IAS रिया डाबी के ये 5 फॉर्मल ब्लाउज पैटर्न, देंगे प्रोफेशनल लुक
- 2 hrs ago क्रॉच एरिया के फंगल इंफेक्शन की वजह हो सकता है आपका गंदा अंडरवियर, Jock Itching से बचने के लिए करें ये काम
- 4 hrs ago Save Earth Rangoli Design : इन रंगोली डिजाइन से दें पृथ्वी बचाओ का संदेश, यहां से लें आइडिया
- 6 hrs ago Pickle in Diabetes : डायबिटीज में आम का अचार खा सकते है या नहीं? इस सवाल का जवाब जानें
Don't Miss
- News UP Board 12th Result: बागपत के विशु चौधरी ने हासिल की 12वीं में दूसरी रैंक, 97.60% आए नंबर
- Movies सीमा हैदर की बहन रीमा के साथ गुलाम हैदर ने बनाया ऐसा वीडियो, जीजा के सामने गिड़गिड़ाई- हमारा जीना मुश्किल हो..
- Technology itel S24 की भारत में जल्द होने जा रही धमाकेदार एंट्री, पहले ही जान लें सभी डिटेल्स
- Education UP Board 12th Toppers List 2024:इंटर में सीतापुर के शुभम ने किया टॉप, 453 छात्र टॉप 10 में, देखें टॉपर्स लिस्ट
- Finance Antyodaya Scheme से क्या लाभार्थियों को मिल रहा है फायदा, क्या बन रहा है उनका जीवन बेहतर
- Automobiles Bajaj Chetak इलेक्ट्रिक स्कूटर का किफायती वेरिएंट जल्द होगा लॉन्च, जानिए कितनी होगी कीमत?
- Travel 5 शहर जो जुझ रहे हैं अत्यधिक भीड़ की समस्या से, अभी ड्रॉप कर दें यहां घूमने जाने का प्लान
- Sports Japan Open 2023: सेमीफाइनल में पहुंचे लक्ष्य सेन, एचएस प्रणय की विक्टर एक्सेलसन से भिड़ंत आज
शीतला सप्तमी 27 मार्च को, जानें शुभ मुहूर्त, व्रत की विधि, महत्व और कथा
हिंदू कैलेंडर के मुताबिक चैत्र माह की कृष्ण पक्ष की सप्तमी को शीतला सप्तमी मनाई जाती है। कुछ स्थान ऐसे भी हैं जहां लोग अष्टमी तिथि पर व्रत करते हैं। भारत में ये पर्व खासतौर से गुजरात, उत्तर प्रदेश और राजस्थान में मनाया जाता है।
ये त्योहार शीतला माता को प्रसन्न करने के लिए मनाया जाता है और इस दिन लोग ठंडा भोजन करते हैं। इस व्रत में भक्त एक दिन पुराना बनाया हुआ बासी खाना खाते हैं और इस वजह से इस त्योहार को बसौड़ा, बसियौरा व बसोरा भी कहते हैं। इस बार शीतला सप्तमी का व्रत 27 मार्च को किया जाएगा। वहीं कई लोग शीतला अष्टमी 28 मार्च को मनाएंगे।
बसौड़ा या शीतला सप्तमी की ये है व्रत विधि
व्रत करने वाली महिलाओं को इस दिन सुबह जल्दी उठना चाहिए और स्नान करके शुद्ध हो जाना चाहिए। इसके बाद आप व्रत का संकल्प लें। फिर पूरे विधि विधान के साथ शीतला माता की पूजा करें। अब आप व्रत से एक दिन पहले ही भोजन जैसे मिठाई, पूआ, दाल चावल, हलवा पूरी, दही बड़ा, पकौड़ी आदि पकवान बना कर रख लें। अगले दिन यानि पूजा वाली सुबह आप इन चीजों का भोग शीतला माता को लगाकर परिवार की सुख-समृद्धि की कामना करें। अब आप शीतला स्त्रोत का पाठ करें। शीतला माता की कथा सुनें और रात भर जागरण करें।
शीतला माता की पूजा के लिए 27 मार्च को शुभ मुहूर्त सुबह 06 बजकर 28 मिनट से शाम के 06 बजकर 37 मिनट तक रहेगा।
जानें शीतला सप्तमी या शीतला अष्टमी का महत्व
भक्त शीतला माता का ये व्रत देवी को प्रसन्न करने के लिए रखते हैं। ऐसा माना जाता है कि जो व्यक्ति यह व्रत करता है उसे और उसके परिवार में किसी को पीतज्वर, फोड़े, दाहज्वर, आंखों से जुड़ी कोई समस्या नहीं होती है। ठंड लगने की वजह से होने वाली बीमारियां भी नहीं होती हैं। यह पर्व सर्दियों के मौसम के खत्म होने का संकेत देती है।
प्रसाद होता है खास
शीतला सप्तमी की खास बात ये है कि इसमें माता को भोग लगाने वाले सभी पकवान एक दिन पहले ही बना लिए जाते हैं और अगले दिन शीतला माता को इनका भोग लगाया जाता है। ये भी मान्यता है कि इस दिन घरों में चूल्हा नहीं जलाया जाता है। सभी को एक दिन बासी भोजन खाना होता है। इस दिन लोगों को गर्म भोजन खाने की मनाही होती है।
क्या है शीतला सप्तमी की कथा
किसी गांव में एक महिला थी जो शीतला माता की परम भक्त थी। वो शीतला माता का व्रत भी किया करती थी। उसके आलावा गांव का दूसरा कोई भी व्यक्ति शीतला माता की पूजा नहीं करता था। किसी वजह से एक दिन उस गांव में आग लग गई। उस आग में गांव की सारी झोपड़ियां जलकर राख हो गई थी। मगर उस औरत की झोपड़ी बिल्कुल ठीक थी। आश्चर्य से सब लोगों ने उससे इसका कारण पूछा तो उसने बताया कि वह शीतला माता की पूजा करती है और इसी वजह से उसका घर आग से सुरक्षित है। यह सुनकर गांव के दूसरे लोगों ने भी शीतला माता की पूजा आरंभ कर दी।