Just In
- 9 hrs ago Nitin Gadkari Health : पहले भी कई दफा बेहोश हो चुके हैं नितिन गडकरी, कहीं शुगर तो वजह नहीं?
- 9 hrs ago Cow Dreams Meaning: सपने में गाय देखना शुभ या अशुभ, जानें क्या कहता है स्वप्न शास्त्र
- 10 hrs ago Shukra Gochar 2024: भोग-विलास के कारक शुक्र देव का गोचर जल्द, इन राशियों के शुरू होंगे ऐशो-आराम के दिन
- 10 hrs ago पार्टनर से कितना भी हो प्यार, मगर कभी बर्दास्त न करें उनके ये काम, शादी नर्क बनते नहीं लगेगी देर
Don't Miss
- News उद्धव ठाकरे को अमित शाह ने बताया नकली शिवसेना अध्यक्ष बताया, बोले- बाला साहब के संस्कारों को छोड़ दिया
- Education JEE Mains Topper List Statewise: किस राज्य में किसने किया टॉप, देखें राज्यवार जेईई मेन टॉपर्स सूची
- Movies Seema Haider ने पाकिस्तानी प्रेमी का किया खुलासा, कहा- 'मैं उससे शादी करके घर बसाना चाहती थी, लेकिन...'
- Technology OPPO Find X7 Ultra Camera Deep-Dive: स्मार्टफोन पर फोटोग्राफी की सीमाओं को आगे बढ़ाने का नया उपाय
- Finance IndiGo Airline: आपके एंटरटेनमेंट पर नहीं लगेगा फुल स्टॉप, फ्लाइट में मिलेगी ये खास सर्विस
- Automobiles मिडिल क्लास की पसंदीदा है Hero की ये बाइक, कीमत सिर्फ 75 हजार रुपये, माइलेज भी है शानदार..
- Travel DGCA ने पेरेंट्स के साथ सफर कर रहे 12 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए बदला नियम, जाने यहां
- Sports Japan Open 2023: सेमीफाइनल में पहुंचे लक्ष्य सेन, एचएस प्रणय की विक्टर एक्सेलसन से भिड़ंत आज
क्यों कृष्ण ने कहा अर्जुन से कर्ण को मारना जरुरी है
पुराणों के अनुसार, महाभारत का युद्ध सबसे बड़ा युद्ध था जो धर्म और अधर्म के बीच हुआ था। युद्ध के दौरान ऐसी बहुत सारी घटनाये हुई जिससे कहानी बहुआयामी और जटिल हो गयी। युद्ध के दौरान कई बार कृष्ण ने अर्जुन से परंपरागत नियमों को तोड़ने के लिए कहा जिससे धर्म की रक्षा हो सके।
कर्ण की हत्या भी महाभारत का एक ऐसा ही हिस्सा है। कर्ण सूर्य के पुत्र, अंग के राजा और एक महान योद्धा थे, जिनके पास अपनी रक्षा के लिए कवच और कुंडल सूर्य भगवन से मिले थे।
READ: महाभारत से जुड़े कुछ रोचक रहस्य
सूर्यपुत्र कर्ण, महारथी कर्ण, दानवीर कर्ण, सर्वश्रेष्ठ धनुर्धर कर्ण, राधेय, वसुषेण ऐसे कितने ही नामोँ से पुकारा जाने वाले एक महान यौद्धा थे। दुर्भाग्य से कर्ण को तीन शाप मिले थे जो की उन्हें अपने ब्राह्मण गुरु और भूमि देवी से मिला था, पहला क्रोधित परशुराम ने कर्ण को शाप दिया कि तुमने मुझसे जो भी विद्या सीखी है वह झूठ बोलकर सीखी है इसलिए जब भी तुम्हें इस विद्या की सबसे ज्यादा आवश्यकता होगी, तभी तुम इसे भूल जाओगे। कोई भी दिव्यास्त्र का उपयोग नहीं कर पाओगे।
कृष्ण ने इसी अवसर का इस्तेमाल कर कर्ण को मरने को कहा था। कहानी के माध्यम आप सब यह सोच रहें होंगे कि ऐसा क्यों। चलिए हम बताते हैं...
लक्ष्य
महत्वपूर्ण
है
भगवद
गीता
में
यह
स्पष्ट
रूप
से
भगवान
कृष्ण
ने
कहा
है
कि
लक्ष्य
महत्वपूर्ण
है
ना
कि
वह
पहुचने
का
रास्ता।
महाभारत
में
भगवान
कृष्ण
का
पहला
लक्ष्य
धर्म
की
रक्षा
करना
और
अधर्म
का
नाश
करना
है।
परम्परागत नियमों को तोड़ें
धर्म को बचने के लिए कृष्ण पारंपरिक नियमों को तोड़ने से भी पीछे नहीं हाटे। कर्ण की हत्या इसका सबसे बड़ा उद्धरण हैं, युद्ध के दौरान कर्ण निःशस्त्र थे तब कृष्ण ने अर्जुन से कहा कर्ण को मरने के लिए। जिससे आगे चल कर पांडवों की जीत हुई।
परिस्थिति का उपयोग
महाभारत का युद्ध कोई आम युद्ध नहीं था क्योंकि यह युद्ध परिवार वालों के बीच था। जिससे किसी एक को तोह मारना ही है। इसलिए धर्म की रक्षा करने के लिए कृष्ण ने निःशस्त्र कर्ण को मारने का फैसला किया था।
सबसे बड़ी बाधा को हटाना
कर्ण को सबसे शक्तिशाली व्यक्ति माना जाता है जो अर्जुन को मार सकते थे, इसलिए कर्ण को किसी भी तरह मारना जरुरी था। कर्ण मौत के बाद आगे चल कर पांडवों की महाभारत में जीत हुई थी।
धर्म की जीत निश्चित है
कृष्ण के कर्ण को मारने का सही जवाब कोई भी नहीं दे सकता है। लेकिन जो अधर्म के रास्ते पर चलेगा उसका सर्वनाश निश्चित है, फिर चाहे वह कोई भी व्यक्ति क्यों ना हो। कर्ण गलत नहीं थे सिर्फ उन्होंने गलत का साथ दिया था यही वजह है कि उनकी मौत के बाद भी दुनिया भर में उनको इज्जत से याद किया जाता है।