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जानिये सावन माह का महत्‍व और उसमें की जाने वाली रस्‍में

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सावन माह की शुरुआत हो चु‍की है, मंदिरों में इसकी तैयारियां भी जोरो-शोरों से हो रही है। हर हिंदू घर में शिव जी को खुश करने के लिये ओम नम: शिवाय की गूंज सुनाई दे रही है। हिंदू कैलेंडर के अनुसार यह श्रावन का महीना सबसे पवित्र माना जाता है। कई घरों में लोग आज के ही दिन से हर प्रकार के मांस-मछली खाना बंद कर देते हैं।

ऐसा नहीं है कि मांस मछली खाना अपवित्र है बल्‍कि इससे पेट में संक्रमण पैदा होने के चांस बढ जाते हैं क्‍योंकि इस समय बरसात अपनी पूरे जोश में होती है। बारिश का पानी अपने साथ कई जानलेवा बीमारियां साथ में लक कर आती हैं। पौराणिक संदर्भ में अगर बात करें, तो श्रावण माह को प्‍यार का महीना भी बोला जाता है। व्यावहारिक रूप से यह कई जानवरों के लिये प्रजनन का मौसम होता है।

श्रावन माह में क्‍यूं खाया जाता है शाकाहारी भोजन श्रावन माह में क्‍यूं खाया जाता है शाकाहारी भोजन

हिन्‍दू नियम के तहत इस दौरान मछली पकड़ने पर रोक लगाई जाती है क्‍योंकि इस समय मछलियों के पेट में अंडे़ होते हैं, जिन्‍हें मारना पाप होता है। आइये जानते हैं कि सवन माह यानी की श्रावन के महीने का हमारी जिंदगी में क्‍या महत्‍व है।

आइये दर्शन करते हैं भारत के प्रसिद्ध मंदिरों केआइये दर्शन करते हैं भारत के प्रसिद्ध मंदिरों के

 सिंधारा

सिंधारा

उत्‍तर भारत में , सावन का महीना बहुत हंसी खुशी के साथ मनाया जाता है, खासतौर पर लड़कियों और महिलाओं के बीच में। इसमें लड़कियों को उनके मां बाप नए-नए कपडे़ और गहंने उपहार में देते हैं। शादी शुदा महिलाओं को उनके माता-पिता तथा सास-ससुर की ओर से उपहार दिये जाते हैं। इस दिन शादी शुदा महिलाएं अपने माता-पिता के घर जाती हैं और खुशियां बिखेरती हैं।

भगवान शिव का माह

भगवान शिव का माह

सावन का पूरा महीना केवल शिव जी के नाम होता है। यह दिन इसलिये खास बना क्‍योंकि इस दिन समुंद्र मंथन हुआ था, जिसमें शिव जी ने हलाहल नामक जहर पी कर सारे पृथ्‍वाी वासियों को बचाया था।

श्रावण सोमवार

श्रावण सोमवार

इस महीने में जितने भी सोमवार पडते हैं, उन्‍हें श्रावण सोमवार कहा जाता है। यह पावन महीना शिव जी का होता है, जिसमें शिवरात्री मनाई जाती है। सावन का पूरा महीना यूं तो भगवान शिव को अर्पित होता ही है पर सावन के पहले सोमवार को भगवान शिव की पूजा करने से विशेष फल मिलता है। भारत के सभी द्वादश शिवलिंगों पर इस दिन विशेष पूजा-अर्चना की जाती है। कहा जाता है सावन के सोमवार का व्रत करने से मनचाहा जीवनसाथी मिलता है और दूध की धार के साथ भगवान शिव से जो मांगो वह वर मिल जाता है।

महादेव का अभिषेक

महादेव का अभिषेक

इस दौरान पूजन की शुरुआत महादेव के अभिषेक के साथ की जाती है। अभिषेक में महादेव को जल, दूध, दही, घी, शक्कर, शहद, गंगाजल, गन्ना रस आदि से स्नान कराया जाता है। अभिषेक के बाद बेलपत्र, समीपत्र, दूब, कुशा, कमल, नीलकमल, ऑक मदार, कनेर, राई फूल आदि से शिवजी को प्रसन्न किया जाता है। इसके साथ की भोग के रूप में धतूरा, भांग और श्रीफल महादेव को चढ़ाया जाता है।

महिलाओं के लिये खास

महिलाओं के लिये खास

सोमवार को कुंवारी लड़कियां भगवान शिव से अच्‍छे वर पाने का वरदान मांगती हैं। वे इस दिन सारा दिन भूखी रह कर शिव जी की पूजा करती हैं।

शादी का महीना

शादी का महीना

माना जाता है कि मॉनसून के महीने में जो भी लड़की शादी करेगी, उसको स्‍वस्‍थ बच्‍चे होने का वरदान प्राप्‍त होगा।

कांवड़िये चले शिव के धाम

कांवड़िये चले शिव के धाम

सावन का महीना शिवभक्तों के लिए खास होता है। शिवभक्त कांवड़ियों में जल लेकर शिवधाम की ओर निकल पड़ते हैं। शिवालयों में जल चढ़ाने के लिए लोग बोल बम के नारे लगाते घरों से निकलते हैं। भक्त भगवा वस्त्र धारण कर शिवालयों की ओर कूच करते हैं।

English summary

Why The Month Of Shravan Is Significant?

To understand the significance of Shravan, you need to take a closer look at the rituals associated with it and here they are.
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