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इन 4 महिला किरदारों से जाने पौरोणिक काल में रेप कल्‍चर के बारे में

जहां सीता अपनी पवित्रता साबित करने के लिए अग्निपरीक्षा से गुजरी तो वहीं पिता का वादा पूरे करने के लिए माधवी को अलग अलग पुरुषों से शारीरिक संबंध बनाना पड़ा। ये है पितृ सतात्‍मक समाज का सच ।

By Seema Rawat
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हाल ही में कोर्ट ने 2012 में हुए निर्भया कांड के दोषियों को फांसी की सजा सुना ही दी। और गुजरात की बिलकिस बानों के साथ हुए सामूहिक बलात्‍कार के मामले पर भी 15 साल बाद कोर्ट का फैसला आ गया। यह दो मामले तो महिलाओं के साथ हुए उत्पीड़न, शोषण और अत्याचार के सिर्फ कुछ नमूने मात्र ही है। महिलाओं पर अत्‍याचार और उनका शोषण की दास्‍तां कोई नई बात नहीं है। ये तो हमारे समाज में सदियों से चला आ रहा है।

अगर हम पौराणिक ग्रंथों के पन्‍नों को पलटकर देखे तो मालूम चलेगा कि पौराणि‍क काल में महिलाएं जिन्‍हें हम सशक्‍त, त्‍याग, समर्पण का प्रतीक मानते है। इसके बाद भी उन्‍होंने अपने जीवन में काफी कुछ अन्‍याय झेला।

आइए इन महिलाओं के जरिए हम पौरोणिक काल में पितृसतात्‍मक समाज में महिलाओं के साथ हुए अन्‍याय और अत्‍याचार को आज के संदर्भ में जोड़कर देखते है।

माधवी -

माधवी -

माधवी को वरदान था कि वो सिर्फ बेटा ही पैदा कर सकती है जो निश्चित रुप से एक शाक्तिशाली योद्धा बनेगा। लेकिन हर प्रसव के बाद भी माधवी कुंवारी ही रहेगी।

उसका कौमार्य कभी भी भंग नहीं होगा। माधवी के शोषण की कहानी तब शुरू हुई जब माधवी के पिता राजा ययाती के पास गुरू विश्वामित्र के शिष्य ग्‍लावा ने अपने गुरू जी को गुरुदक्षिणा के तौर पर 800 काले कान वाले सफेद घोड़े देने का अपना वादा करने के लिए कहा।

चूंकि राजा के पास घोड़े नहीं थे, इसलिए राजा ने बेटी माधवी को उसके हाथ सौप दिया। और कहां ​कि जिस राजा के पास भी 800 ऐसे घोड़े मिले। उनसे माधवी का विवाह करवा देना। लेकिन ऐसा कोई राजा नहीं मिला जिसके पास 800 घोड़ें हो, इस​लिए ग्‍लावा ने माधवी को 200 घोड़ों के लिए तीन बार तीन अलग राजाओं के साथ भेजा।

अंत में जब 200 घोड़े नहीं मिले तो माधवी को गुरु विश्वमित्र के पास छोड़ दिया गया। पौरााणिक काल की माधवी की यह कहानी सुनकर तो यहीं लगता है कि महिलाएं पौरोणिक काल से भोग की वस्‍तु ही रही है।

सीता

सीता

एक तरफ भगवान श्री राम की पत्नी बनने का सौभाग्य और दूसरी तरफ राजा की पत्नी होने के नाते अग्नि परीक्षा देनी पड़ी।

वो भी इसलिए क्योंकि वह 14 वर्ष पति के बजाय, किसी ओर मर्द के साथ रहीं। इसलिए प्रजा ने जब उनके चरित्र पर सवाल उठाए तो उन्हें अग्नि परीक्षा देनी पड़ीं। यह अग्नि परीक्षा पास कर सीता जी ने भी अंत में राज पाठ छोड़ कर संयासन की तरह जीवन जिया और अंत में धरती मां की गोद में समा गई। सीता जी के साथ जो कुछ हुआ वह बहुत अपमानजनक था, उनके अपहरण में उनकी कोई गलती नहीं थी, फिर भी अपनी पवित्रता को साबित करने के लिए उन्हें अग्नि परीक्षा देना पड़ा । आज भी लड़कियों को किसी और की गलतियों का खामियाजा भुगतना पड़ता है।

द्रोपदी

द्रोपदी

द्रोपदी की कहानी सभी ने सुनी है, पांच पतियों कि पत्नी पांचाली कि रक्षा उनके पांच ​पति भी नहीं कर पाए।भरी सभा में उनका चीर हरण हुआ, उन्हें जुएं में दांव पर लगाया गया। अपने साथ हुए दुर्व्‍यवहार से द्रोपदी न सिर्फ क्रोधित हुई बल्कि इसका प्रतिशोध भी लिया।

लेकिन आखिर में द्रोपदी के हाथों में निराशा ही लगी। पूरे इतिहास में ऐसी कोई महिला नहीं है जिसके पांच पति हो लेकिन दुर्भाग्‍य कि भरी सभा में जब उसके साथ दुर्व्‍यवहार हो रहा था तो उन पांचों में से कोई उसे बचाने नहीं आया।

अहिल्‍या

अहिल्‍या

ऋषि गौतम की पत्नी अहिल्‍या इतनी सुंदर थी, कि इंद्र देव ने ऋषि का वेश धारण कर उनके साथ समय व्यतित किया। इस कारण उन्हीं के पति ऋषि गौतम ने उन्हें ताउम्र पत्थर बने रहने का श्राप दे दिया। इसी श्राप का अंत भगवान राम ने अपने चरणों से छूकर, उन्हें फिर से नया जीवनदान दिया। देवी अहिल्‍या के साथ जो कुछ हुआ उसमे उनकी गलती नहीं थी, फिर भी उन्हें सजा मिली। आज भी ऐसा ही होता आ रहा है लड़कियों के साथ ज्‍यादाती होने के बावजूद सजा भी उन्‍हें भुगतनी पड़ती है।

क्‍या पितृसत्तात्‍मक समाज है वजह ?

क्‍या पितृसत्तात्‍मक समाज है वजह ?

पौराणिक काल की इन चार महिलाओं की कहानी के बारे में अमूमन हर कोई जानता होगा। ये का‍हानियां हमें नई इसलिए नहीं लगती, क्योंकि समय भले ही बदल गया हो लेकिन महिलाओं कि दशा में आज भी कोई सुधार नहीं हुआ है। लोग आज भी सम्‍पति विवाद जैसे मामले में बदला लेने के लिए महिलाओं को मोहरा बनाते है। आज भी अगर महिलाएं अपने चारों तरफ बनाई गई दीवार से बाहर निकलना चाहती है तो निर्भया की तरह उसके साथ बलात्‍कार करके सड़क पर फेंक कर चले जाते है।

हमें आज भी इस पुरुष प्रधान समाज के बारे में सोचना होगा क्‍योंकि महिलाओं के प्रति बढ़ते अत्‍याचारों की एक वजह यह भी है।

English summary

What these 4 women characters from Indian mythology tell us about rape culture

Time we relook at patriarchy because it's directly linked to sexual crimes against women.
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