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मत कीजिये पीरियड ट्रैकर एप पर भरोसा क्योंकि ये होते हैं फेक
तकनीक के इस दौर में रोज कोई न कोई नयी तकनीक हमारे सामने मौजूद रहती है। आज के समय में हर किसी के हाथ में स्मार्टफोन है इसलिए हर कंपनी अपना कोई भी प्रोडक्ट लांच करते समय उसका एप ज़रूर बनाती हैं जिससे उनकी पहुंच अधिक उपभोक्ताओं तक पहुंच सके। कई एप इतने महत्वपूर्ण हैं कि उनके बिना आपका काम ही नहीं चल सकता है।
हाल ही के कुछ महीनों में पीरियड ट्रैकर नामक एप को लेकर काफी चर्चा है। इस एप की खासियत है कि यह महिलाओं के मासिक चक्र को ट्रैक करता रहता है और उस हिसाब से आपको अगले पीरियड के बारे में
जानकारी देता है साथ ही यह भी बताता है कि इस बार आपका पीरियड सामान्य की तुलना में लेट है या नहीं। इस आर्टिकल में हम यह बता रहे हैं कि यह एप सच में उतनी भरोसेमंद है या नहीं।
यह पीरियड को ट्रैक करने की जिम्मेदारी लेता है
जब भी आप इस एप को इंस्टाल करेंगी तो उस दौरान यह आपसे आपकी उम्र और बाकी चीजों की जानकरी मांगता है और उसके बाद इसमें पिछले महीने की पीरियड की डेट भी फिल करनी होती है। आपको यह भी बताना पड़ता है कि सामान्यतः आपका पीरियड कितने दिनों तक चलता है। इसके बाद यह एप आटोमेटिक फर्टाइल डेट और सेफ पीरियड्स के बारे में बताने लगता है।
मां बनने की चाह रखने वाली महिलाएं इस एप को ज्यादा पसंद कर रही हैं
जो महिलायें मां बनना चाहती हैं वे इस एप को ज्यादा इस्तेमाल कर रही हैं और इसकी बतायी हुई फर्टाइल डेट पर सेक्स करना पसंद करती हैं। आपको बता दें कि वास्तव में किसी भी एप से ओवैल्यूएशन डेट नहीं बतायी जा सकती है यह सिर्फ फेमस होने और मार्केटिंग का एक तरीका है जिसकी चपेट में अधिकतर महिलाएं आ रही हैं।
क्या कहती है रिसर्च
कैलिफोर्निया के रिसर्चर की टीम ने इस तरह की कई एप की कुछ महीनो तक जांच पड़ताल की और फिर उन्होंने कहा कि इन एप के बताये गये आंकड़े बिल्कुल भी भरोसेमंद नहीं हैं। यहां तक कि उनके अनुसार ये एप कई बार पीरियड की डेट भी गलत बताते हैं। ये सारे एप एक ही पैटर्न पर काम करते हैं जबकि आपके पीरियड का पहले या बाद में आना आपकी अपनी लाइफस्टाइल और शारीरिक गतिविधियों पर निर्भर करता
है।
फैक्ट
उनके अनुसार इन आंकड़ों पर भरोसा नहीं करना चाहिये बल्कि इसकी बजाय आप डॉक्टर से अपनी जांच करवाके इस बारे में पता लगायें वो ही सही तरीका है।