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महाराष्‍ट्र के इस गांव में महिलाएं न‍िकलवा देती है गर्भाशय, वजह जान हैरान रह जाएंगे आप!

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महिलाएं को अपनी जिंदगी में कई संघर्ष और समर्पण का सामना करना पड़ता है। यहीं कारण है कि उन्‍हें त्‍याग और समर्पण की मूरत कहा जाता है लेकिन महाराष्ट्र के बीड़ जिले की महिलाएं जरा सी आजीविका के ल‍िए किस हद त्‍याग करना पड़ रहा है इसकी तो हम और आप परिकल्‍पना भी नहीं कर सकते हैं। दरअसल महाराष्ट्र के बीड़ जिले की गाजीपुर महिलाएं रोजगार के ल‍िए गर्भाशय को निकला (Hysterectomies) रही हैं, ताकि उनका काम प्रभावित न हो और वो मासिक धर्म पर लगने वाले जुर्माने से बच सकें।

महाराष्ट्र के बीड़ जिले के हाजीपुर गांव को गन्‍ना श्रमिकों के वजह से जाना जाता है जो गन्‍ने के कटाई का काम करते है। श्रमिक अपना घर चलाने के लिए गन्ना की कटाई के दौरान महाराष्ट्र के पश्चिमी इलाके में चले जाते हैं। महाराष्‍ट्र में सूखे के हालात होने के वजह से यहां श्रामिकों की संख्‍यां में इजाफा हुआ है।

 इस वजह से महिलाएं निकाल देती है गर्भाशय

इस वजह से महिलाएं निकाल देती है गर्भाशय

आप यह जानकर हैरान रह जाएंगे कि महाराष्‍ट्र के वनजारवाड़ी गांव में दो या तीन बच्चों को जन्म देने के बाद महिलाओं का गर्भाशय निकलवाना एक 'चलन' बन गया गया है। गांववालों का मानना है कि गर्भाशय की वजह से महिलाओं के काम पर असर पड़ता है। दरअसल, इसके पीछे वह पीरियड्स या मासिक धर्म को जिम्‍मेदार मानते हैं। उनको लगता है कि पीरियड्स की वजह से काम प्रभावित होता है और काम के दौरान अवकाश लेने से उन पर जुर्माना लगता है।

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देना पड़ता है जुर्माना

देना पड़ता है जुर्माना

इस रिपोर्ट में जो बात सामने आई है वो बहुत हैरान कर देने वाली है कि कटाई करने आए पति और पत्नी को एक यूनिट माना जाता है। अगर दोनों में से कोई एक भी छुट्टी लेता है तो कॉन्ट्रैक्टर को 500 रुपये जुर्माना चुकाना पड़ता है।

ताकि नहीं लेनी पड़े छुट्टी

ताकि नहीं लेनी पड़े छुट्टी

दरअसल इस गांव में गन्‍ना की कटाई करने वाला ठेकेदार पूरे साल भर की कटाई का ठेका लेता है। जिसकी वजह से एक तय समय के अंदर उन्‍हें अपना कॉन्‍ट्रेक्‍ट पूरा करना होता है। ऐसे में उन्‍हें ऐसे श्रामिकों की जरुरत होती है जो बिना छुट्टी ल‍िए काम कर सकें। काम जल्‍दी हो जाएं इस वजह से ठेकेदार बिना गर्भाशय वाली महिलाओं को काम पर रखना पसंद करते हैं क्‍योंकि उनके अनुसार, मासिक धर्म पर होने वाली महिलाओं को अधिक छुट्टियों की आवश्‍यकता पड़ती है, जिसका असर सीधा काम पर पड़ता है।

कम उम्र की महिलाएं भी करवा रही हैं Hysterectomies

कम उम्र की महिलाएं भी करवा रही हैं Hysterectomies

रिपोर्ट के अनुसार गर्भाशय न‍िकालने वाली महिलाओं में 25 साल की महिलाएं भी शामिल है क्‍योंकि इस क्षेत्र में रोजगार का सिर्फ यही साधन हैं। इस रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि जिन महिलाओं को ये सर्जरी करानी होती है वो कॉन्ट्रैक्टर से ही एडवांस में पैसे लेती हैं और धीरे-धीरे अपनी दिहाड़ी से कटवाती रहती हैं।

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जारी किया नोटिस

जारी किया नोटिस

ये मामला अभी इन दिनों इसल‍िए तूल पकड़ रहा है क्‍योंकि राष्ट्रीय महिला आयोग ने इस विषय को गम्‍भीरता से लेते हुए महाराष्ट्र के मुख्य सचिव को नोटिस जारी किया हैंद्य आयोग ने कहा कि वह महिलाओं की इस दयनीय स्थिति और उनके साथ होने वाले इस अपराध को लेकर चिंतित है।

English summary

Why many women in In This Maharashtra Village Womb-less

Cane-cutting contractors are unwilling to hire women who menstruate, so hysterectomies have become the norm.
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