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World Students Day 2021:जानिए 15 अक्टूबर के दिन क्यों मनाया जाता है यह खास दिन
वर्ल्ड स्टूडेंट डे हर साल 15 अक्टूबर को मनाया जाता है। यह दिन भारत के पूर्व राष्ट्रपति स्वर्गीय डॉ एपीजे अब्दुल कलाम की बर्थ एनिवर्सरी के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। जिनका जन्म 15 अक्टूबर, 1931 को तमिलनाडु के रामेश्वरम में हुआ था। डॉ कलाम ने रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन और भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन के साथ कुछ विशिष्ट पदों पर कार्य किया। भारतीय सेना के मिसाइल कार्यक्रमों में उनका योगदान उल्लेखनीय है। यहां तक कि उन्हें भारत के मिसाइल मैन के रूप में भी जाना जाता है। उन्होंने अपनी क्षमता, तेज दिमाग और विचारों से सिर्फ देश को ही बल्कि पूरे विश्व में अमिट छाप छोड़ी। इतना ही नहीं, उनके इंस्पायरिंग लेक्सर्च और मोटिवेशनल राइटिंग ने छात्रों और युवाओं के जीवन पर गहरा प्रभाव छोड़ा। इसलिए, हर साल छात्र समुदाय को प्रेरित करने के लिए आइकन एपीजे अब्दुल कलाम के प्रयासों को याद रखने और उनकी सराहना करने के लिए वर्ल्ड स्टूडेंट डे सेलिब्रेट किया जाता है। तो चलिए आज हम आपको इस दिन की खासियत के बारे में बता रहे हैं-
ऐसे हुई शुरूआत
साल 2010 में, संयुक्त राष्ट्र संगठन (यूएनओ) ने डॉ कलाम के शिक्षा के क्षेत्र में और छात्रों की बेहतरी के लिए किए गए प्रयासों को अधिक यादगार बनाने के लिए 15 अक्टूबर के दिन को विश्व छात्र दिवस के रूप में सेलिब्रेट करने का फैसला लिया। आमतौर पर, डॉ एपीजे अब्दुल कलाम को देश के पूर्व राष्ट्रपति के रूप में जाना जाता है, लेकिन अध्यापन की दुनिया में भी उनकी भूमिका बहुत महत्वपूर्ण रही। वह एक शिक्षाविद और कई लोगों के लिए प्रेरणा के स्रोत रहे। अध्यापन की दुनिया में उन्होंने पूर्ण समर्पण के साथ काम किया। उन्होंने हमेशा खुद को एक शिक्षक के रूप में ही देखा। यहां तक कि एपीजे अब्दुल कलाम को 27 जुलाई 2015 को आईआईएम शिलांग में एक लेक्चर देते समय हार्ट अटैक आया था, जिसके कारण उनका निधन हो गया था। उनके शब्द और कोट्स आज भी उतने ही प्रासंगिक हैं और कई लोगों को प्रेरणा देते हैं।
पढ़ाना लगता था सबसे अच्छा
एपीजे अब्दुल कलाम यूं तो एक वैज्ञानिक, लेखक यहां तक कि देश के 11वें राष्ट्रपति भी रहे। लेकिन उन्हें पढ़ाना सबसे अच्छा लगता था। इतना ही नहीं, एक बार खुद अब्दुल कलाम जी ने कहा था कि अगर दुनिया उन्हें एक शिक्षक के रूप में याद रखती है तो यह उनके लिए सबसे बड़ा सम्मान होगा। इस तरह, उन्हें याद रखने के लिए वर्ल्ड स्टूडेंट डे मनाया जाना उन्हें दी जाने वाली सच्ची श्रद्धाजंलि है। वहीं, साल 2006 में जब शिक्षकों को राष्ट्रीय पुरस्कार दिया जा रहा है, उस समय भी उन्होंने राष्ट्रपति के अभिभाषण में कहा था कि शिक्षकों को यह महसूस करना होगा कि वे समाज के निर्माता हैं। एक अच्छे समाज का निर्माण तब किया जा सकता है जब छात्रों के पास ज्ञान हो और वे अपने काम में कुशल हों। उनकी यह स्पीच भी टीचिंग के प्रति उनके प्रेम को प्रदर्शित करती है। बता दें कि एपीजे अब्दुल कलाम ने 25 जुलाई 2002 से 25 जुलाई 2007 तक बतौर राष्ट्रपति देश की सेवा की।
उनके विचार थे बेहद अद्भुत
एपीजे अब्दुल कलाम के विचार हर किसी को गहराई तक प्रभावित करते थे। वह जिन्दगी के प्रति एक गहरी समझ रखते थे, जिसके बारे में उनके विचारों से पता चलता है। उनके कुछ प्रसिद्ध विचार हैं-
• सपने वो नहीं होते, जिसे आप सोते हुए देखते हैं। सपने वह हैं, जो आपको सोने नहीं देते।
• इससे पहले कि सपने सच हों आपको सपने देखने होंगे।
• अगर तुम सूरज की तरह चमकना चाहते हो तो पहले सूरज की तरह जलो।
• आइये हम अपने आज का बलिदान कर दें ताकि हमारे बच्चों का कल बेहतर हो सके।
• छोटा लक्ष्य अपराध हैं, लक्ष्य हमेशा महान होना चाहिए।
• एक छात्र का सबसे महत्त्वपूर्ण गुण यह है कि वह हमेशा अपने अध्यापक से सवाल पूछे।
• महान शिक्षक ज्ञानए जूनून और करुणा से निर्मित होते हैं।