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स्‍पर्म डोनर के पास जाने से पहले ध्‍यान दें

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आज भारत में र्स्‍पम डोनेशन का चलन तेजी से बढ़ रहा है जिसके पीछे अभी हालही में रिलीज फिल्‍म विक्‍की डोनर नहीं बल्कि लोगो में पैदा हो रही इनफर्टिलिटी की समस्‍या है। करयिर बनाने के चक्‍कर में देर से शादी करना, दम्पतियों के पास एक दूसरे के लिये समय ना होना और प्रजनन समस्‍या का होना ही र्स्‍पम डोनेशन को बढावा दे रहा है।

Sperm Donation

र्स्‍पम डोनेशन एक ऐसी विधि है जिसके दा्रा एक पुरुष अपने शुक्राणुओं को उन दम्पति को देता है जो किसी कारण से बच्‍चा नहीं पैदा कर पाते। एक हेल्‍दी र्स्‍पम, डॉक्‍टरों दा्रा उन महिलाओं को गर्भवती बनाने में मददगार साबित होता है जो मां बनने की आस खो चुकी हैं। जिस कपल को र्स्‍पम चाहिये होता है वे र्स्‍पम बैंक में जा कर डोनर के सारे पुराने हेल्‍थ रिकार्ड देख कर र्स्‍पम ले सकते हैं। इस डोनर रिकार्ड में र्स्‍पम देने वाले व्‍यक्ति का नाम नहीं होता लेकिन वह क्‍या करता है, उसकी लंबाई, गोराई, वजन, एजुकेशन क्‍वालिफिकेशन और जाति के बारे में सारी जानकारियां लिखी होती हैं।

कई ऐसे भी केस देखने को मिले हैं जो मां और भ्रूण के लिये अस्‍वस्‍थ्‍य पाए गए। संक्रमित या क्षतिग्रस्त शुक्राणुओं से मां और बच्‍चे दोनों की ही जान को खतरा होता है। इसलिये अगर आप भी अपनी समस्‍या का हल ढूढंने किसी र्स्‍पम डोनेशन सेंटर जा रहे हैं तो कुछ खास बातों का ख्‍याल रखें जिससे भविष्‍य में आपको पछताना ना पड़े।

ध्‍यान रखें इन बातों का-

1. डॉक्‍टर से परामर्श लें - किसी भी र्स्‍पम डोनेशन सेंटर में जाने से पहले सबसे पहले अपनी गाइनकालजिस्ट से परामर्श करें। जब तक आपकी डॉक्‍टर आपसे यह ना बोले की आपके पार्टनर में लो र्स्‍पम काउंट या फिर वह किसी बीमारी से पीडि़त हैं, तब तक निष्कर्ष पर ना पहुंचे।

2. उचित र्स्‍पम बैंग चुने - कभी भी अखबार या हार्डिंग पर दिये गए र्स्‍पम बैंक के प्रचार को देख कर वहां जाने का तुरंत फैसला ना करें। एक अधिकृत और स्वच्छ र्स्‍पम बैंक ही अच्‍छी क्‍वालिटी र्स्‍पम के होने का दावा कर सकता है। साथ ही इस बात को भी सुनिश्चित करें कि फर्टिलाइजेशन हमेशा प्रमाणित प्रोफेशनल द्वारा ही किया जाता हो। ऐसे र्स्‍पम बैंक जो सर्टफाइड होते हैं वहीं कपल्‍स के लिये अच्‍छे माने जाते हैं।

3. डोनर के रिकार्ड अच्‍छे से चेक करें - जब भी आप र्स्‍पम डोनर के लिये जाएं तो डोनर का रिकार्ड चेक करना कभी ना भूले। हर स्‍पर्म बैक के पास डोनर की फुल डीटेल होती है। इसके अलावा वे लोग डोनर के शरीर की पूरी तरह से जांच करते हैं कि कहीं वह किसी बीमारी या फिर यौन संबधी बीमारी से तो नहीं पीडि़त है। यहां तक की इस रिकार्ड में डोनर के मां-पिता के खानदान का भी ब्‍यौरा दिया गया होता है।

4. आरएच कम्‍पैटिबिलिटी - बहुत से लोगो को इस बारे में जानकारी नहीं होगी कि प्रेगनेंसी के लिये ब्‍लड ग्रुप का भी बहुत बड़ा रोल होता है। यह आरएच या रिसस फैक्‍टर हमारे खून में होता है जो कि एक एंटीजन यानी की एक प्रकार का प्रोटीन होता है। जब एक निगेटिव ब्‍लड ग्रुप इस आरएच फैक्‍टर के संबध में आता है तो उसकी इम्‍मूयनिटी सिस्‍टम एंटीबॉडी पैदा करने लगती है जो कि उसके खिलाफ लड़ने लगती है। इससे मिसकैरेज हो जाता है इसलिये र्स्‍पम डोनर के ब्‍लड ग्रुप पर अधिक ध्‍यान दें।

जब तक आप सचेत हैं तब तक र्स्‍पम डोनेशन किसी भी प्रकार से घातक नहीं हो सकता है।

English summary

Sperm Donation Facts | स्‍पर्म डोनर के पास जाने से पहले ध्‍यान दें

Sperm donation is becoming a rage in the country.So, If you are going for a sperm donor, keep these points in mind.
Story first published: Thursday, June 21, 2012, 12:41 [IST]
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