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बच्चों को बहुत अधिक नुकसान पहुंचा सकती हैं कोरोना की दूसरी लहर

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कोरोना वायरस ने पूरे देश में हाहाकार मचाकर रख दिया है। यह कोविड-19 यूं तो सभी उम्र के लोगों को अपनी जद में ले सकता है, लेकिन काफी हद तक यह माना जाता है कि बच्चे, वयस्कों की अपेक्षा कम जोखिम वाली सीमा पर हैं। हालांकि पिछले कुछ समय में बच्चों में भी कोविड 19 के मामले सामने आए हैं, जिनमें कुछ बच्चों को अपनी जान से भी हाथ धोना पड़ा।

बच्चों को घातक वायरस से बचाना है जरूरी

बच्चों को घातक वायरस से बचाना है जरूरी

जैसा कि महामारी विज्ञानी अब चेतावनी देने की कोशिश कर रहे हैं, नए कोविड वैरिएंट, अधिक घातक है। ऐसा उनकी आसान संक्रामकता के कारण है। इतना ही नहीं, यह बच्चों को और भी आसानी से संक्रमित कर सकता है। भारत और दुनिया के कुछ हिस्सों में स्कूल और संस्थान खुलने के साथ ही अतिरिक्त चिंताएँ भी बढ़ रही हैं, क्योंकि अभी तक ऐसी ही किसी भी वैक्सीन को स्वीकृति नहीं मिली है, जिन्हें बच्चों के लिए प्रयोग में लाया जा सके।

क्या बच्चे नए COVID वेरिएंट के प्रति अधिक संवेदनशील हैं?

क्या बच्चे नए COVID वेरिएंट के प्रति अधिक संवेदनशील हैं?

कई निष्कर्षों और अध्ययनों के अनुसार, वायरस के नए वैरिएंट्स, जो अधिक मजबूत और घातक होने के लिए जाना जाता है, आसानी से प्रतिरक्षा सुरक्षा और एंटीबॉडी को पार कर सकता है। जबकि इससे पहले, यह संदेह था कि वयस्क एक इसके प्रति संवेदनशील है। हालांकि, अब स्कूलों और शैक्षणिक संस्थानों में भी तेजी से नए मामले सामने आ रहे हैं। कुछ महामारी विज्ञानियों का मानना है कि यह नया स्ट्रेन बच्चों की प्रतिरक्षा प्रणाली को ख़राब कर सकता है और इससे उनकी जान पर भी बन सकती है।

भारत में, जो संक्रमण की दूसरी लहर से जूझ रहा है, बेंगलूरु के एक स्कूल से छोटी आयु के समूहों के बीच सबसे अधिक फैलने की सूचना मिली, जहां 400 बच्चों का कोविड टेस्ट पॉजिटिव पाया गया। वहीं, जिन जिलों में बच्चों के लिए स्कूल हाल के महीनों में खोले गए, उनमें भी गड़बड़ी सामने आई है, जिससे आशंकाएं और बढ़ गई हैं।

नए COVID वेरिएंट कितने डरावने हैं?

नए COVID वेरिएंट कितने डरावने हैं?

नए कोविड वेरिएंट, यह भारत में पाए गए डबल म्यूटेंट वैरिएंट हों, या यूके, ब्राज़ीलियन वेरिएंट अपने जेनेटिक मेकअप में बदलाव करते हैं, जो 'वायरस' को एंट्री रिसेप्टर्स से जोड़ते हैं और महत्वपूर्ण सेलिंग पर हमला करते हैं। इतना ही नहीं, यह अधिक रोगसूचक संक्रमणों को होने और संक्रामक दरों के लिए ईंधन की तरह भी काम करता है।

हालांकि, अभी तक उन बच्चों पर बहुत अधिक शोध नहीं किया गया है जो नए कोविड वैरिएंट्स से संक्रमित हो गए हैं, विशेषज्ञों का मानना है कि यह नए वैरिएंट्स अत्यधिक संक्रामक हैं और यह सामान्य से अधिक लक्षणों को पेश कर सकता है। इतना ही नहीं, इसकी गंभीरता के चलते अस्पताल में भर्ती होने की नौबत भी आ सकती है। कुछ के अनुसार, दूसरी लहर के साथ होने वाले प्रकारों का एक रिवर्स ट्रेंड भी है। हालांकि शोध अभी भी जारी है, दुनिया भर के कई डॉक्टरों ने बच्चों में रोगसूचक संक्रमणों के अतिरिक्त जोखिम से संबंधित चिंताओं का हवाला दिया है।

संक्रमण कितना गंभीर हो सकता है?

संक्रमण कितना गंभीर हो सकता है?

जबकि बच्चों को वायरस के कम प्रभाव से पीड़ित होने के लिए जाना जाता है, लेकिन अब बच्चे सकारात्मक परीक्षण कर रहे हैं और पहले की तुलना में बहुत अधिक लक्षण दिखा रहे हैं। यह 2-16 वर्ष की आयु के बच्चों में तेजी से देखा जा रहा है।

डॉक्टरों ने अस्पताल में भर्ती होने के मामलों के बारे में भी चिंता व्यक्त की है। मल्टीसिस्टम इंफ्लेमेटरी सिंड्रोम (MIS-C) के मामले, जो एक दुर्लभ ऑटो इम्युन कंडीशन है जो कोरोना से पीड़ित बच्चों को प्रभावित कर सकती है और मृत्यु दर भी बढ़ रही है।

जर्नल ऑफ ट्रॉपिकल पीडियाट्रिक्स (जेटीपी) के निष्कर्षों ने सुझाव दिया है कि गंभीर कोविड-19 विकसित करने वाले लगभग 3 में से 1 बच्चों को भी तीव्र अस्पताल में भर्ती और गहन देखभाल की आवश्यकता होती है। इनमें कई कॉम्पलीकेशन का रिस्क भी डेवलप होता है-जिनमें से कुछ भी घातक हो सकते हैं। इसलिए, इसे किसी भी कीमत पर हल्के में नहीं लिया जाना चाहिए।

इस खतरे के लिए जिम्मेदार कारक

इस खतरे के लिए जिम्मेदार कारक

अभी वयस्कों और बच्चों के लिए कोविड-19 मामलों में वृद्धि के लिए बहुत सारे कारक जिम्मेदार हैं। कई विशेषज्ञों का यह भी मानना है कि अभी स्कूलों और शिक्षण संस्थानों को फिर से खोलने से मामलों में बड़ी तेजी आई है। पिछले वर्ष जब लॉकडाउन के कारण अधिकांश बच्चे घर में बंद थे, उन्होंने अब बाहर निकलना शुरू कर दिया है। प्ले एरिया में अधिक एक्सपोज़र, ग्रुप्स, ट्रेवल करना और खराब हाईजीन के कारण उनमें संक्रमण होने का अधिक खतरा हो सकता है।

आपको कौन से संकेत और लक्षण देखने चाहिए?

आपको कौन से संकेत और लक्षण देखने चाहिए?

हार्वर्ड हेल्थ की एक रिपोर्ट में उल्लेख किया गया है कि बच्चे वायरस के कारण कई नतीजों से पीड़ित हो सकते हैं- कुछ में कोई लक्षण नहीं हो सकते हैं या कम लक्षण विकसित हो सकते हैं। हालांकि, क्रॉनिक इम्युन प्रॉब्लम वाले लोग एमआईएस-सी की जटिलताओं से भी पीड़ित हो सकते हैं। कोरोनावायरस के क्लासिक लक्षण बुखार, सिरदर्द, खांसी और सर्दी के रूप में नजर आते हैं। हालांकि, जैसा कि अब मामले सामने आ रहे हैं, यह सलाह दी जा रही है कि किसी भी असामान्य लक्षण को खारिज या नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए और परीक्षण जरूर करवाना चाहिए। बच्चों में कभी-कभी वयस्कों के लक्षण से अलग भी लक्षण नजर आ सकते हैं। ये संकेत, हालांकि, अभी एक ही बार में ध्यान और निदान की मांग करते हैं।

टीका कब उपलब्ध होगा?

टीका कब उपलब्ध होगा?

टीके, बच्चों के लिए अभी एक लंबा शॉट है। उनके लिए वैक्सीन तैयार होने में कम से कम एक साल का समय लग सकता है। जबकि 16 वर्ष तक के बच्चों के लिए कोई अनुमोदित टीके उपलब्ध नहीं हैं, बच्चों पर यह परीक्षण करने के लिए कई महत्वपूर्ण नैदानिक परीक्षण किए जा रहे हैं कि टीका उन पर कितना सुरक्षित होगा।

English summary

Is Corona Virus Second Waves More Dangerous in Kids? Symptoms and signs

Here we are talking about the is coronavirus second wave impacting more on kids. Know signs and symptoms Read on.
Story first published: Saturday, April 10, 2021, 14:15 [IST]
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